Silver Price Surge: चमक धमक बरकरार, चांदी ने तोड़ा हर रिकॉर्ड, पहुंचा ₹1.90 लाख के पार
Silver Price Surge: यूएस फेड की 9–10 दिसंबर को होने वाली अहम बैठक से पहले बाजारों में तेजी का माहौल बना हुआ है (global-trend)। मंगलवार को मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर फरवरी गोल्ड फ्यूचर 1,30,107 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया, जिसमें 0.11% की हल्की तेजी देखने को मिली। वहीं, सिल्वर मार्च फ्यूचर्स 3.48% चढ़कर 1,88,064 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गया। पिछले 12 ट्रेडिंग सत्रों में सिल्वर की कीमत 50 डॉलर प्रति आउंस से बढ़कर सीधे 60 डॉलर प्रति आउंस के पार पहुंच गई, जिसने निवेशकों और ट्रेडर्स का पूरा ध्यान अपनी ओर खींचा है

सिल्वर की तेज रफ्तार ने बढ़ाई उम्मीदें
इंटरनेशनल मार्केट में सिल्वर का अचानक तेज उछाल मजबूत ग्लोबल संकेतों की वजह से माना जा रहा है (market-rally)। भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं और डॉलर इंडेक्स में नरमी ने भी चांदी की कीमतों को सपोर्ट दिया है। सोना भी अंतरराष्ट्रीय बाजार में 4200 डॉलर प्रति आउंस के करीब मजबूत सपोर्ट बनाए खड़ा है, जिससे कीमती धातुओं में पॉजिटिव सेंटीमेंट बढ़ा है
क्या अभी चांदी खरीदना रहेगा फायदेमंद?
एकनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, सिल्वर मार्केट पर नज़र रखने वाले एक्सपर्ट्स का कहना है कि मौजूदा तेजी के बावजूद 1,85,500 रुपये के आसपास खरीदारी करना एक बेहतर निर्णय हो सकता है (silver-investment)। विशेषज्ञों का मानना है कि सिल्वर 1.90 लाख रुपये से 1.94 लाख रुपये के बीच के दायरे को टेस्ट कर सकती है। इसके पीछे मजबूत फिजिकल डिमांड और इंडस्ट्रियल मेटल्स में बने बुलिश सेंटीमेंट को अहम कारण बताया जा रहा है
इंडस्ट्रियल डिमांड दे रही कीमतों को सपोर्ट
सिल्वर की कीमतों में तेजी का एक बड़ा कारण बढ़ती इंडस्ट्रियल मांग है (industrial-demand)। इलेक्ट्रिक वाहनों, सोलर पैनल्स और हाई-टेक मैन्युफैक्चरिंग में सिल्वर की जरूरत लगातार बढ़ रही है। ग्लोबल इंडस्ट्रियल रिकवरी और सप्लाई-साइड दबावों ने कीमतों को मजबूती दी है। निवेशक इस समय यूएस फेड की संभावित 25 बीपीएस कटौती को लेकर और भी ज्यादा सक्रिय हो गए हैं
आगे कैसे रह सकता है मार्केट मूवमेंट?
बाजार विश्लेषकों की मानें तो, यदि फेड रिजर्व ब्याज दरों में कटौती का संकेत देता है, तो सिल्वर और गोल्ड दोनों में और तेजी देखने को मिल सकती है (rate-cut)। कीमती धातुओं की कीमतें आमतौर पर लो-इंटरेस्ट रेट साइकिल में मजबूत रहती हैं। साथ ही, अंतरराष्ट्रीय अस्थिरता भी इनकी कीमतों को मजबूत बनाती है



