Foreign Drones Ban USA: क्या विदेशी पंखों पर पाबंदी से आत्मनिर्भरता का नया इतिहास रचेगा अमेरिका…
Foreign Drones Ban USA: अमेरिका ने अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा को और अधिक पुख्ता करने के उद्देश्य से विदेशी ड्रोन के खिलाफ एक निर्णायक युद्ध छेड़ दिया है। डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने तकनीकी सुरक्षा के प्रति अपनी जीरो-टॉलरेंस नीति को आगे बढ़ाते हुए देश में (National Security Concerns) का हवाला देकर विदेशी ड्रोन मॉडल्स के नए वितरण पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। यह कदम न केवल सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह ग्लोबल टेक वॉर में एक नया मोड़ भी माना जा रहा है। फेडरल कम्युनिकेशंस कमीशन (FCC) के इस सख्त फैसले के बाद अब अमेरिका के आसमान में नए विदेशी ड्रोन की उड़ान पर कानूनी रोक लग गई है।
फेडरल कम्युनिकेशंस कमीशन की ‘कवर्ड लिस्ट’ का विस्तार
इस प्रतिबंध को कानूनी (Foreign Drones Ban USA) रूप देने के लिए एजेंसी ने अपनी अत्यंत संवेदनशील ‘कवर्ड लिस्ट’ को अपडेट किया है, जो देश के लिए सुरक्षा जोखिम पैदा करने वाले उत्पादों की पहचान करती है। अब इस सूची में विदेशी (Unmanned Aircraft Systems) और उनके महत्वपूर्ण इलेक्ट्रॉनिक घटकों को आधिकारिक तौर पर शामिल कर लिया गया है। प्रशासन का मानना है कि इन ड्रोन्स के जरिए डेटा चोरी और जासूसी की संभावनाएं बनी रहती हैं। इस अपडेटेड लिस्ट के लागू होने से उन सभी कंपनियों के लिए अमेरिकी बाजार के दरवाजे बंद हो गए हैं, जिन्हें वाशिंगटन अपने लिए खतरा मानता है।
अमेरिकन ड्रोन डोमिनेंस: स्वदेशी तकनीक को बढ़ावा देने का संकल्प
FCC के चेयरमैन ब्रेंडन कैर ने इस नीति का पुरजोर समर्थन करते हुए इसे ‘अमेरिकन ड्रोन डोमिनेंस’ की दिशा में एक बड़ा कदम बताया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि राष्ट्रपति ट्रंप के विजन के अनुसार, अब प्राथमिकता (US Drone Manufacturers) को दी जाएगी ताकि अमेरिका ड्रोन तकनीक के क्षेत्र में पूरी तरह आत्मनिर्भर बन सके। सरकार का इरादा अमेरिकी ड्रोन सप्लाई चेन को विदेशी नियंत्रण से मुक्त करना है। ब्रेंडन कैर के अनुसार, यह निर्णय न केवल सुरक्षा सुनिश्चित करेगा, बल्कि स्थानीय उद्योगों के लिए विकास के नए अवसर भी पैदा करेगा।
चीनी दिग्गज DJI के लिए बड़ा संकट और बाजार की हलचल
इस प्रतिबंध की सबसे भीषण मार दुनिया की सबसे बड़ी ड्रोन निर्माता कंपनी DJI पर पड़ने वाली है, जो वर्तमान में अमेरिकी बाजार के एक बड़े हिस्से पर काबिज है। हालांकि कंपनी ने इस फैसले पर (Market Competition) का हवाला देते हुए असहमति जताई है, लेकिन प्रशासन के कड़े रुख ने इसे बैकफुट पर धकेल दिया है। DJI का कहना है कि उनके उत्पाद सुरक्षित हैं और प्रतिबंध लगाने से पहले कोई ठोस डेटा साझा नहीं किया गया। इसके बावजूद, नए नियमों के कारण अब कंपनी अमेरिका में अपने लेटेस्ट मॉडल्स लॉन्च नहीं कर पाएगी, जिससे उसे अरबों डॉलर का नुकसान होने की आशंका है।
अपराधियों और आतंकवादियों से सुरक्षा का हवाला
प्रशासन द्वारा जारी की गई फैक्ट शीट में इस प्रतिबंध के पीछे के डरावने पहलुओं को भी उजागर किया गया है। FCC ने दावा किया कि विदेशी दुश्मन, आतंकवादी और (Potential Security Threats) पैदा करने वाले तत्व इन ड्रोन्स का दुरुपयोग संवेदनशील सूचनाएं जुटाने में कर सकते हैं। अमेरिकी बुनियादी ढांचे और खुफिया ठिकानों की सुरक्षा के लिए यह अनिवार्य माना गया कि नए विदेशी तकनीक के प्रवेश को तत्काल रोका जाए। सुरक्षा एजेंसियों का तर्क है कि विदेशी सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर में ‘बैकडोर’ एंट्री की संभावना हमेशा बनी रहती है, जो देश के लिए आत्मघाती हो सकती है।
पुराने मॉडल्स के इस्तेमाल पर मिली आंशिक राहत
हालांकि नए मॉडल्स पर पाबंदी लगा दी गई है, लेकिन जो अमेरिकी नागरिक पहले से विदेशी ड्रोन्स का उपयोग कर रहे हैं, उन्हें फिलहाल घबराने की जरूरत नहीं है। सरकार ने नीति को (Existing Drone Models) के लिए लचीला रखा है, यानी पुराने ड्रोन्स को उड़ाने की अनुमति बनी रहेगी। यह छूट इसलिए दी गई है ताकि आम उपभोक्ताओं और उन छोटे व्यवसायों को अचानक बड़े आर्थिक बोझ का सामना न करना पड़े, जो पहले ही इन तकनीकों में निवेश कर चुके हैं। यह संतुलन प्रशासन की सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है ताकि विरोध को कम किया जा सके।
ट्रंप की ‘अमेरिका फर्स्ट’ नीति का तकनीकी विस्तार
यह फैसला कोई अचानक लिया गया कदम नहीं है, बल्कि जून में पारित एक कार्यकारी आदेश का परिणाम है जो ट्रंप की ‘अमेरिका फर्स्ट’ नीति को मजबूती देता है। राष्ट्रपति ट्रंप ने लगातार चीनी कंपनियों के खिलाफ (Global Trade Policy) को सख्त बनाए रखा है ताकि अमेरिकी हितों की रक्षा की जा सके। ड्रोन के उत्पादन में विदेशी निर्भरता को खत्म करना और अपनी घरेलू क्षमता को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाना ही इस पूरे मिशन का केंद्र है। जानकारों का मानना है कि यह प्रतिबंध वैश्विक तकनीकी सप्लाई चेन को हमेशा के लिए बदल कर रख देगा।
भविष्य की रणनीति: क्या सफल होगा वाशिंगटन का दांव?
आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या अमेरिकी कंपनियां इस खाली हुए बाजार को भरने के लिए तैयार हैं। सरकार और (Domestic Tech Innovation) के बीच समन्वय अब और भी गहरा होने की उम्मीद है। यदि अमेरिकी निर्माता उच्च गुणवत्ता वाले विकल्प प्रदान करने में सफल रहे, तो अमेरिका ड्रोन तकनीक का नया वैश्विक केंद्र बन सकता है। हालांकि, तकनीकी विशेषज्ञ यह भी चेतावनी दे रहे हैं कि विदेशी घटकों पर पूर्ण प्रतिबंध से ड्रोन्स की लागत बढ़ सकती है, लेकिन सुरक्षा की कीमत पर प्रशासन किसी भी समझौते के मूड में नहीं दिख रहा है।