अंतर्राष्ट्रीय

Australia Social Media Ban: ऑस्ट्रेलिया ने क्यों खींची सोशल मीडिया की लक्ष्मण रेखा, जानें- बैन की शर्तें, जुर्माना और लागू करने का प्लान…

Australia Social Media Ban: ऑस्ट्रेलिया में किशोरों के लिए सोशल मीडिया उपयोग पर लगाए गए सख्त नियमों ने वैश्विक स्तर पर बड़ी बहस छेड़ दी है (regulation)। 10 दिसंबर से लागू हुए इस फैसले के बाद न केवल देश के भीतर बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी इसे लेकर तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। जहां मानवाधिकार संगठन इसे युवाओं की स्वतंत्रता पर हस्तक्षेप बता रहे हैं, वहीं कई विशेषज्ञ इसे मानसिक स्वास्थ्य की दिशा में एक आवश्यक कदम मान रहे हैं।

Australia Social Media Ban
Australia Social Media Ban
WhatsApp Group Join Now

नया कानून: 16 साल से कम उम्र के बच्चों पर सोशल मीडिया पूरी तरह प्रतिबंधित

ऑस्ट्रेलियाई संसद ने नवंबर 2024 में ऑनलाइन सेफ्टी एक्ट 2021 में बड़े बदलाव किए (legislation)। पहले केवल कुछ सामग्री प्रतिबंधित थी, अब 16 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग नहीं करने दिया जाएगा। यदि कोई कंपनी नाबालिगों को अकाउंट बनाने से रोकने में विफल रहती है, तो उस पर 5 करोड़ डॉलर तक का भारी जुर्माना लगाया जा सकता है। इसके साथ ही कंपनियों को ऐसे सिस्टम विकसित करने होंगे, जो किशोरों को प्लेटफॉर्म पर अकाउंट बनाने से रोक सकें।


सरकार क्यों लागू कर रही है सोशल मीडिया बैन?

ऑस्ट्रेलिया सरकार का तर्क है कि सोशल मीडिया किशोरों के मानसिक स्वास्थ्य और व्यवहार पर नकारात्मक प्रभाव डाल रहा है (protection)। प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज कई बार कह चुके हैं कि बच्चों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। उनका कहना है कि डिजिटल स्पेस में बढ़ते खतरों से निपटने के लिए यह फैसला जरूरी है। एक ऑनलाइन पोल में 77% लोगों ने सरकार के निर्णय का समर्थन किया, हालांकि कुछ विशेषज्ञों ने इसे जल्दबाजी बताया।


किन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लागू होगा प्रतिबंध?

प्रतिबंध सूची में फेसबुक, इंस्टाग्राम, एक्स, स्नैपचैट, रेडिट और टिकटॉक पहले से शामिल थे (platforms)। शुरुआत में यूट्यूब को इससे बाहर रखा गया था, क्योंकि इसे युवाओं के लिए शैक्षणिक माना जाता था। लेकिन जुलाई में नया निर्णय लिया गया कि यूट्यूब को भी प्रतिबंधित प्लेटफॉर्म्स में शामिल किया जाए। फर्क सिर्फ इतना है कि किशोर यूट्यूब वीडियो देख तो सकेंगे, लेकिन अकाउंट नहीं बना पाएंगे और न ही लाइक–कमेंट जैसी गतिविधियां कर पाएंगे।


यूट्यूब को प्रतिबंध सूची में शामिल क्यों किया गया?

नई संचार मंत्री अनिका वेल्स ने यह फैसला ई-सेफ्टी कमिश्नर जूली इनमैन ग्रांट की सलाह पर लिया (safety)। एक सर्वे में पाया गया कि हर चार में से एक व्यक्ति ने यूट्यूब पर हानिकारक सामग्री देखी है। इसके अलावा यूट्यूब का एल्गोरिदम बच्चों को आकर्षित करने वाले वीडियो लगातार सुझाता है, जो उनकी आदतों और मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। इसी कारण इसे भी प्रतिबंध सूची में जोड़ा गया।


कैसे लागू होंगे उम्र-सत्यापन और प्रतिबंध के नियम?

सोशल मीडिया कंपनियों को नए और सख्त आयु-सत्यापन सिस्टम बनाने होंगे (verification)।

  • कंपनियों को खुद 16 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की पहचान कर अकाउंट हटाने होंगे।

  • किसी बच्चे या परिवार पर सोशल मीडिया का छिपकर उपयोग करने पर कोई जुर्माना नहीं लगेगा।

  • सरकार आधिकारिक पहचान पत्र अनिवार्य नहीं करेगी, बल्कि वैकल्पिक सत्यापन तरीकों पर जोर देगी।

  • नियमों का उल्लंघन करने वाली कंपनियों पर 5 करोड़ डॉलर तक का जुर्माना लगाया जाएगा।


सरकार और विशेषज्ञों के बीच जारी बहस

जहां सरकार इसे बच्चों की सुरक्षा के लिए क्रांतिकारी कदम बता रही है (debate), वहीं आलोचकों का कहना है कि डिजिटल स्वतंत्रता पूरी तरह खत्म नहीं की जा सकती। कई टेक विशेषज्ञों का कहना है कि प्रतिबंध का रास्ता अपनाने के बजाय डिजिटल शिक्षा और स्वस्थ ऑनलाइन आदतों पर जोर देना चाहिए। फिर भी, सरकार का मानना है कि Australia Social Media Ban जरूरी था क्योंकि प्लेटफॉर्म बच्चों पर गलत प्रभाव डाल रहे हैं।


वैश्विक स्तर पर भी उठ रही हलचल

दुनियाभर में इस फैसले के बाद कई देश अब ऑस्ट्रेलिया मॉडल का अध्ययन कर रहे हैं (global)। माना जा रहा है कि यदि यह कानून प्रभावी साबित होता है तो कई राष्ट्र किशोरों की डिजिटल सुरक्षा के लिए इसी तरह के कड़े कदम उठा सकते हैं। टेक कंपनियों के लिए यह बड़ा संकेत है कि भविष्य में बच्चों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता बनने वाली है।

Related Articles

Back to top button

Adblock Detected

Please disable your AdBlocker first, and then you can watch everything easily.