बिहार

Bihar Cabinet: सियासत के नए समीकरण और संभावित शक्ति संतुलन

Bihar Cabinet: बिहार में 14 नवंबर 2025 को बनी एनडीए सरकार के बाद मंत्रिमंडल का प्रारंभिक गठन Initial formation पूरा हो चुका है। कुल 26 मंत्रियों ने शपथ ली, जिनमें भाजपा के 14, जदयू के आठ, लोजपा (रामविलास) के दो और हम व रालोमो से एक-एक चेहरे शामिल हैं। संविधान के अनुसार बिहार में अधिकतम 36 मंत्रियों की गुंजाइश होती है, यानी अभी नौ पद खाली हैं जिन पर सभी दलों की नजर टिकी हुई है। प्रारंभिक गठन के बाद अब राज्य की राजनीति में कैबिनेट विस्तार को लेकर चर्चा और ज्यादा तेज हो गई है।

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कैबिनेट विस्तार की संभावित समय-सीमा

मिली सूचनाओं के अनुसार, शेष नौ पदों According to this, the remaining nine positions को भाजपा और जदयू के बीच बांटने पर विचार चल रहा है। बताया जाता है कि खरमास के बाद कैबिनेट विस्तार की प्रक्रिया आगे बढ़ सकती है। इसी बीच हम और लोजपा (रामविलास) भी विस्तार को लेकर सक्रिय हैं। खासकर हम पार्टी के संरक्षक जीतन राम मांझी ने खुलकर संकेत दिए हैं कि उनका दल अतिरिक्त प्रतिनिधित्व की उम्मीद कर रहा है, जबकि लोजपा (रामविलास) की ओर से अब तक सार्वजनिक रूप से कोई ठोस दावा नहीं रखा गया है।

लोजपा (रामविलास) की हिस्सेदारी को लेकर उम्मीदें

लोजपा (रामविलास) के 19 विधायक इस चुनाव में विजयी रहे हैं। मंत्री बनाए जाने के संभावित फॉर्मूले को देखें तो पार्टी को एक और मंत्री पद मिलने की संभावना जताई The possibility was raised जा रही है। हालांकि अंतिम निर्णय किस दिशा में जाएगा, यह विस्तार की घोषणा के समय स्पष्ट होगा। यह भी राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण होगा कि क्या पार्टी को केवल एक अतिरिक्त पद मिलता है या संतुलन साधने के लिए कोई बड़ा बदलाव देखने को मिलता है।

हम पार्टी का रुख और जीतन राम मांझी का बयान

हम पार्टी के संरक्षक और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने हाल ही में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में कहा था कि उनकी पार्टी के विधायक दल के नेता ने दो मंत्री पदों की मांग Demand for ministerial positions रखी है। उनका कहना था कि यदि दो पद न भी मिलें, तो दो महत्वपूर्ण विभाग देने पर विचार होना चाहिए। मांझी ने यह भी कहा कि यदि उनकी पार्टी को कुछ और सीटें मिली होतीं, तो वह भी बेहतर प्रदर्शन कर सकती थी। इसका मतलब साफ है कि हम पार्टी सरकार में अपनी भूमिका को और मजबूत करने के प्रयास में जुटी है।

मंत्री पदों के वितरण का फॉर्मूला

चर्चाओं के अनुसार छह विधायकों पर एक मंत्री पद का फॉर्मूला अपनाया जा रहा है। इसी आधार पर लोजपा (रामविलास) को एक अतिरिक्त पद का दावा मजबूत माना जा रहा है। लेकिन यही फॉर्मूला  Formula हम पार्टी की मांग को कमजोर भी कर सकता है। वहीं भाजपा ने 89 और जदयू ने 85 सीटों पर जीत हासिल की है, इसलिए स्वाभाविक रूप से दोनों दलों का साझा दबदबा कैबिनेट में बड़ा रहेगा। यह भी बताया जा रहा है कि भविष्य की राजनीतिक परिस्थितियों को देखते हुए एक या दो पद फिलहाल खाली रखे जा सकते हैं ताकि विपक्षी दलों के संभावित विधायकों के समर्थन पर उन्हें समायोजित किया जा सके।

आगामी सियासी दिशा

कैबिनेट विस्तार से जुड़ा हर फैसला आने वाले दिनों की राजनीति पर प्रभाव nfluence on politics डालने वाला है। सत्ता संतुलन, गठबंधन के भीतर रिश्ते और क्षेत्रीय नेतृत्व की भूमिका—इन सभी पर विस्तार की प्रक्रिया का असर साफ देखा जाएगा। बिहार की राजनीति में यह विस्तार केवल प्रशासनिक आवश्यकता भर नहीं, बल्कि गठबंधन की मजबूती और आंतरिक तालमेल की परीक्षा भी है।

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