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Rahul Gandhi Foreign Visit Controversy: भारत के खिलाफ रची जा रही है अंतरराष्ट्रीय साजिश, राहुल गांधी के विदेशी दौरों पर भाजपा ने किया बड़ा हमला

Rahul Gandhi Foreign Visit Controversy: भारतीय राजनीति में इन दिनों राहुल गांधी के विदेशी दौरों को लेकर एक नया विवाद खड़ा हो गया है। भाजपा ने कांग्रेस पर बेहद गंभीर आरोप लगाते हुए दावा किया है कि पार्टी का शीर्ष नेतृत्व देश की संप्रभुता के साथ खिलवाड़ कर रहा है। भाजपा के प्रखर वक्ता और सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राहुल गांधी की विदेश यात्राओं (International Political Connections) को लेकर कई ऐसे सवाल दागे हैं, जिनका जवाब देना कांग्रेस के लिए अब अनिवार्य हो गया है। त्रिवेदी का कहना है कि राहुल गांधी महज निजी यात्राओं पर नहीं जाते, बल्कि उनके पीछे एक गहरा और भारत विरोधी एजेंडा छिपा होता है।

Rahul Gandhi Foreign Visit Controversy
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सैम पित्रोदा के बयान ने मचाया राजनीतिक हड़कंप

इस पूरे विवाद की जड़ में राहुल गांधी के करीबी और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सैम पित्रोदा का एक हालिया इंटरव्यू है। सुधांशु त्रिवेदी ने पित्रोदा के बयानों का हवाला देते हुए खुलासा किया कि कांग्रेस अब (Global Progressive Alliance) जैसे संगठनों का हिस्सा बनकर वैश्विक स्तर पर अपनी जड़ें जमा रही है। पित्रोदा ने स्पष्ट किया कि राहुल गांधी इसी गठबंधन की बैठकों में शामिल होने के लिए जर्मनी गए थे। भाजपा का मानना है कि यह कोई सामान्य राजनीतिक गठबंधन नहीं है, बल्कि एक ऐसी वैचारिक संस्था है जिसकी गतिविधियां और उद्देश्य भारत के हितों से मेल नहीं खाते।

ग्लोबल प्रोग्रेसिव अलायंस की असलियत पर उठे सवाल

भाजपा ने इस तथाकथित ग्लोबल अलायंस की प्रकृति पर कड़े प्रहार किए हैं और इसे देश के लिए खतरनाक बताया है। सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि सैम पित्रोदा के मुताबिक राहुल गांधी इस अलायंस के सह-अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं, जो सीधे तौर पर (Anti India Narrative) को वैश्विक मंच पर बढ़ावा देने जैसा है। भाजपा का तर्क है कि जब देश का कोई बड़ा नेता विदेशी संस्थाओं का हिस्सा बनता है, तो उसकी निष्ठा अपने देश के प्रति कम और उन अंतरराष्ट्रीय एजेंडों के प्रति ज्यादा हो जाती है जो अक्सर भारत की छवि धूमिल करने की कोशिश करते हैं।

कांग्रेस की नीति और नीयत पर भाजपा का कड़ा प्रहार

सुधांशु त्रिवेदी ने प्रेस वार्ता में यह साफ किया कि कांग्रेस पार्टी अब उन ताकतों के हाथों का खिलौना बन रही है जो भारत की बढ़ती शक्ति से परेशान हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी विदेशी धरती पर जाकर भारत के लोकतंत्र और उसकी संवैधानिक संस्थाओं का अपमान (Congress Foreign Policy) के तहत जानबूझकर करते हैं। भाजपा का कहना है कि यह पहली बार नहीं है जब कांग्रेस ने किसी ऐसे मंच का उपयोग किया हो जहां भारत विरोधी स्वर गूंजते हों, लेकिन सह-अध्यक्ष के रूप में राहुल की भूमिका ने इस खतरे को और बढ़ा दिया है।

क्या भारत विरोधी गठबंधन का हिस्सा बन गई है कांग्रेस?

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान त्रिवेदी ने सवाल किया कि आखिर राहुल गांधी को ऐसे संगठनों से जुड़ने की जरूरत क्या है जिनकी विचारधारा भारत की मूल आत्मा के विरुद्ध है। भाजपा का स्पष्ट आरोप है कि यह (Global Leftist Agenda) भारत की सांस्कृतिक और राजनीतिक मजबूती को कमजोर करने के लिए बनाया गया है। कांग्रेस के इस गठबंधन का हिस्सा होने से यह संदेश जाता है कि वह सत्ता पाने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है, चाहे इसके लिए उसे विदेशी ताकतों की मदद ही क्यों न लेनी पड़े।

जर्मनी यात्रा के पीछे छिपा है असली खेल

राहुल गांधी की जर्मनी यात्रा को लेकर पहले भी कई कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन अब भाजपा ने इस पर से पर्दा उठाने का दावा किया है। त्रिवेदी ने कहा कि राहुल गांधी ने अपनी इस यात्रा के दौरान जिन लोगों से मुलाकात की और जिस मंच को संबोधित किया, वह (Global Political Networking) का एक ऐसा हिस्सा है जो भारत की छवि को एक अस्थिर राष्ट्र के रूप में पेश करना चाहता है। भाजपा ने मांग की है कि राहुल गांधी और सैम पित्रोदा को देश के सामने इस गठबंधन की पूरी सच्चाई रखनी चाहिए और यह बताना चाहिए कि इसके पीछे का असली मकसद क्या है।

देश की जनता से कांग्रेस की जवाबदेही की मांग

भाजपा ने इस मुद्दे को सीधे तौर पर राष्ट्रवाद और देश की सुरक्षा से जोड़ दिया है। सुधांशु त्रिवेदी का कहना है कि एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विश्व में भारत का मान बढ़ा रहे हैं, तो दूसरी तरफ (Opposition Influence Abroad) के जरिए राहुल गांधी देश को नीचा दिखाने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे। भाजपा का मानना है कि जनता को यह जानने का पूरा अधिकार है कि उनके देश का मुख्य विपक्षी दल किन विदेशी शक्तियों के प्रभाव में काम कर रहा है। यह मुद्दा आने वाले समय में चुनावी रणभूमि में भी काफी गर्म रहने वाला है।

एक गंभीर वैचारिक युद्ध की शुरुआत

अंत में भाजपा ने चेताया कि यह केवल एक राजनीतिक बयानबाजी नहीं है, बल्कि भारत के भविष्य को बचाने की लड़ाई है। राहुल गांधी की (International Alliances) से बढ़ती नजदीकी इस बात का संकेत है कि आने वाले समय में भारतीय राजनीति में विदेशी दखल और बढ़ सकता है। भाजपा सांसद ने स्पष्ट किया कि वे कांग्रेस की इन हरकतों को बर्दाश्त नहीं करेंगे और देश के कोने-कोने तक इस साजिश को बेनकाब करेंगे। अब देखना यह है कि कांग्रेस इन गंभीर आरोपों का सामना किस तरह करती है।

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