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Share Market Update: बाजार की रफ्तार पर लगी ब्रेक, क्या यह बड़ी गिरावट का संकेत है या खरीदारी का सुनहरा मौका…

Share Market Update: बुधवार का दिन भारतीय शेयर बाजार के लिए उतार-चढ़ाव भरा रहा और अंततः बिकवाली के दबाव ने बढ़त पर पानी फेर दिया। निवेशकों की नजरें (Stock Market Indices) पर टिकी थीं, लेकिन शुरुआती उत्साह के बाद मुनाफावसूली ने बाजार का रुख बदल दिया। हफ्ते के तीसरे कारोबारी दिन सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही सूचकांक मामूली गिरावट के साथ लाल निशान में बंद हुए, जिससे ट्रेडर्स के बीच हलचल तेज हो गई है।

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सेंसेक्स में सेंध और बिकवाली का बढ़ता दबाव

बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स आज अपनी मजबूती बरकरार रखने में नाकाम रहा। 30 शेयरों वाला यह बेंचमार्क इंडेक्स (BSE Sensex) लगभग 120.21 अंक फिसलकर 84,559.65 के स्तर पर बंद हुआ। बाजार के जानकारों का मानना है कि ऊंचे स्तरों पर निवेशकों द्वारा की गई प्रॉफिट बुकिंग ने इंडेक्स को नीचे धकेलने में बड़ी भूमिका निभाई है, जिसके चलते दिन भर बाजार में अनिश्चितता का माहौल बना रहा।

निफ्टी की फिसलन ने बढ़ाई बाजार की चिंता

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के मुख्य सूचकांक निफ्टी ने भी आज गिरावट का स्वाद चखा और अपने मनोवैज्ञानिक स्तर से थोड़ा नीचे आ गया। 50 शेयरों पर आधारित (NSE Nifty) आज 41.55 अंक की कमजोरी के साथ 25,818.55 पर थमा। हालांकि गिरावट का प्रतिशत बहुत अधिक नहीं है, लेकिन तकनीकी चार्ट पर इस तरह की क्लोजिंग संकेत देती है कि बुल्स और बियर्स के बीच कड़ी टक्कर चल रही है, जिसमें फिलहाल विक्रेता हावी नजर आ रहे हैं।

वैश्विक संकेतों का घरेलू बाजार पर गहरा असर

भारतीय बाजारों की इस सुस्ती के पीछे केवल स्थानीय कारण नहीं, बल्कि वैश्विक परिस्थितियों का भी बड़ा हाथ माना जा रहा है। दुनिया भर के (Global Markets) से मिल रहे कमजोर संकेतों ने भारतीय निवेशकों के सेंटिमेंट को प्रभावित किया है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ब्याज दरों और भू-राजनीतिक तनावों को लेकर बनी अनिश्चितता के कारण घरेलू निवेशक भी आक्रामक रुख अपनाने के बजाय ‘वेट एंड वॉच’ की रणनीति पर काम कर रहे हैं।

मिडकैप और स्मॉलकैप में भी दिखा मिला-जुला रुख

बड़े इंडेक्स के साथ-साथ मझोली और छोटी कंपनियों के शेयरों में भी आज वैसी चमक नहीं दिखी जिसकी उम्मीद की जा रही थी। हालांकि कुछ चुनिंदा सेक्टरों में खरीदारी (Sectoral Indices) देखने को मिली, लेकिन ओवरऑल मार्केट ब्रड्थ कमजोर ही रही। रिटेल निवेशकों के लिए यह स्थिति थोड़ी चुनौतीपूर्ण है क्योंकि पोर्टफोलियो में शामिल कई क्वालिटी शेयरों में भी आज सुस्ती का दौर देखने को मिला।

बैंकिंग और आईटी शेयरों ने बदला खेल

बाजार को दिशा देने वाले बैंकिंग और आईटी सेक्टर के दिग्गजों ने आज मिला-जुला प्रदर्शन किया। जहां कुछ निजी बैंकों ने (Banking Stocks) सहारा देने की कोशिश की, वहीं आईटी सेक्टर में आई मुनाफावसूली ने निफ्टी के बोझ को और बढ़ा दिया। हेवीवेट शेयरों में हुई इस उथल-पुथल ने साबित कर दिया कि बाजार अभी किसी एक स्पष्ट दिशा में बढ़ने के लिए तैयार नहीं है और संभलकर कदम रखने की जरूरत है।

निवेशकों के मन में सवाल: अब आगे क्या?

इस गिरावट के बाद अब हर किसी के मन में यही सवाल है कि क्या बाजार यहाँ से और नीचे जाएगा या फिर रिकवरी होगी। बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि (Investment Strategy) में अभी बदलाव करने के बजाय संयम बरतना जरूरी है। बाजार का बुनियादी ढांचा अभी भी मजबूत है, लेकिन शॉर्ट टर्म में वोलैटिलिटी बनी रह सकती है, इसलिए किसी भी बड़े निवेश से पहले चार्ट्स और फंडामेंटल्स का बारीकी से अध्ययन करना चाहिए।

तकनीकी स्तरों पर टिकी ट्रेडर्स की उम्मीदें

तकनीकी नजरिए से देखें तो बाजार अभी एक महत्वपूर्ण सपोर्ट जोन के आसपास कारोबार कर रहा है। यदि आगामी सत्रों में (Support and Resistance) के स्तर टूटते हैं, तो बिकवाली और गहरा सकती है। वहीं दूसरी ओर, अगर निफ्टी फिर से 25,900 के पार निकलने में सफल रहता है, तो एक नई तेजी की उम्मीद की जा सकती है। फिलहाल बाजार की क्लोजिंग ने कल के सत्र के लिए एक सस्पेंस पैदा कर दिया है।

विशेषज्ञों की राय और बाजार का भविष्य

आने वाले दिनों में तिमाही नतीजों और नीतिगत फैसलों का बाजार पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा। विश्लेषकों का मानना है कि (Market Volatility) के इस दौर में केवल उन्हीं निवेशकों को फायदा होगा जो लंबी अवधि का नजरिया रखते हैं। दैनिक उतार-चढ़ाव से परेशान होने के बजाय अच्छी क्वालिटी वाले शेयरों को निचले स्तर पर जमा करना एक समझदारी भरा फैसला हो सकता है।

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