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Dehradun: उत्तराखंड बेरोजगार नर्सिंग अभ्यर्थियों का उग्र आंदोलन, सीएम आवास तक मार्च में पुलिस से भिड़ंत

Dehradun: उत्तराखंड में बेरोजगार नर्सिंग अभ्यर्थियों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया है। नर्सिंग एकता मंच के बैनर तले सैकड़ों युवा सोमवार को मुख्यमंत्री आवास की ओर कूच कर गए। उनकी मांग साफ है – वर्षवार भर्ती प्रक्रिया शुरू हो, आयु सीमा में छूट मिले और लंबित नर्सिंग भर्तियां जल्द पूरी हों। लेकिन हाथीबड़कला में पुलिस ने बैरिकेडिंग(Barricading) लगा दी और मार्च को रोक लिया, जिसके बाद मौके पर तनाव बढ़ गया और प्रदर्शनकारियों व पुलिस के बीच झड़प हो गई।

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पुलिस बल प्रयोग और महिला अभ्यर्थी से बदसलूकी का आरोप

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि पुलिस ने न सिर्फ उन्हें रोका बल्कि बल प्रयोग भी किया। सबसे गंभीर आरोप यह लगा कि एक पुरुष पुलिसकर्मी ने एक महिला नर्सिंग अभ्यर्थी को थप्पड़ मार दिया। इस घटना से सभी अभ्यर्थी भड़क गए और नारेबाजी तेज हो गई। नर्सिंग एकता मंच ने तुरंत महिला पुलिसकर्मी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग उठाई है। संगठन(Organization) का कहना है कि शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे युवाओं के साथ इस तरह का व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

कई संगठनों ने दिया साथ, एकजुटता का संदेश

इस मार्च में सिर्फ नर्सिंग एकता मंच के सदस्य ही नहीं थे। कांग्रेस पार्टी, उत्तराखंड क्रांति दल (यूकेडी), उत्तराखंड बेरोजगार संघ और स्वाभिमान मोर्चा के कार्यकर्ता भी बड़ी संख्या में साथ आए। सभी ने एक स्वर में सरकार से मांग की कि बेरोजगारी की मार झेल रहे नर्सिंग अभ्यर्थियों की अनदेखी बंद हो। सभी संगठनों ने इसे युवाओं का हक बताया और सरकार पर दबाव बनाने की रणनीति अपनाई।

लंबित भर्तियों और आयु सीमा ने बढ़ाई बेरोजगारी

नर्सिंग एकता मंच के प्रदेश अध्यक्ष नवल पुंडीर ने बताया कि पिछले कई साल से नर्सिंग स्टाफ की भर्ती रुकी पड़ी है। हजारों पद खाली हैं लेकिन सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठा रही। कोरोना काल में नर्सिंगकर्मियों ने जान जोखिम में डालकर सेवा दी, लेकिन अब जब उनकी बारी है तो आयु सीमा का रोड़ा आड़े आ रहा है। कई अभ्यर्थी आयु सीमा पार कर चुके हैं और उनके सपने चकनाचूर हो रहे हैं। इसी वजह से वर्षवार भर्ती और आयु में छूट की मांग जोर पकड़ रही है।

पुलिस ने वैन में भरकर छोड़ा एकता विहार

झड़प के बाद पुलिस ने किसी भी अनहोनी से बचने के लिए सैकड़ों प्रदर्शनकारियों को बसों और वैन में भर लिया। सभी को एकता विहार क्षेत्र में छोड़ दिया गया। हालांकि इसके बाद भी अभ्यर्थी डटे रहे और अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी करते रहे। संगठन ने चेतावनी दी है कि जब तक सरकार लिखित आश्वासन नहीं देगी, आंदोलन और तेज होगा।

युवाओं में बढ़ता आक्रोश, सरकार पर दबाव

उत्तराखंड में बेरोजगारी की समस्या दिन-ब-दिन विकराल होती जा रही है। नर्सिंग जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र में भी हजारों युवा सड़कों पर उतरने को मजबूर हैं। सोशल मीडिया पर भी यह आंदोलन ट्रेंड कर रहा है और युवा एकजुट होकर सरकार से जवाब मांग रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो यह आंदोलन पूरे प्रदेश में फैल सकता है।

नर्सिंग एकता मंच ने स्पष्ट कर दिया है कि अब पीछे हटना मुमकिन नहीं। आने वाले दिनों में बड़ा प्रदर्शन और भूख हड़ताल जैसे कदम उठाए जा सकते हैं। फिलहाल सभी की निगाहें सरकार के अगले कदम पर टिकी हैं कि वह बेरोजगार नर्सिंग अभ्यर्थियों की आवाज सुनेगी या अनसुनी करेगी।

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