उत्तराखण्ड

Aapki Poonji Aapka Adhikar: ‘आपकी पूंजी आपका अधिकार’ शिविर ने लौटाया परिवारों का टूटा भरोसा

Aapki Poonji Aapka Adhikar: अभियान के तहत पिथौरागढ़ में आयोजित विशेष बैंक शिविर ने उन लोगों के लिए उम्मीद (Hope) की नई किरण जगा दी है, जो सालों पहले अपने परिजनों की जमा पूंजी को लगभग भूल चुके थे। सीमांत जिले के एक युवक को 28 वर्षों बाद अपने दादा के बैंक खाते में जमा लाखों रुपये मिलने की संभावना बनी है, जिसने इस सरकारी पहल को फिर से चर्चा के केंद्र में ला दिया है।

Aapki Poonji Aapka Adhikar
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28 साल बाद जागा अधिकार का एहसास

नगर के एलएसएम कैंपस में आयोजित इस शिविर में विण निवासी अजय जोशी पहुंचे और “आपकी पूंजी आपका अधिकार” योजना के तहत आवेदन प्रक्रिया पूरी की। अजय ने बताया कि उनके दादा बालकृष्ण जोशी को पेंशन मिलती थी, जो सीधे उनके बैंक खाते में आती थी। वर्ष 1997 में दादा के निधन के बाद यह खाता लंबे समय तक बिना लेनदेन के निष्क्रिय हो गया। परिवार को यह भी अंदाजा नहीं था कि खाते में इतनी बड़ी रकम सुरक्षित (Secure) पड़ी है।

बैंक की एक कॉल ने बदली कहानी

अजय जोशी ने बताया कि वह तो जमा धन मिलने की उम्मीद लगभग छोड़ चुके थे, लेकिन कुछ समय पहले बैंक की ओर से उन्हें फोन आया। बैंक कर्मियों ने उन्हें “आपकी पूंजी आपका अधिकार” योजना के बारे में जानकारी दी और शिविर में आने का आग्रह किया। यही एक कॉल उनके लिए अवसर (Opportunity) बन गई। आवेदन के बाद अब उन्हें दादा के खाते में जमा करीब 3 लाख 80 हजार रुपये मिलने की उम्मीद है।

सिर्फ एक परिवार नहीं, कई लोगों को मिला लाभ

यह कहानी केवल अजय जोशी तक सीमित नहीं है। आठगांवशिलिंग निवासी लक्ष्मण सिंह ने भी शिविर में आवेदन किया। उन्होंने बताया कि उनके खाते में 10 हजार रुपये दस साल से अधिक समय से जमा थे, लेकिन वह इसे भूल चुके थे। शिविर में पहुंचकर उन्हें अपने अधिकार (Right) का एहसास हुआ और उन्होंने राशि प्राप्त करने की प्रक्रिया पूरी की।

एलएसएम कैंपस में लगा विशेष बैंक शिविर

पिथौरागढ़ शहर के एलएसएम कैंपस में शुक्रवार को लीड बैंक की ओर से यह विशेष शिविर आयोजित किया गया। शिविर का उद्देश्य 10 वर्षों से अधिक समय से निष्क्रिय और दावा-रहित खातों को सक्रिय करना और उनके मामलों का निपटारा करना था। यह पहल प्रशासनिक (Administrative) स्तर पर आम लोगों को राहत देने की दिशा में एक ठोस कदम मानी जा रही है।

जिले में निष्क्रिय खातों की चौंकाने वाली संख्या

लीड बैंक अधिकारी एनआर जोहरी ने जानकारी दी कि पिथौरागढ़ जिले में कुल 1 लाख 6278 निष्क्रिय खाते हैं, जिनमें लगभग 30.54 करोड़ रुपये जमा हैं। उन्होंने स्वीकार किया कि खाताधारकों का पता लगाना बैंकों के लिए चुनौती (Challenge) जरूर है, लेकिन सही प्रक्रिया से इन खातों का निपटान संभव है।

अब तक 47 लाख रुपये लौटाए जा चुके

बैंक अधिकारियों के अनुसार अब तक 141 खातों में जमा 47 लाख रुपये से अधिक की राशि संबंधित खाताधारकों, उनके परिवारों या समूह के सदस्यों को लौटाई जा चुकी है। यह आंकड़ा दिखाता है कि योजना केवल कागजों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका वास्तविक असर (Impact) जमीन पर दिखाई दे रहा है।

एसबीआई और अन्य बैंकों की सक्रिय भूमिका

एसबीआई के क्षेत्रीय प्रबंधक कवि ने कहा कि अधिक से अधिक निष्क्रिय खातों के निपटान के लिए बैंक लगातार प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि खाताधारकों को उनका पैसा लौटाना बैंक की प्राथमिक जिम्मेदारी है और इसके लिए संसाधन (Resources) जुटाए जा रहे हैं।

प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी

इस शिविर में ग्राम प्रधान संगठन की पूजा रावल, सहायक नगर आयुक्त राजदेव जायसी, कैंपस निदेशक डॉ. हेम चंद्र पाण्डेय, जिला सहकारी बैंक के उपमहाप्रबंधक एचसी पाण्डे सहित कई अधिकारी मौजूद रहे। सभी ने एक स्वर में कहा कि यह पहल पारदर्शिता (Transparency) और जनहित को मजबूत करती है।

क्यों जरूरी है “आपकी पूंजी आपका अधिकार” अभियान?

अक्सर लोग पुराने खातों, मृत परिजनों की जमा राशि या छोटी रकम को भूल जाते हैं। समय के साथ ये खाते निष्क्रिय हो जाते हैं। यह अभियान लोगों को जागरूक (Awareness) कर रहा है कि उनकी मेहनत की कमाई सुरक्षित है और उसे वापस पाने का पूरा अधिकार उन्हें है।

आम लोगों के लिए बड़ा संदेश

इस शिविर से यह संदेश साफ है कि अगर आपके या आपके परिवार के नाम से कोई पुराना बैंक खाता है, तो जानकारी जरूर लें। थोड़ी सी पहल आपको वर्षों पुरानी जमा पूंजी से फिर जोड़ सकती है। यह योजना न केवल आर्थिक (Financial) राहत देती है, बल्कि भरोसा भी लौटाती है।

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