Jharkhand Voter Revision: झारखंड में गहन पुनरीक्षण को लेकर चुनाव आयोग ने की सबसे बड़ी कवायद
Jharkhand Voter Revision: झारखंड में लोकतांत्रिक व्यवस्था को और मजबूत करने के उद्देश्य से मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण की प्रक्रिया को तेज कर दिया गया है। इसी क्रम में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के. रवि कुमार ने शुक्रवार को राज्य के सभी जिलों के उप निर्वाचन पदाधिकारियों के साथ एक अहम ऑनलाइन बैठक की। इस बैठक में उन्होंने मतदाता सूची को सटीक, पारदर्शी और त्रुटिरहित बनाने के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए। अधिकारियों को यह संदेश दिया गया कि पुनरीक्षण की यह प्रक्रिया केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि हर योग्य नागरिक के मताधिकार की सुरक्षा से जुड़ा विषय है। इस पूरी कवायद का मूल उद्देश्य है कि झारखंड में (Voter List) पूरी तरह अद्यतन और विश्वसनीय हो।

अन्य राज्यों से आए मतदाताओं के लिए विशेष निर्देश
बैठक के दौरान मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने उन मतदाताओं को लेकर खास निर्देश दिए, जो अन्य राज्यों से झारखंड आए हैं। उन्होंने बताया कि जिनका नाम पिछली गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया में झारखंड की मतदाता सूची में शामिल नहीं हो पाया था, वे अपने मूल राज्य की पिछली गहन पुनरीक्षण सूची में अपना नाम खोज सकते हैं। इसके बाद संबंधित बीएलओ यानी ब्लॉक लेवल अधिकारी से संपर्क कर प्रक्रिया पूरी की जा सकती है। इस पहल से प्रवासी मतदाताओं को राहत मिलने की उम्मीद है और यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि किसी भी नागरिक का नाम केवल स्थान परिवर्तन के कारण सूची से बाहर न रह जाए। यह प्रक्रिया (Interstate Voters) के लिए बेहद उपयोगी मानी जा रही है।
हेल्पलाइन और वेबसाइट से मिलेगी त्वरित सहायता
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के. रवि कुमार ने जानकारी दी कि मतदाताओं की सुविधा के लिए कई डिजिटल और टेलीफोनिक माध्यम उपलब्ध कराए गए हैं। यदि किसी मतदाता को अपना या अपने परिजनों का नाम पिछली गहन पुनरीक्षण सूची में ढूंढने में कठिनाई हो, तो वे सीधे 1950 हेल्पलाइन नंबर पर कॉल कर सहायता ले सकते हैं। इसके अलावा, भारत निर्वाचन आयोग और मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी की आधिकारिक वेबसाइट पर विगत गहन पुनरीक्षण की मतदाता सूची सर्चेबल फॉर्मेट में उपलब्ध है। इससे घर बैठे ही जानकारी हासिल करना आसान हो गया है। यह सुविधा (Election Helpline) के माध्यम से मतदाताओं को सशक्त बनाने की दिशा में बड़ा कदम है।
बीएलओ ऐप से हो रही है आधुनिक मैपिंग प्रक्रिया
राज्य में गहन पुनरीक्षण से पहले की तैयारियों के तहत मतदाता सूची की मैपिंग का कार्य तेजी से किया जा रहा है। के. रवि कुमार ने बताया कि वर्तमान मतदाता सूची को पिछली गहन पुनरीक्षण सूची से जोड़ने का काम बीएलओ ऐप के माध्यम से किया जा रहा है। यह तकनीकी प्रक्रिया डेटा की सटीकता बढ़ाने में मददगार साबित हो रही है। हालांकि, अन्य राज्यों से आए मतदाताओं के मामलों में मैनुअल रजिस्टर बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि पुनरीक्षण के दौरान उन्हें किसी प्रकार की परेशानी न हो। इस व्यवस्था का उद्देश्य है कि (BLO App) के जरिए हर योग्य मतदाता का रिकॉर्ड सुरक्षित रहे।
एक भी योग्य मतदाता न छूटे, यही लक्ष्य
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने सभी अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि पुनरीक्षण की प्रक्रिया में यह सुनिश्चित किया जाए कि एक भी योग्य मतदाता छूटने न पाए। उन्होंने कहा कि मतदाता सूची लोकतंत्र की रीढ़ है और इसमें की गई छोटी सी चूक भी बड़े स्तर पर प्रभाव डाल सकती है। इसलिए हर स्तर पर सतर्कता और जिम्मेदारी जरूरी है। अधिकारियों को यह भी कहा गया कि वे क्षेत्रीय स्तर पर सक्रिय रहकर लोगों को जागरूक करें और आवश्यक सहयोग प्रदान करें। इस सोच के पीछे मूल भावना है कि (Eligible Voters) को उनके संवैधानिक अधिकार से वंचित न किया जाए।
नियमों के पालन और निरीक्षण पर विशेष जोर
बैठक में पैरेंटल मैपिंग और एएसडी सूची तैयार करने को लेकर भी स्पष्ट निर्देश दिए गए। के. रवि कुमार ने कहा कि इन सभी प्रक्रियाओं में भारत निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित नियमों का कड़ाई से पालन किया जाए। उन्होंने यह भी बताया कि हर स्तर पर कार्यों के निरीक्षण के लिए एक व्यवस्थित प्रणाली तैयार की गई है, जिसका अनुपालन अनिवार्य होगा। इससे न केवल पारदर्शिता बनी रहेगी, बल्कि किसी भी तरह की गड़बड़ी की संभावना भी कम होगी। यह पूरी व्यवस्था (Election Guidelines) के अनुरूप संचालित की जा रही है।
प्रशिक्षण और निरीक्षण बिंदुओं पर दी गई विस्तृत जानकारी
बैठक के अंतिम चरण में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने पीपीटी प्रस्तुति के माध्यम से अधिकारियों को विगत एसआईआर से वर्तमान मतदाता सूची की मैपिंग से जुड़े प्रमुख निरीक्षण बिंदुओं की जानकारी दी। साथ ही, आवश्यक प्रशिक्षण प्रक्रियाओं पर भी विस्तार से चर्चा की गई। अधिकारियों को यह समझाया गया कि तकनीकी और मैनुअल दोनों स्तरों पर दक्षता जरूरी है, ताकि पुनरीक्षण प्रक्रिया सफल हो सके। यह प्रशिक्षण न केवल कार्य की गुणवत्ता बढ़ाएगा, बल्कि पूरी चुनावी प्रणाली पर लोगों का भरोसा भी मजबूत करेगा। यह पहल (Electoral Process) को और सुदृढ़ बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण मानी जा रही है।



