Leopard Attack Uttarakhand: आदमखोर का आतंक खत्म होते ही खुले स्कूलों के ताले, कई महीनों से मचा रहा था आतंक…
Leopard Attack Uttarakhand: उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र में पिछले कुछ समय से दहशत फैलाने वाले गुलदार को शिकारियों ने मार गिराया (Leopard Attack Uttarakhand)। यह आदमखोर कई महीनों से स्थानीय लोगों के लिए खतरा बना हुआ था। इस गुलदार के कारण क्षेत्र के 62 स्कूल कुछ समय के लिए बंद कर दिए गए थे।

शिकारियों की कार्रवाई
गढ़वाल वन प्रभाग की पौड़ी रेंज के गजल्ड इलाके में सक्रिय गुलदार को बुधवार देर शाम शिकारियों ने ढेर कर दिया (Leopard Attack Uttarakhand)। प्रमुख सचिव वन और प्रमुख वन संरक्षक ने सोमवार को इस इलाके में शूटर तैनात करने के आदेश दिए थे। रात से ही शूटर जॉय हुकिल और रमेश बड़थ्वाल वन विभाग की टीम के साथ वहां डेरा डाले हुए थे।
गुलदार का खतरा
गुलदार ने बीते गुरुवार को एक व्यक्ति को मार डाला था, जिससे क्षेत्र में दहशत फैल गई थी (Leopard Attack Uttarakhand)। इसके बाद इलाके के 62 स्कूलों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया। ग्रामीण लगातार प्रशासन से सुरक्षा की मांग कर रहे थे।
गुलदार की मौत और राहत
बुधवार रात गुलदार शिकारियों की गोली का निशाना बन गया (Leopard Attack Uttarakhand)। इसके ढेर होने के बाद ग्रामीणों ने राहत की सांस ली। डीएफओ गढ़वाल अभिमन्यु सिंह ने बताया कि टीम ने इस खतरनाक गुलदार को निशाना बनाकर मार गिराया।
पौड़ी में नया हमला
गुलदार ने बुधवार को पोखड़ा ब्लॉक के देवराड़ी गांव में घास काट रही महिला पर हमला किया (Leopard Attack Uttarakhand)। घायल महिला को पहले पोखड़ा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और फिर सतपुली हंस फाउंडेशन अस्पताल में भर्ती कराया गया। डीएम पौड़ी ने महिला को एयर लिफ्ट के जरिए बेहतर इलाज के लिए भेजा।
ग्रामीणों का गुस्सा और सुरक्षा की मांग
पोखड़ा ब्लॉक के गांवों में गुलदार के लगातार हमलों के बाद ग्रामीणों में रोष है (Leopard Attack Uttarakhand)। डीएफओ अभिमन्यु सिंह मौके पर पहुंचे, लेकिन लोगों ने अपनी सुरक्षा के लिए तेज़ कार्रवाई की मांग की। महिलाओं और ग्रामीणों की सुरक्षा को लेकर प्रशासन की सतर्कता बढ़ा दी गई है।
गुलदार के हमलों का इतिहास
गढ़वाल में यह गुलदार कई महीनों से आदमखोर के रूप में सक्रिय था (Leopard Attack Uttarakhand)। इसके हमलों ने स्थानीय जनजीवन प्रभावित किया और लोगों में भय का माहौल बना दिया। प्रशासन ने कई बार चेतावनी दी, लेकिन यह गुलदार लगातार ग्रामीणों के लिए खतरा बना रहा।
शिक्षा और सुरक्षा पर असर
गुलदार के कारण क्षेत्र के 62 स्कूल अस्थायी रूप से बंद रहे (Leopard Attack Uttarakhand)। बच्चों और शिक्षकों की सुरक्षा को देखते हुए प्रशासन ने स्कूलों को बंद रखने का फैसला किया था। गुलदार के ढेर होने के बाद स्कूलों को फिर से खोलने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
आखिरी सुरक्षा उपाय
गुलदार के ढेर होने के बाद वन विभाग ने ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त निगरानी बढ़ाई (Leopard Attack Uttarakhand)। अब प्रशासन ने इलाके में नियमित गश्त और चेतावनी देने वाले बोर्ड लगाए हैं ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।



