उत्तराखण्ड

Jan Vishwas Act: अब जेल नहीं, सिर्फ जुर्माना, उत्तराखंड में लागू हुआ ‘जन विश्वास ऐक्ट’, जानें क्या है नया फैसला…

Jan Vishwas Act: उत्तराखंड सरकार ने सात पुराने ऐक्ट को खत्म कर नया जन विश्वास ऐक्ट लागू कर दिया है (Jan Vishwas Act Uttarakhand)। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट बैठक में इस ऐक्ट के अध्यादेश को मंजूरी दी गई। नए ऐक्ट के तहत अधिकांश सामान्य अपराधों में जेल की सजा खत्म कर दी गई है और जुर्माने की राशि पांच गुना तक बढ़ा दी गई है।

Jan Vishwas Act
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पर्यावरणीय अपराधों में सख्ती – Jan Vishwas Act Uttarakhand

जन विश्वास ऐक्ट में पर्यावरण से जुड़े मामलों को लेकर कड़ा प्रावधान रखा गया है (Environmental Penalty Jan Vishwas Act Uttarakhand)। उत्तराखंड नदी घाटी विकास एवं प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत गंभीर पर्यावरणीय अपराध करने पर 50 हजार रुपये का जुर्माना और दो महीने की जेल की सजा हो सकती है। अपराध की गंभीरता के अनुसार दोनों सजाओं को एक साथ लागू किया जा सकता है।


जुर्माने में नियमित वृद्धि – Jan Vishwas Act Uttarakhand

नए ऐक्ट के अनुसार हर तीसरे साल जुर्माने की राशि में 10 प्रतिशत का इजाफा होगा (Penalty Increase Jan Vishwas Act Uttarakhand)। इससे जुर्माना समय के साथ और अधिक प्रभावी उपाय बनेगा और छोटे अपराधों में कार्रवाई को व्यवहारिक बनाया जा सकेगा।


जैविक कृषि विभाग अधिनियम में बदलाव

उत्तराखंड जैविक कृषि विभाग अधिनियम 2019 के तहत उर्वरक और रसायन बेचने पर पहले जेल की सजा थी। अब जेल का प्रावधान खत्म कर जुर्माना 50 हजार से पांच लाख रुपये तक बढ़ा दिया गया है (Organic Farming Penalty Jan Vishwas Act Uttarakhand)। बेचे गए प्रतिबंधित सामान को 30 दिन में वापस लाने और प्रमाणपत्र देने का भी नियम है।


प्लास्टिक और गैर-बायोडिग्रेडेबल कचरा अधिनियम में संशोधन

उत्तराखंड प्लास्टिक और गैर-बायोडिग्रेडेबल कचरा विनियमन अधिनियम 2013 में धारा 10 के तहत कारावास की अवधि घटाकर एक महीने कर दी गई है (Plastic Regulation Penalty Jan Vishwas Act Uttarakhand)। जुर्माने की राशि बढ़ाकर कार्रवाई को और प्रभावी बनाया गया है।


फल नर्सरी विनियमन अधिनियम में सुधार

गुणवत्ताहीन पौध बेचने पर जुर्माना और कारावास के प्रावधानों को संशोधित किया गया है (Nursery Regulation Penalty Jan Vishwas Act Uttarakhand)। जुर्माना न देने पर अब केवल एक महीने की जेल होगी। दूसरी बार अपराध करने पर जुर्माना 50 हजार से पांच लाख रुपये और कारावास केवल एक महीने का होगा। पीड़ित को मुआवजा जिला स्तरीय समिति के माध्यम से दिया जाएगा।


आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए लोक सेवा आरक्षण अधिनियम

इस ऐक्ट के तहत 3 महीने की जेल या 20 हजार रुपये जुर्माने की जगह जेल का प्रावधान हटाकर जुर्माना 40 हजार रुपये कर दिया गया है (Reservation Act Penalty Jan Vishwas Act Uttarakhand)। इससे छोटे अपराधों में कार्रवाई अधिक व्यवहारिक और प्रभावी बनेगी।


बाढ़ मैदान जोनिंग अधिनियम और नदी घाटी विकास अधिनियम में बदलाव

अवैध निर्माण पर पहले कारावास का प्रावधान था। अब जुर्माना बढ़ाकर पांच हजार रुपये और दैनिक जुर्माना 1000 रुपये रखा गया है। पर्यावरणीय अपराधों के लिए जुर्माना 20 हजार रुपये या दो महीने की जेल या दोनों सजाएं एक साथ लागू हो सकती हैं (Environmental Compliance Jan Vishwas Act Uttarakhand)।


जन विश्वास ऐक्ट का उद्देश्य और असर

मुख्य सचिव नियोजन आर मीनाक्षीसुंदरम के अनुसार इस ऐक्ट का उद्देश्य अत्यधिक अपराधीकरण को कम करना और कार्रवाई को व्यवहारिक बनाना है (Jan Vishwas Act Impact Uttarakhand)। आर्थिक जुर्माना छोटे अपराधों में ज्यादा कारगर साबित होगा और लोगों को अपराध करने से हतोत्साहित करेगा।


तीन से छह महीने की जेल की सजा का असली कारण

राज्य में कई ऐक्ट में जेल का प्रावधान था, लेकिन ऐसे मामलों में दोषी अक्सर जमानत पर बाहर रहते हैं। सात साल या उससे अधिक जेल वाले अपराधों में ही जेल का प्रावधान प्रभावी होता है। जन विश्वास ऐक्ट लागू होने के बाद छोटे अपराधों में केवल आर्थिक जुर्माना वसूली जाएगी, जिससे कार्रवाई तेज और प्रभावी होगी

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