Dunki Route Money Laundering Case: डंकी रूट के जरिए मौत का सफर कराने वाले सिंडिकेट पर ईडी ने किया भीषण प्रहार
Dunki Route Money Laundering Case: देश के युवाओं को सुनहरे भविष्य का सपना दिखाकर उन्हें मौत के रास्तों पर धकेलने वाले गिरोह के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय ने अपना शिकंजा कस दिया है। जांच एजेंसी ने हाल ही में (Human Trafficking Operations) को ध्वस्त करने के उद्देश्य से देश के विभिन्न राज्यों में एक साथ छापेमारी की है। दिल्ली से लेकर पंजाब और हरियाणा तक फैले इस मकड़जाल ने न केवल युवाओं की जान जोखिम में डाली, बल्कि करोड़ों रुपये की काली कमाई भी इकट्ठा की है।
छापेमारी में बरामद हुई कुबेर की दौलत
शुक्रवार की सुबह जब ईडी की टीमों ने दिल्ली और पंजाब के ठिकानों पर दस्तक दी, तो वहां का नजारा देखकर अधिकारियों की आंखें फटी रह गई। एक मामूली से दिखने वाले (Travel Agent Money Laundering) के ठिकानों से करीब 4.62 करोड़ रुपये की नकदी बरामद की गई है। यह पैसा उन भोले-भाले युवाओं और उनके परिवारों से वसूला गया था, जो सिर्फ एक अदद नौकरी के लिए सात समंदर पार जाने की हसरत रखते थे।
चांदी की ईंटें और सोने के बिस्किट देख अधिकारी दंग
तलाशी अभियान के दौरान केवल नकदी ही नहीं, बल्कि भारी मात्रा में कीमती धातुएं भी मिली हैं। अधिकारियों ने छापे के दौरान लगभग (Seized Gold and Silver) का विशाल भंडार बरामद किया है, जिसमें 313 किलो चांदी और 6 किलो सोने के बिस्किट शामिल हैं। इतनी बड़ी मात्रा में कीमती धातुओं का मिलना इस बात का प्रमाण है कि यह काला कारोबार कितनी गहराई तक अपनी जड़ें जमा चुका है।
आपत्तिजनक चैट और डिजिटल साक्ष्यों का खुलासा
सिर्फ दौलत ही नहीं, जांच एजेंसी के हाथ कुछ ऐसे डिजिटल सबूत भी लगे हैं जो इस पूरे सिंडिकेट की पोल खोल सकते हैं। पकड़े गए ट्रैवल एजेंटों के (Electronic Device Forensics) से मिली वॉट्सऐप चैट और दस्तावेजों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि किस तरह युवाओं को दक्षिण अमेरिकी देशों के खतरनाक जंगलों के रास्ते अमेरिका में अवैध रूप से दाखिल कराया जाता था। ये चैट अपराधियों के पूरे नेटवर्क का कच्चा चिट्ठा खोल रही हैं।
जमीन के दस्तावेजों को बंधक बनाकर वसूली
इस रैकेट की क्रूरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि आरोपी एजेंट गारंटी के तौर पर पीड़ित परिवारों की जमीन और जायदाद के मूल कागज अपने पास रख लेते थे। हरियाणा में छापेमारी के दौरान (Illegal Immigration Scams) से जुड़े ऐसे कई दस्तावेज मिले हैं, जो यह बताते हैं कि यदि कोई युवा बीच रास्ते में मना करता या पैसे देने में देरी करता, तो उसकी संपत्ति पर कब्जा कर लिया जाता था।
अमेरिका से डिपोर्ट हुए भारतीयों ने खोली पोल
इस बड़ी कार्रवाई की नींव तब पड़ी जब फरवरी 2025 में अमेरिकी सरकार ने सैन्य कार्गो विमानों के जरिए 330 भारतीय नागरिकों को वापस स्वदेश भेज दिया। इन (Deported Indian Citizens) के बयानों के आधार पर पंजाब और हरियाणा पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी। इन पीड़ितों ने अपनी आपबीती में बताया कि कैसे कानूनी तरीके से विदेश भेजने का झांसा देकर उन्हें नरक जैसे रास्तों पर धकेला गया।
डंकी रूट: मौत का वो रास्ता जहां रूह कांप जाए
‘डंकी’ शब्द सुनने में जितना साधारण लगता है, इसका हकीकत में सफर उतना ही डरावना और घातक होता है। अवैध रूप से सीमा पार कराने के इस (International Border Crossing) खेल में युवाओं को हफ्तों तक भूखा रखा जाता है और घने जंगलों व नदियों के रास्ते पैदल चलाया जाता है। ईडी के अनुसार, इस लंबी यात्रा के दौरान कई युवाओं को शारीरिक और मानसिक यातनाएं दी गईं और उनसे जबरन गैर-कानूनी काम भी कराए गए।
करोड़ों की संपत्ति अटैच और आगे की तैयारी
प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले में अब तक की जांच में कई ट्रैवल एजेंटों की लगभग 5 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति को अटैच किया है। जांच एजेंसी का मानना है कि (Financial Fraud Investigation) अभी अपने शुरुआती चरण में है और आने वाले दिनों में कई बड़े सफेदपोश चेहरों के नाम सामने आ सकते हैं। यह कार्रवाई उन लोगों के लिए एक कड़ा संदेश है जो मजबूरी का फायदा उठाकर अपना खजाना भर रहे हैं।
भविष्य की सुरक्षा और युवाओं के लिए चेतावनी
इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि शार्टकट के चक्कर में विदेश जाना जानलेवा साबित हो सकता है। ईडी का मुख्य उद्देश्य (Prevention of Money Laundering) के साथ-साथ इस मानव तस्करी के नेटवर्क की वित्तीय रीढ़ को तोड़ना है। सरकार अब उन रास्तों को ब्लॉक करने की योजना बना रही है जिनसे होकर यह हवाला का पैसा और मासूम जिंदगियां विदेशों में अवैध रूप से भेजी जा रही हैं।