उत्तराखण्ड

Haridwar : बाढ़ आने से पेयजल लाइन हुई क्षतिग्रस्त

सूखी नदी की बाढ़ से पेयजल लाइनें क्षतिग्रस्त हो गई हैं. इससे खखड़ी और भूपतवाला के कई इलाकों में पेयजल आपूर्ति बंद हो गई. इससे क्षेत्र की करीब 30 हजार की जनसंख्या को बूंद-बूंद पानी के लिए परेशान होना पड़ा कड़ी मशक्कत के बाद जल संस्थान ने रविवार शाम पांच बजे क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति बहाल कर दी. लोगों को 24 घंटे पीने के पानी की कमी का सामना करना पड़ा

सूखी नदी में आई बाढ़ से शनिवार शाम करीब पांच बजे भारी तबाही मची. नदी की पार्किंग में खड़ी छह कारें तेज धारा में बह गईं. इसके अतिरिक्त बाढ़ के कारण खखड़ी और भूपतवाला क्षेत्र के कई इलाकों में पेयजल लाइनें क्षतिग्रस्त होने से जलापूर्ति बाधित हो गई. जल संस्थान कर्मियों ने रविवार सुबह पेयजल लाइन की मरम्मत का काम प्रारम्भ किया, लेकिन बाढ़ के कारण नदी में गाद आने से काम बाधित हो गया, जिससे क्षेत्र में समय पर पानी नहीं पहुंचाया जा सका. सुबह तक लोगों ने जमा पानी से रोजमर्रा का काम चलाया, लेकिन बाद में घरों में जमा पानी भी समाप्त हो गया. जिससे लोगों को इधर-उधर से पानी ढोना पड़ा. जिससे लोगों के अन्य कार्य भी प्रभावित हुए. स्त्रियों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ा. पानी न मिलने से परेशान क्षेत्रीय लोगों को शांत करने के लिए जल संस्थान ने टैंकरों के माध्यम से क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति प्रारम्भ कर दी. देर शाम तक क्षेत्र में तीन टैंकरों से पेयजल आपूर्ति की जा रही थी, इस बीच शाम छह बजे विभाग के कर्मियों ने क्षतिग्रस्त पेयजल लाइन की मरम्मत कर क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति बहाल कर दी. जिसके बाद लोगों ने राहत की सांस ली

व्यापारियों ने सहायता की
पेयजल लाइन क्षतिग्रस्त होने से खड़खड़ी और भूपतवाला समेत कई इलाकों में जलापूर्ति बाधित हुई तो मेट्रोपॉलिटन चैंबर ऑफ कॉमर्स के पदाधिकारियों ने लाइन की मरम्मत में सहायता की. महानगर व्यापार एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष सुनील सेठी ने कहा कि जल आपूर्ति के लिए क्षेत्र के व्यापारियों को जल संस्थान के टैंकरों से पेयजल मौजूद कराया गया. पेयजल के लिए प्रभावित क्षेत्रों से जब टैंकर खाली लौटे तो व्यापारियों ने उनमें पानी भरकर क्षेत्र में भेजने में योगदान किया. इस दौरान नीरज पाल, अनिल कोरी, एसएन तिवारी, भूदेव शर्मा, धर्मपाल सिंह, राकेश सिंह उपस्थित रहे.

पहले से ही पेयजल संकट से जूझ रहे क्षेत्र में रविवार शाम अचानक पानी की आपूर्ति बंद कर दी गई. रविवार की सुबह तक लोगों ने किसी तरह घर में मौजूद पानी से काम चलाया लेकिन फिर परेशानी का सामना करना पड़ा.
आशीष जैन

रविवार की सुबह पानी नहीं आने के कारण लोगों को इधर-उधर से पानी की प्रबंध करनी पड़ी जिससे लोगों के अन्य कार्य भी प्रभावित हुए. स्त्रियों को पानी की प्रबंध करने में काफी कठिनाई का सामना करना पड़ा.

कमल गुप्ता
सूखी नदी में हर वर्ष बाढ़ आती है ऐसे में जलसंस्थान को पेयजल लाइन को बचाने के लिए पहले से ही मुनासिब व्यवस्था करने चाहिए थे, जो नहीं किए गए. जिससे लोगों को पीने के पानी की कमी का सामना करना पड़ा.

विभूषित
इलाके में टैंकरों से पीने के पानी की आपूर्ति की गई, लेकिन लोगों को जो पानी मिला वह बहुत कम था, लोगों ने जैसे-तैसे पानी का व्यवस्था किया शाम को जलापूर्ति बहाल होने पर लोगों ने राहत की सांस ली.

सुनील शेट्टी
सूखी नदी में बाढ़ के कारण पेयजल लाइनें क्षतिग्रस्त होने से पेयजल आपूर्ति बाधित हो गई. पेयजल लाइनों की मरम्मत कर क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति बहाल कर दी गई है.

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