मणिपुर यौन उत्पीड़न की शिकार हुईं दो महिलाओं ने सुप्रीम कोर्ट का खटखटाया दरवाजा
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नई दिल्ली. मणिपुर में भीड़ द्वारा नग्न परेड और यौन उत्पीड़न की शिकार हुईं दो आदिवासी स्त्रियों ने उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है.
भारत के मुख्य न्यायाधीश डी।वाई।चंद्रचूड़ की प्रतिनिधित्व वाली पीठ सोमवार को उनकी याचिका पर सुनवाई करने वाली है, साथ ही मणिपुर में अंतर-जातीय झड़पों से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई करेंगी. इसमें स्वत: संज्ञान मुद्दा भी शामिल है, जहां दो युवतियों को नग्न घुमाने का वीडियो वायरल होने पर केंद्र और मणिपुर सरकारों को तुरन्त कदम उठाने का निर्देश दिया गया था.
पीठ केंद्र गवर्नमेंट के उस उत्तर पर भी विचार करेगी, जिसमें परेशान करने वाली घटना के संबंध में की गई कार्रवाइयों का विवरण दिया गया है.
दायर अपने उत्तर में, केंद्र गवर्नमेंट ने उच्चतम न्यायालय को सूचित किया है कि घटना की जांच CBI को सौंप दी गई है और शीर्ष न्यायालय से निवेदन किया है कि मुकदमे सहित पूरे मुद्दे को मणिपुर के बाहर किसी अन्य राज्य में स्थानांतरित करने का आदेश दिया जाए.
20 जुलाई को उच्चतम न्यायालय ने वायरल वीडियो पर स्वत: संज्ञान लिया था और केंद्र और राज्य सरकारों से उठाए गए कदमों के बारे में 28 जुलाई तक उसे अवगत कराने को बोला था.
सीजेआई डी।वाई। चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो सामने आने के एक दिन बाद 20 जुलाई को कहा, “हिंसा को अंजाम देने के लिए स्त्रियों को साधन के रूप में इस्तेमाल करना कानूनी लोकतंत्र में अस्वीकार्य है.”
पीठ ने हिंदुस्तान के सॉलिसिटर जनरल से बोला कि यदि राज्य गवर्नमेंट कार्रवाई नहीं करती है, तो शीर्ष न्यायालय “हस्तक्षेप” करने के लिए बाध्य होगी.
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