उत्तराखण्ड

Rishikesh Car Accident: खौफनाक हादसा! लोहे का ढेर बनी कार से निकाले गए मांस के लोथड़े, राख हुई 4 जिंदगियां

Rishikesh Car Accident: ऋषिकेश के मनसा देवी मंदिर क्षेत्र में मंगलवार की रात एक ऐसी खौफनाक दास्तां लिख गई, जिसे सुनकर रूह कांप जाए। रेलवे फाटक के पास सन्नाटे को चीरती हुई एक चीख गूंजी और पल भर में सब कुछ खत्म हो गया। एक बेहद तेज रफ्तार कार (Fatal Road Crash) का शिकार हो गई, जब वह सड़क किनारे खड़े एक विशालकाय ट्रक से जा टकराई। टक्कर इतनी भीषण थी कि कार का अगला हिस्सा ट्रक के नीचे बुरी तरह फंस गया और उसमें सवार चार लोगों की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई।

Rishikesh Car Accident
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जान बचाने की कोशिश या मौत को बुलावा?

चश्मदीदों के मुताबिक, यह हादसा (Rishikesh Car Accident) रात करीब 10:30 बजे हुआ जब कार हरिद्वार से ऋषिकेश की ओर आ रही थी। प्रत्यक्षदर्शियों ने पुलिस को बताया कि सड़क पर अचानक (Stray Animal Safety) को लेकर चालक भ्रमित हो गया। किसी जानवर को बचाने के फेर में उसने कार को तेजी से बाईं ओर मोड़ा, लेकिन रफ्तार इतनी अधिक थी कि वह नियंत्रण खो बैठा। बेकाबू वाहन सीधे मौत के काल बनकर खड़े ट्रक में समा गया और पल भर में हंसते-खेलते चार घर तबाह हो गए।

गैस कटर से काटकर निकाले गए क्षत-विक्षत शव

हादसे का मंजर इतना वीभत्स था कि मौके पर पहुंची पुलिस की भी आंखें नम हो गईं। कार के परखच्चे उड़ चुके थे और मृतकों के शव धातु के मलबे में इस कदर फंस गए थे कि उन्हें साधारण तरीके से निकालना नामुमकिन था। पुलिस ने क्रेन और भारी मशीनों की मदद से (Rescue Operation Procedures) शुरू किया। वाहन को काटकर जब शव बाहर निकाले गए, तब तक मांस के लोथड़े सड़क पर बिखर चुके थे। पुलिस को काफी मशक्कत के बाद मलबे से मानव अवशेषों को इकट्ठा करना पड़ा।

मृतकों की पहचान और परिजनों का विलाप

पुलिस ने कार के नंबर के आधार पर उसके स्वामी की तलाश शुरू की, जिसकी पहचान चंद्रेश्वर मार्ग निवासी सोनू कुमार के रूप में हुई है। कोतवाल केसी भट्ट ने बताया कि (Victim Identification Process) के दौरान दो मृतकों की शिनाख्त हो पाई है। इनमें 30 वर्षीय धीरज जायसवाल और 22 वर्षीय हरिओम शामिल हैं। अन्य दो मृतकों की पहचान के लिए पुलिस देर रात तक कसरत करती रही। परिजनों को जैसे ही इस अनहोनी की सूचना मिली, घरों में कोहराम मच गया।

रफ्तार का जुनून और ओवरटेकिंग का जानलेवा खेल

हादसे से ठीक पहले के जो हालात बताए जा रहे हैं, वे रौंगटे खड़े कर देने वाले हैं। सड़क पर मौजूद अन्य वाहन चालकों ने बताया कि कार सवार (Reckless Driving Hazards) को नजरअंदाज करते हुए एक के बाद एक कई गाड़ियों को ओवरटेक कर रहे थे। कार की गति इतनी अधिक थी कि वह सड़क पर दौड़ती नहीं बल्कि उड़ती हुई प्रतीत हो रही थी। इसी पागलपन भरी रफ्तार ने अंततः मौत के साथ रेस पूरी की और चार नौजवानों को मौत की आगोश में सुला दिया।

मनसा देवी मंदिर के पास पसरा मातम

जिस स्थान पर यह दुर्घटना हुई, वहां अक्सर श्रद्धालुओं की भीड़ रहती है, लेकिन रात के वक्त सन्नाटा होने के कारण ट्रक चालक ने वाहन खड़ा किया था। (Traffic Safety Violations) और तेज रफ्तार के कॉम्बिनेशन ने इस क्षेत्र को श्मशान बना दिया। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस मार्ग पर रात के समय ओवरस्पीडिंग एक बड़ी समस्या बन चुकी है। पुलिस अब इस बात की भी जांच कर रही है कि क्या चालक नशे की हालत में था या केवल रफ्तार के रोमांच ने यह तबाही मचाई।

पुलिस जांच और भविष्य की कार्रवाई

कोतवाल केसी भट्ट के नेतृत्व में पुलिस टीम ने घटनास्थल का बारीक मुआयना किया है। ट्रक और कार को कब्जे में लेकर (Police Investigation Reports) तैयार की जा रही है। पुलिस यह भी देख रही है कि क्या ट्रक खड़ा करने में किसी नियम की अनदेखी की गई थी। हालांकि, शुरुआती साक्ष्य कार चालक की लापरवाही की ओर ही इशारा कर रहे हैं। शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और रिपोर्ट आने के बाद ही हादसे की असली वजहों पर से पर्दा उठ पाएगा।

चेतावनी भरी ये काली रात

ऋषिकेश की यह घटना उन तमाम लोगों के लिए एक बड़ी चेतावनी है जो सड़कों पर रफ्तार को ही रोमांच समझते हैं। एक छोटी सी चूक और (Emergency Response Failures) की गुंजाइश भी नहीं बची। आज चार परिवारों के चिराग बुझ गए हैं और पीछे छोड़ गए हैं कभी न खत्म होने वाला दर्द। प्रशासन ने एक बार फिर अपील की है कि सड़कों पर निर्धारित गति सीमा का पालन करें, क्योंकि घर पर कोई आपका इंतजार कर रहा है।

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