Delhi Dehradun Expressway Toll: दिल्ली–देहरादून एक्सप्रेसवे पर सफर होगा आसान, लेकिन 670 रुपये टोल चुकाने को रहें तैयार
Delhi Dehradun Expressway Toll: अब तस्वीर काफी हद तक साफ हो चुकी है। निर्माणाधीन दिल्ली–देहरादून एक्सप्रेसवे पर कार से सफर करने वालों को भविष्य में अच्छी-खासी रकम टोल टैक्स के रूप में चुकानी पड़ सकती है। एनएचएआई द्वारा तैयार प्रस्ताव के अनुसार, दिल्ली से देहरादून तक कार से जाने पर करीब 670 रुपये का टोल देना होगा। तेज रफ्तार (Speed) और आरामदायक सफर के बदले यह कीमत यात्रियों की जेब पर असर (Impact) डाल सकती है।

एक्सप्रेसवे अभी पूरा नहीं, लेकिन टोल की तैयारी पूरी
दिल्ली–देहरादून एक्सप्रेसवे के देहरादून तक पूरी तरह खुलने में अभी वक्त है, लेकिन भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने टोल टैक्स का पूरा खाका तैयार कर लिया है। अधिकारियों के मुताबिक, ये दरें तब लागू होंगी जब एक्सप्रेसवे अपने अंतिम चरण में पूरी तरह चालू हो जाएगा। फिलहाल बागपत में ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे (EPE) तक जाने वाले वाहनों से कोई शुल्क नहीं लिया जा रहा, जिससे यात्रियों को अस्थायी राहत (Relief) मिली है।
ट्रायल के लिए खुला 31.6 किमी का हिस्सा
एक्सप्रेसवे का एक अहम हिस्सा ट्रायल के तौर पर खोल दिया गया है। अक्षरधाम मंदिर से बागपत के मवीकलां गांव के पास स्थित ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे तक 31.6 किलोमीटर लंबा खंड फिलहाल वाहनों के लिए खुला है। इस हिस्से पर अभी टोल नहीं लिया जा रहा, जिससे लोग इस आधुनिक (Modern) सड़क का अनुभव ले पा रहे हैं।
पांच टोल प्लाजा और 12 इंटरचेंज
दिल्ली से देहरादून के बीच इस एक्सप्रेसवे पर कुल पांच टोल प्लाजा प्रस्तावित हैं। इसके साथ ही 12 इंटरचेंज बनाए गए हैं, ताकि अलग-अलग शहरों और कस्बों से जुड़ाव आसान हो सके। यह पूरी योजना यातायात (Traffic) को सुगम और नियंत्रित बनाने की रणनीति (Strategy) का हिस्सा है।
दिल्ली से दून तक संभावित टोल दरें
एनएचएआई के प्रस्ताव के अनुसार, अलग-अलग दूरी और वाहन श्रेणी के हिसाब से टोल तय किया गया है:
दिल्ली से काठा:
कार – 232 रुपये | हल्के मालवाहक – 376 रुपये | बस-ट्रक – 788 रुपयेदिल्ली से रसूलपुर:
कार – 417 रुपये | हल्के मालवाहक – 676 रुपये | बस-ट्रक – 1418 रुपयेदिल्ली से गणेशपुर:
कार – 563 रुपये | हल्के मालवाहक – 912 रुपये | बस-ट्रक – 1912 रुपयेदिल्ली से देहरादून:
कार – 670 रुपये | हल्के मालवाहक – 1085 रुपये | बस-ट्रक – 2275 रुपये
ये आंकड़े बताते हैं कि सुविधा (Convenience) के साथ खर्च भी बढ़ेगा।
12 हजार करोड़ की लागत, 6 लेन का मेगा प्रोजेक्ट
212 किलोमीटर लंबा यह ग्रीनफील्ड एक्सेस कंट्रोल्ड एक्सप्रेसवे करीब 12 हजार करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया जा रहा है। यह 6 लेन का एक्सप्रेसवे चार हिस्सों में बनाया जा रहा है, जिसमें देहरादून से पहले एक हिस्सा एलिवेटेड भी है। इस परियोजना को क्षेत्रीय विकास (Development) के लिहाज से बेहद अहम माना जा रहा है।
दिल्ली से बागपत तक सफर हुआ आसान
अब अक्षरधाम से बागपत के मवीकलां गांव तक वाहन बिना किसी बड़ी रुकावट के जा सकते हैं। अभी खुले 32 किलोमीटर लंबे हिस्से पर टोल नहीं लिया जा रहा, जिससे उत्तर-पूर्वी दिल्ली और बागपत तक पहुंचना बेहद आसान हो गया है। यह बदलाव रोजाना यात्रा करने वालों के लिए सुविधा (Ease) लेकर आया है।
दिल्ली के कई इलाकों से जुड़ा एक्सप्रेसवे
दिल्ली में यह एक्सप्रेसवे अक्षरधाम से लक्ष्मीनगर, गीता कॉलोनी, शास्त्री पार्क, न्यू उस्मानपुर, करतारनगर, खजूरी खास, बिहारीपुर, अंकुर विहार और लोनी होते हुए बागपत के मवीकलां तक जाता है। मवीकलां के आगे फिलहाल दिल्ली–सहारनपुर रोड का इस्तेमाल करना होगा। यह कनेक्टिविटी (Connectivity) क्षेत्रीय व्यापार और आवागमन को नया आयाम देगी।
मंडोला में रैंप को लेकर विवाद
एक्सप्रेसवे के मंडोला क्षेत्र में जमीन विवाद के चलते अभी रैंप और सर्विस रोड नहीं बन पाई है। यह मामला कोर्ट में लंबित है, जिससे स्थानीय लोगों में नाराजगी (Discontent) बनी हुई है। एनएचएआई का कहना है कि विवाद सुलझते ही काम तेज किया जाएगा।
गाजियाबाद–बागपत हिस्से में खामियां
गाजियाबाद और बागपत के बीच एक्सप्रेसवे के कुछ हिस्सों में स्ट्रीट लाइटें खराब हैं और मार्शल तैनात नहीं हैं। एनएचएआई ने संबंधित एजेंसियों को जल्द सुधार के निर्देश दिए हैं, ताकि सुरक्षा (Safety) से कोई समझौता न हो।
विकास और सुविधा का नया रास्ता
दिल्ली–देहरादून एक्सप्रेसवे खुलने से न केवल यात्रा का समय घटेगा, बल्कि बागपत, सहारनपुर और देहरादून जैसे क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा। हालांकि, टोल दरें आम लोगों के लिए चिंता (Concern) का विषय जरूर बन सकती हैं।



