Gopalganj Winter Weather: बच्चों की सेहत पर भारी पड़ेगी ये बर्फीली हवाएं, अभिभावकों ने की स्कूल बंदी की मांग
Gopalganj Winter Weather: बिहार के गोपालगंज जिले में कुदरत का मिजाज अब खतरनाक मोड़ ले चुका है। पछुआ हवाओं की बढ़ती रफ्तार ने जिले में कनकनी और कड़ाके की ठंड का ऐसा दौर शुरू किया है, जिसने आम जनजीवन की रफ्तार को पूरी तरह थाम दिया है। मंगलवार को जब (Minimum Temperature Range) 9 से 11 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया गया, तो पूरा इलाका भीषण शीतलहर की चपेट में नजर आया। सूरज की लुकाछिपी और बर्फीली हवाओं के मेल ने लोगों को घरों के भीतर दुबकने पर मजबूर कर दिया है।
घने कोहरे की चादर और सड़कों पर रेंगते वाहन
सुबह की शुरुआत होते ही पूरा जिला सफेद धुंध और घने कोहरे की चादर में लिपट जाता है। इस कारण सड़कों पर दृश्यता यानी विजिबिलिटी इतनी कम हो गई है कि (Road Traffic Challenges) काफी बढ़ गए हैं। वाहन चालकों को दिन के उजाले में भी हेडलाइट्स जलाकर बेहद धीमी गति से सफर तय करना पड़ रहा है। हाईवे से लेकर ग्रामीण सड़कों तक, हर जगह कोहरे का पहरा है, जिससे न केवल समय की बर्बादी हो रही है बल्कि दुर्घटनाओं का अंदेशा भी बना हुआ है।
बर्फीली हवाओं से ठिठुर रहे हैं मासूम और बुजुर्ग
पछुआ हवाओं के सीधे प्रहार से शरीर में चुभने वाली ठंड का अहसास हो रहा है। इस बदलते मौसम का सबसे मारक असर समाज के सबसे नाजुक वर्ग यानी बुजुर्गों और स्कूल जाने वाले छोटे बच्चों पर पड़ रहा है। (Health Risks in Winter) को देखते हुए स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने भी लोगों को सचेत रहने की सलाह दी है। कड़ाके की ठंड और गलन के कारण दैनिक मजदूरी करने वाले लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है, क्योंकि लोग काम के लिए घर से बाहर निकलने से बच रहे हैं।
सुबह के समय बस स्टॉप पर मासूमों का इम्तिहान
भीषण ठंड के इस दौर में सबसे ज्यादा दयनीय स्थिति स्कूली छात्र-छात्राओं की बनी हुई है। सुबह के घने कोहरे और कनकनी के बीच बच्चे बस स्टॉप पर ठिठुरते हुए अपनी स्कूल बस का इंतजार करते देखे जा रहे हैं। (Student Welfare Issues) को लेकर अब अभिभावकों का धैर्य जवाब देने लगा है। भारी-भरकम बस्तों के बोझ के साथ सुबह की ये कड़वी ठंड मासूमों की सहनशक्ति का कड़ा इम्तिहान ले रही है, जिससे उनके बीमार पड़ने का खतरा बढ़ गया है।
अभिभावकों ने प्रशासन से लगाई राहत की गुहार
जिले के हजारों अभिभावकों ने अब एक स्वर में जिला प्रशासन से दखल देने की मांग की है। सोशल मीडिया से लेकर ज्ञापन तक, हर माध्यम से यह गुहार लगाई जा रही है कि (Educational Institution Scheduling) में तुरंत बदलाव किया जाए। अभिभावकों का कहना है कि जब तक शीतलहर का प्रकोप कम नहीं होता, तब तक या तो स्कूलों को कुछ दिनों के लिए पूरी तरह बंद कर दिया जाए या फिर स्कूल खुलने का समय कम से कम 10 बजे के बाद तय किया जाए।
मौसम विभाग की चेतावनी और आने वाले दिनों का हाल
मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से जारी ताजा पूर्वानुमान के अनुसार, बिहार के अधिकांश हिस्सों में फिलहाल मौसम का मिजाज ऐसा ही बना रहने वाला है। आगामी कुछ दिनों तक (Weather Forecast Bihar) यह संकेत दे रहा है कि सुबह और शाम के वक्त ठंडी हवाओं के साथ-साथ कोहरे का प्रकोप और भी गहरा सकता है। ऐसे में ठंड से राहत मिलने की फिलहाल कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही है, जिससे प्रशासन पर कड़े फैसले लेने का दबाव बढ़ता जा रहा है।
बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर बढ़ती चिंताएं
ठंड के बढ़ते प्रकोप के बीच गोपालगंज के अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल भेजने को लेकर असमंजस में हैं। उनका कहना है कि (Pediatric Health Safety) सर्वोपरि होनी चाहिए। छोटे बच्चों में सर्दी-खांसी और निमोनिया जैसे रोगों का खतरा बढ़ जाता है, इसलिए प्रशासन को जल्द से जल्द स्कूलों के संचालन को लेकर कोई ठोस और संवेदनशील निर्णय लेना चाहिए। अभिभावकों की नजरें अब जिलाधिकारी के आदेश पर टिकी हैं कि कब उन्हें इस भीषण गलन से राहत मिलेगी।
प्रशासन के निर्णय का बेसब्री से इंतजार
जिला प्रशासन की ओर से अब तक आधिकारिक रूप से स्कूल बंदी को लेकर कोई बड़ा आदेश जारी नहीं हुआ है, लेकिन बढ़ते दबाव को देखते हुए उम्मीद की जा रही है कि अगले 24 घंटों में कोई (Administrative Decision Making) की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। लोग मांग कर रहे हैं कि ठंड के इस चरम स्तर को देखते हुए छोटे बच्चों के लिए कक्षाओं का निलंबन ही एकमात्र सुरक्षित विकल्प है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन शिक्षा और स्वास्थ्य के बीच तालमेल बिठाते हुए क्या फैसला लेता है।