उत्तराखण्ड

Uttarakhand: हरीश रावत ने गुरुद्वारे में टेका माथा, हरक सिंह के विवादित बयान पर सिख समाज से दिल से मांगी माफी

Uttarakhand: देहरादून के आढ़त बाजार स्थित ऐतिहासिक गुरुद्वारा गुरु सिंह सभा में सोमवार शाम उस समय सन्नाटा छा गया जब पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत अचानक पधारें। उनके साथ कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता भी थे। सभी ने श्रद्धापूर्वक माथा टेका, अरदास की और फिर लंगर हॉल में बैठकर प्रसाद ग्रहण किया। यह कोई साधारण दौरा नहीं था, बल्कि एक संवेदनशील माफी का मौका था।

Uttarakhand
Uttarakhand
WhatsApp Group Join Now

हरक सिंह रावत के बयान से उपजा था विवाद

कुछ दिन पहले कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने एक जनसभा में सिख समुदाय को लेकर कुछ ऐसे शब्द कह दिए थे जिन्हें समाज ने अपनी भावनाओं पर चोट माना। बात तेजी से फैली और पूरे उत्तराखंड में सिख संगठनों ने कड़ा विरोध जताया। हरक सिंह ने पहले ही सार्वजनिक रूप से माफी मांग ली थी, लेकिन समाज के कुछ लोग अभी भी आहत थे। ऐसे में हरीश रावत ने खुद आगे आकर इस मामले को शांत करने की पहल की।

गुरुद्वारे में भावुक हुई हरीश रावत की आवाज

गुरुद्वारे के अंदर हरीश रावत ने हाथ जोड़कर कहा, “सिख कौम इस देश का गौरव है। यह उदारता, शौर्य और सेवा का प्रतीक है। सपने में भी इस महान समाज का अपमान करने की कल्पना नहीं की जा सकती। अगर अनजाने में, भूलवश कोई बात मुंह से निकल गई हो तो उसके लिए मैं दिल से क्षमा मांगता हूं।” उनकी आवाज में भावुकता साफ झलक रही थी। उन्होंने कहा कि मुंह की फिसलन कभी-कभी बहुत भारी पड़ जाती है, लेकिन दिल में कोई मैल नहीं है।

लंगर में बैठकर दिया सिख धर्म की बराबरी का संदेश

सबसे खूबसूरत नजारा तब हुआ जब पूर्व मुख्यमंत्री खुद लंगर हॉल में फर्श पर बैठ गए। उन्होंने बिना किसी भेदभाव के सभी के साथ प्रसाद ग्रहण किया। यह नजारा देखकर वहां मौजूद सिख संगत ने भी तालियां बजाईं। हरीश रावत ने कहा कि सिख धर्म जिस बराबरी और सेवा का संदेश देता है, उसे पूरा देश अपनाए तो दुनिया स्वर्ग बन जाए।

कांग्रेस नेताओं का साथ, एकजुटता का संदेश

इस मौके पर कांग्रेस के कई बड़े चेहरे साथ थे। शहर अध्यक्ष संजय शर्मा, पूर्व विधायक महेंदर सिंह नेगी, ओमप्रकाश सती, गुलजार अहमद, दीप वोहरा, जसबीर रावत, कमल सिंह रावत समेत दर्जनों कार्यकर्ता मौजूद रहे। सभी ने एक स्वर में कहा कि सिख समुदाय उत्तराखंड की शान है और कांग्रेस हमेशा उनके सम्मान की रक्षा करेगी।

सिख संगठनों ने सराहा हरीश रावत का कदम

गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पदाधिकारियों ने हरीश रावत के इस कदम की भूरि-भूरि प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि एक पूर्व मुख्यमंत्री का इस तरह गुरुद्वारे में आकर दिल से माफी मांगना बहुत बड़ी बात है। इससे सिख समाज की भावनाओं को बहुत हद तक शांत हुई हैं। कमेटी ने दोनों नेताओं – हरक सिंह और हरीश रावत – को सम्मान स्वरूप सिरोपा भेंट किया।

राजनीतिक गलियारों में छिड़ी नई बहस

हालांकि इस घटना के बाद राजनीतिक गलियारों में नई चर्चा शुरू हो गई है। कुछ लोग इसे कांग्रेस की क्षति नियंत्रण की रणनीति बता रहे हैं तो कुछ इसे सच्ची संवेदनशीलता। विपक्षी दल भाजपा ने कहा कि कांग्रेस हमेशा वोट बैंक की राजनीति करती है और अब डैमेज कंट्रोल कर रही है। वहीं कांग्रेस का कहना है कि यह दिल से निकला सम्मान है, राजनीति नहीं।

अंत में यही संदेश – गलती इंसान से होती है, माफी दिल से

पूरी घटना का सबसे बड़ा संदेश यही रहा कि गलती चाहे कोई भी करे, अगर दिल से माफी मांग ले तो रिश्ते और मजबूत हो जाते हैं। सिख समुदाय ने भी बड़ा दिल दिखाते हुए दोनों नेताओं को माफ कर दिया। अब उम्मीद है कि भविष्य में कोई भी नेता अपनी जुबान संभालकर बोलेगा ताकि किसी की भावनाएं आहत न हों।

यह घटना एक बार फिर साबित करती है कि उत्तराखंड की मिट्टी में भाईचारा और सम्मान बहुत गहरे तक बसा है। चाहे राजनीतिक मतभेद हों, लेकिन जब बात दिल की आए तो सब एक हो जाते हैं।

हरक सिंह रावत माफी, हरीश रावत गुरुद्वारा, सिख समाज माफी, उत्तराखंड कांग्रेस, देहरादून गुरुद्वारा सिंह सभा, सिख कौम सम्मान, लंगर प्रसाद, राजनीतिक विवाद माफी, सिख धर्म बराबरी, उत्तराखंड राजनीति न्यूज

Related Articles

Back to top button

Adblock Detected

Please disable your AdBlocker first, and then you can watch everything easily.