उत्तराखण्ड

Road Safety and Tragedy: पीलीभीत के सैलानियों के साथ पहाड़ी रास्तों पर हुआ खौफनाक हादसा, तीन की हुई मौत

Road Safety and Tragedy: उत्तराखंड की हसीन वादियों में बाबा नीम करौली के दर्शन करने जा रहे श्रद्धालुओं के लिए खुशियां पल भर में मातम में बदल गईं। पीलीभीत से कैंची धाम के दर्शन के लिए रवाना हुई एक (Tourist Vehicle) स्कॉर्पियो भवाली-अल्मोड़ा राष्ट्रीय राजमार्ग पर दुर्घटनाग्रस्त हो गई। निगलाट के पास पहाड़ी मोड़ों पर चालक ने अचानक वाहन पर से नियंत्रण खो दिया और देखते ही देखते गाड़ी कई सौ फीट गहरी खाई में जा गिरी। यह हादसा इतना भीषण था कि चीख-पुकार सुनकर आसपास के ग्रामीण और राहगीर सहम गए। ईश्वर के द्वार पहुँचने से पहले ही नियति ने अपना क्रूर खेल खेल दिया।

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रेस्क्यू ऑपरेशन और स्थानीय लोगों की जांबाजी

हादसे की खबर मिलते ही स्थानीय प्रशासन और पुलिस की टीम मौके पर पहुँची। गहरी खाई और अंधेरे के बीच (Emergency Rescue) अभियान शुरू किया गया। स्थानीय युवाओं और पुलिसकर्मियों ने अपनी जान जोखिम में डालकर खाई में उतरकर घायलों को बाहर निकाला। स्कॉर्पियो के परखच्चे उड़ चुके थे, जिससे घायलों को निकालने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। मौके पर मौजूद लोगों के अनुसार, पहाड़ी ढलान इतनी तीखी थी कि रेस्क्यू टीम को रस्सियों का सहारा लेना पड़ा। घायलों को तत्काल एम्बुलेंस के जरिए भवाली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) ले जाया गया।

मृतकों और घायलों की शिनाख्त

अस्पताल पहुँचते ही डॉक्टरों ने तीन महिलाओं को मृत घोषित कर दिया। मृतकों की पहचान गंगा देवी (56), नैंसी गंगवार (24) और बृजेश कुमारी (26) के रूप में हुई है। इस हादसे में 7 वर्षीय मासूम ऋषि पटेल समेत पांच अन्य लोग (Critical Condition) में हैं। घायल ऋषि के पिता राहुल पटेल और परिवार के अन्य सदस्य भी इस वाहन में सवार थे। डॉक्टर रमेश कुमार ने बताया कि घायलों की हालत नाजुक होने के कारण उन्हें प्राथमिक उपचार के बाद हल्द्वानी के हायर सेंटर रेफर कर दिया गया है। एक ही परिवार के कई सदस्यों की मृत्यु और घायलों की खबर ने पीलीभीत और इज्जतनगर (बरेली) में शोक की लहर दौड़ दी है।

पहाड़ी सड़कों पर अनियंत्रित रफ्तार का कहर

कोतवाल प्रकाश सिंह मेहरा ने बताया कि प्रारंभिक जांच में ऐसा प्रतीत होता है कि वाहन की गति अधिक थी या फिर चालक को पहाड़ी रास्तों का अनुभव नहीं था। निगलाट के पास का मोड़ काफी खतरनाक माना जाता है और (Driving Errors) के कारण अक्सर यहाँ दुर्घटनाएं होती हैं। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि स्कॉर्पियो सड़क से टकराकर सीधे नीचे गिरी, जिससे गाड़ी में सवार लोगों को संभलने का मौका तक नहीं मिला। पुलिस अब वाहन के तकनीकी पहलुओं की जांच कर रही है ताकि दुर्घटना के सही कारणों का पता लगाया जा सके।

सुरक्षित पर्यटन और प्रशासन की चुनौतियां

उत्तराखंड में पर्यटन सीजन के दौरान भारी संख्या में बाहरी राज्यों के वाहन पहुँचते हैं। अक्सर मैदानी इलाकों के चालक (Mountain Driving Safety) के नियमों से अनजान होते हैं, जिससे ऐसे हादसे होते हैं। प्रशासन लगातार अपील करता है कि रात के समय या थकान की स्थिति में पहाड़ी रास्तों पर वाहन न चलाएं। इस घटना ने एक बार फिर से सुरक्षा इंतजामों और साइन बोर्डों की आवश्यकता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। हाईवे पर सुरक्षा दीवारें न होना भी ऐसी घटनाओं में जान-माल के नुकसान को बढ़ा देता है।

शोक संतप्त परिवारों के लिए गहरी संवेदना

इस हृदयविदारक हादसे ने यह सिखाया है कि सफर में एक पल की लापरवाही कितनी भारी पड़ सकती है। पीलीभीत के रहने वाले ये सैलानी बहुत उत्साह के साथ (Spiritual Tourism) पर निकले थे, लेकिन उनकी वापसी अब आंसुओं के साथ होगी। मृतकों के शवों का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। प्रशासन ने घायलों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है। इस घटना के बाद कैंची धाम जाने वाले अन्य श्रद्धालुओं के बीच भी शोक व्याप्त है और सभी घायलों के जल्द स्वस्थ होने की प्रार्थना कर रहे हैं।

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