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Delhi Airport Flight Disruptions News: दिल्ली एयरपोर्ट पर मचा हाहाकार, देखें क्या आपकी फ्लाइट भी हो गई है रद्द…

Delhi Airport Flight Disruptions News: उत्तर भारत में कुदरत का कहर शनिवार को एक सफेद आफत बनकर टूटा है। घने कोहरे ने दिल्ली समेत पूरे एनसीआर को अपनी आगोश में ले लिया है, जिससे जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। सबसे बुरा असर विमान सेवाओं पर पड़ा है, जहाँ (Low Visibility Challenges) के कारण शनिवार सुबह दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर भारी अफरा-तफरी का माहौल देखा गया। आसमान में धुंध इतनी गहरी थी कि रनवे पर कुछ भी देख पाना नामुमकिन हो गया, जिसके चलते उड़ानों के सुरक्षित संचालन पर ब्रेक लग गया।

Delhi Airport Flight Disruptions News
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129 उड़ानें रद्द और हजारों यात्रियों का सफर अधर में

दिल्ली हवाई अड्डे (Delhi Airport Flight Disruptions News) के अधिकारियों ने जो आंकड़े साझा किए हैं, वे वाकई चौंकाने वाले हैं। शनिवार को कुल 129 उड़ानें रद्द कर दी गईं, जिनमें घरेलू उड़ानों के साथ-साथ कई महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय उड़ानें भी शामिल हैं। यह स्थिति (Flight Cancellation Trends) को दर्शाती है कि मौसम का मिजाज किस कदर बिगड़ा हुआ है। हजारों यात्री एयरपोर्ट के टर्मिनलों पर फंसे हुए हैं और अपने गंतव्य तक पहुँचने के लिए वैकल्पिक रास्तों की तलाश कर रहे हैं, लेकिन कोहरे ने हर तरफ से रास्ते बंद कर दिए हैं।

एयरपोर्ट अथॉरिटी की नई एडवाइजरी और सुरक्षा के कड़े इंतजाम

बिगड़ते हालातों को देखते हुए एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने यात्रियों के लिए एक विस्तृत गाइडलाइन जारी की है। इस (Aviation Safety Protocol) के तहत यात्रियों को स्पष्ट हिदायत दी गई है कि वे अपने घर से निकलने से पहले अपनी संबंधित एयरलाइंस के संपर्क में जरूर रहें। अथॉरिटी ने सलाह दी है कि कोहरे के कारण उड़ानों के समय में अचानक बदलाव या देरी होना तय है, इसलिए रियल टाइम फ्लाइट अपडेट चेक करते रहना ही समझदारी है ताकि बेवजह की परेशानी से बचा जा सके।

कैट-3 कैटेगरी में संचालन और विमानों की लैंडिंग की चुनौती

इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर दृश्यता का स्तर गिरने के बाद परिचालन को CAT-3 कैटेगरी में शिफ्ट कर दिया गया है। यह एक विशेष (Advanced Landing System) तकनीक है, जिसका उपयोग तब किया जाता है जब कोहरा बहुत घना हो और सामान्य लैंडिंग संभव न हो। हालांकि, इस तकनीक के बावजूद विमानों के टेक-ऑफ और लैंडिंग में काफी समय लग रहा है। सुरक्षा मानकों को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए पायलट और एटीसी विशेष सावधानी बरत रहे हैं ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके।

इंडिगो से लेकर एअर इंडिया तक सभी बड़ी एयरलाइंस प्रभावित

फ्लाइट रडार से प्राप्त नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, देश की कोई भी बड़ी एयरलाइन इस कोहरे के प्रभाव से अछूती नहीं रही है। इंडिगो, एअर इंडिया, स्पाइसजेट और अकासा एयर जैसी (Airline Operation Delay) का सामना कर रही प्रमुख कंपनियों की सैकड़ों उड़ानों ने अपने निर्धारित समय से काफी देरी से उड़ान भरी। कई उड़ानों को तो डायवर्ट कर दूसरे शहरों के एयरपोर्ट्स पर भेजना पड़ा है, जिससे यात्रियों के साथ-साथ एयरलाइन स्टाफ को भी भारी तकनीकी और लॉजिस्टिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

दिल्ली की हवा हुई जहरीली और सड़क यातायात हुआ ठप

कोहरे की मार सिर्फ आसमान तक सीमित नहीं है, बल्कि जमीन पर भी इसने संकट खड़ा कर दिया है। दिल्ली के कई इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (Air Quality Index) “बेहद खराब” श्रेणी में दर्ज किया गया है, जिसने सांस लेना तक दूभर कर दिया है। सड़कों पर भी विजिबिलिटी 200 मीटर से कम होने के कारण गाड़ियों की रफ्तार पर लगाम लग गई है। मौसम विभाग ने स्थिति को गंभीर मानते हुए (Yellow Alert in Delhi) जारी किया है, जिसका अर्थ है कि आने वाले कुछ घंटों तक राहत मिलने की कोई उम्मीद नहीं है।

डीजीसीए का एयरलाइंस को सख्त अल्टीमेटम और निर्देश

हाल के दिनों में एयरपोर्ट्स पर हुए हंगामे और इंडिगो मामले से सबक लेते हुए केंद्र सरकार अब पूरी तरह अलर्ट मोड पर है। विमानन नियामक संस्था डीजीसीए ने सभी एयरलाइंस को सख्त निर्देश दिए हैं कि वे यात्रियों को (Real Time Flight Updates) प्रदान करने में कोई कोताही न बरतें। एयरलाइंस को स्पष्ट कहा गया है कि अगर फ्लाइट देरी से चल रही है या डायवर्ट हो रही है, तो उसकी जानकारी तुरंत यात्रियों को मैसेज या ईमेल के जरिए मिलनी चाहिए। साथ ही, फंसे हुए यात्रियों के लिए एयरपोर्ट पर जरूरी सुख-सुविधाओं का इंतजाम करने को भी कहा गया है।

यात्रियों का दर्द और रेलवे स्टेशनों का बुरा हाल

भीषण ठंड और कोहरे की इस दोहरी मार ने आम आदमी को लाचार कर दिया है। जो यात्री हवाई सेवा का विकल्प छोड़कर ट्रेन की ओर रुख कर रहे हैं, उन्हें भी वहां निराशा ही हाथ लग रही है। रेलवे स्टेशनों पर (Passenger Hardships in Winter) की तस्वीरें विचलित करने वाली हैं, जहाँ लोग कड़कड़ाती ठंड में फर्श पर सोने को मजबूर हैं। कोहरे के कारण नदियां, सड़कें और आसमान सब थम से गए हैं। ऐसे में प्रशासन के लिए सबसे बड़ी चुनौती यात्रियों को सुरक्षित और सुविधाजनक यात्रा उपलब्ध कराना बनी हुई है

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