झारखण्ड

Dhanbad House Fire Incident: गहरी नींद में सो रहे परिवार पर काल बनकर टूटी आग, नानी और नाती की दर्दनाक मौत से कांपा इलाका

Dhanbad House Fire Incident: कोयलांचल की राजधानी धनबाद के सरायढेला थाना क्षेत्र स्थित विकास नगर में बीती रात एक ऐसी हृदयविदारक घटना घटी, जिसने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया। एक तीन मंजिला मकान में देर रात अचानक लगी भीषण आग ने दो जिंदगियों को हमेशा के लिए खामोश कर दिया। यह (Fire Safety Emergency) इतनी अचानक और भयानक थी कि जब तक लोग कुछ समझ पाते, आग की लपटों ने पूरे घर को अपने आगोश में ले लिया। चीख-पुकार सुनकर दौड़े पड़ोसियों ने जब मंजर देखा, तो उनकी रूह कांप गई; घर के भीतर से धुएं के गुबार और मदद की गुहारें सुनाई दे रही थीं।

Dhanbad House Fire Incident
Dhanbad House Fire Incident
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नानी-नाती के अटूट रिश्ते का दुखद अंत

इस अग्निकांड में जान गंवाने वालों की पहचान 70 वर्षीय चिंता देवी और उनके 22 वर्षीय नाती प्रशांत कुमार उर्फ गोलू के रूप में हुई है। विडंबना देखिए कि प्रशांत करीब 15 दिन पहले ही पटना से अपनी नानी के घर छुट्टियां बिताने आया था। (Family Tragedy) का यह मंजर देखकर हर किसी की आंखें नम हैं। किसे पता था कि पटना से अपनी नानी का हाल-चाल पूछने आया गोलू अब कभी वापस नहीं लौट पाएगा। नानी और नाती के इस प्रेम का अंत एक धुएं से भरी कालकोठरी में होगा, इसकी कल्पना किसी ने नहीं की थी।

नींद में बेखबर पंद्रह जिंदगियां और मौत का घेरा

जिस वक्त यह हादसा हुआ, उस विशाल तीन मंजिला मकान में कुल 15 लोग गहरी नींद में सो रहे थे। घर के प्रथम तल पर आठ, दूसरे पर तीन और तीसरे तल पर चार लोग मौजूद थे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार (Residential Fire Hazards) उस समय जानलेवा साबित हुए जब आग सबसे पहले पहले तल पर लगी। देखते ही देखते जहरीला धुआं सीढ़ियों के रास्ते ऊपरी मंजिल तक पहुंच गया। रात के सन्नाटे में जब तक लोगों की नींद खुली, तब तक बाहर निकलने का मुख्य रास्ता आग और धुएं से पूरी तरह बंद हो चुका था।

मौत से जूझते रहे लोग और बचाव की कोशिशें

मकान की ऊपरी मंजिलों पर सो रहे लोगों ने साहस दिखाते हुए किसी तरह खिड़कियों और छतों के रास्ते बाहर निकलकर अपनी जान बचाई। हालांकि, प्रथम तल पर फंसे लोगों के लिए (Rescue Operations) चलाना बहुत चुनौतीपूर्ण हो गया था। धुएं की अधिकता के कारण सांस लेना दूभर था और आंखों में जलन की वजह से कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था। स्थानीय युवाओं ने अपनी जान जोखिम में डालकर कुछ लोगों को बाहर निकाला, लेकिन तब तक आग विकराल रूप धारण कर चुकी थी और मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाना भी नामुमकिन लग रहा था।

दमकल विभाग की मशक्कत और बेकाबू लपटें

हादसे की सूचना मिलते ही धनबाद दमकल विभाग की तीन गाड़ियां सायरन बजाती हुई विकास नगर पहुंचीं। फायर फाइटर्स ने (Firefighting Equipment) की मदद से करीब डेढ़ घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद लपटों पर काबू पाया। दमकलकर्मियों को घर के भीतर प्रवेश करने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा क्योंकि संकरी गलियों और घर के भीतर फैले धुएं ने दृश्यता शून्य कर दी थी। आग बुझने के बाद जब तलाशी ली गई, तो चिंता देवी और प्रशांत के झुलसे हुए शव बरामद हुए, जिन्हें देखकर वहां मौजूद लोगों का कलेजा फट गया।

हीटर और शॉर्ट सर्किट का जानलेवा मेल

शुरुआती जांच और परिजनों से मिली जानकारी के अनुसार, इस अग्निकांड की मुख्य वजह शॉर्ट सर्किट मानी जा रही है। बताया जा रहा है कि कड़ाके की ठंड से बचने के लिए चिंता देवी रात करीब 12 बजे अपने कमरे में हीटर चलाकर सोई थीं। (Electrical Safety Standards) की अनदेखी या हीटर में तकनीकी खराबी की वजह से संभवतः तारों में आग लगी। करीब एक बजे जब घर के अन्य सदस्यों को गर्मी और जलने की गंध का अहसास हुआ, तब तक आग उनके कमरे से निकलकर गैलरी तक फैल चुकी थी।

छह लोग गंभीर रूप से झुलसे और अस्पताल में भर्ती

इस दर्दनाक हादसे में केवल मौतें ही नहीं हुईं, बल्कि छह अन्य लोग भी बुरी तरह झुलस गए हैं। घर के संचालक कुंदन के परिवार के ये सदस्य फिलहाल जीवन और मौत के बीच जंग लड़ रहे हैं। इनमें से दो की हालत अत्यंत चिंताजनक बनी हुई है, जिन्हें बेहतर (Critical Care Treatment) के लिए शहर के एक प्रतिष्ठित निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। डॉक्टरों की टीम लगातार उनकी निगरानी कर रही है, लेकिन धुएं के फेफड़ों में जाने के कारण रिकवरी में मुश्किलें आ रही हैं।

पुलिसिया जांच और पोस्टमार्टम की प्रक्रिया

सरायढेला थाना पुलिस ने मौके पर पहुंचकर दोनों शवों को अपने कब्जे में लिया और कागजी कार्रवाई के बाद उन्हें पोस्टमार्टम के लिए शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज (SNMMCH) भेज दिया है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि (Accidental Death Investigation) शुरू कर दी गई है और फॉरेंसिक टीम की मदद से आग लगने के सटीक कारणों का पता लगाया जा रहा है। धनबाद जिला प्रशासन ने भी इस घटना पर दुख जताया है और लोगों से सर्दियों में बिजली उपकरणों का उपयोग करते समय विशेष सावधानी बरतने की अपील की है।

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