उत्तर प्रदेश

UP PAC Establishment Day 2025: जांबाज जवानों के शौर्य को मुख्यमंत्री का सलाम, सभा में जताया आभार

UP PAC Establishment Day 2025: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश पीएसी (प्रादेशिक आर्म्ड कांस्टेबुलरी) के 78वें स्थापना दिवस के अवसर पर बल के समृद्ध इतिहास को याद किया। उन्होंने कहा कि पिछले सात दशकों से भी अधिक समय से पीएसी का इतिहास शौर्य, त्याग और अटूट समर्पण का प्रतीक रहा है। मुख्यमंत्री ने जवानों को संबोधित करते हुए कहा कि (Professional Excellence) और कठिन प्रशिक्षण ही उनकी असली पहचान होनी चाहिए। उन्होंने बल के साहस की सराहना करते हुए विश्वास दिलाया कि सरकार जवानों की सुविधाओं और संसाधनों में निरंतर वृद्धि के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

UP PAC Establishment Day 2025
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सुरक्षा से सुशासन और विकास का गहरा संबंध

मुख्यमंत्री ने प्रदेश की प्रगति के पीछे कानून के राज को सबसे बड़ा कारण बताया। उन्होंने स्पष्ट किया कि उत्तर प्रदेश में जनता के बीच जो आत्मविश्वास बढ़ा है, उसका श्रेय सुरक्षा के बेहतर माहौल को जाता है। (Governance Guarantee) तभी संभव है जब कानून व्यवस्था मजबूत हो, क्योंकि सुरक्षित माहौल में ही निवेश को बढ़ावा मिलता है। सुरक्षित निवेश से न केवल प्रदेश की अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होती है, बल्कि यह हमारे युवाओं की आकांक्षाओं और रोजगार के सपनों को पूरा करने का सबसे सशक्त माध्यम भी बनता है।

संवेदनशील मोर्चों पर पीएसी की अग्रणी भूमिका

यूपी पीएसी केवल आंतरिक सुरक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह आपदा प्रबंधन और बड़े आयोजनों में भी महत्वपूर्ण स्तंभ बनकर उभरी है। मुख्यमंत्री ने बताया कि पीएसी बल त्योहारों, विशिष्ट अतिथियों की सुरक्षा और लोकतंत्र के महापर्व ‘चुनाव’ को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने में (Operational Efficiency) का प्रदर्शन करता है। इसके साथ ही, पीएसी के प्रशिक्षित जवान आज एसएसएफ, एटीएस, एसटीएफ और यातायात पुलिस जैसे विभिन्न आयामों में अपनी सेवाएं देकर प्रदेश की सुरक्षा व्यवस्था को अभेद्य बना रहे हैं।

संसद हमले से अयोध्या तक वीरता की गाथा

पीएसी के अदम्य साहस का जिक्र करते हुए सीएम योगी ने उन ऐतिहासिक घटनाओं को याद किया जब जवानों ने आतंकियों के छक्के छुड़ा दिए थे। उन्होंने बताया कि 13 दिसंबर 2001 को संसद पर हुए आतंकी हमले का मुंहतोड़ जवाब देते हुए पीएसी की 30वीं वाहिनी के जवानों ने पांचों आतंकियों को मार गिराया था। इसी तरह, जुलाई 2005 में (Counter Terrorism Operations) के दौरान अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि परिसर में आतंकी हमले को नाकाम करते हुए संयुक्त टीम ने सभी हमलावरों का सफाया किया था, जिसमें पीएसी का योगदान अतुलनीय रहा।

आधुनिकीकरण और नई तकनीक से लैस होता बल

प्रदेश सरकार ने पीएसी की 46 कंपनियों को पुनर्जीवित कर कानून व्यवस्था को एक नई दिशा दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब पीएसी को (Modern Weaponry Systems) जैसे एसएलआर, इंसास राइफल, मल्टीसेल लांचर और एंटी राइड गन से सुसज्जित किया जा रहा है। सरकार का लक्ष्य संख्या, क्षमता और तकनीक के स्तर पर बल को इतना सशक्त बनाना है कि वह किसी भी चुनौतीपूर्ण स्थिति का सामना करने में सक्षम हो सके। टूटे खपरैल वाले भवनों की जगह अब पुलिस के लिए हाईराइज आवासीय भवनों का निर्माण कराया जा रहा है।

पुलिस और पीएसी में बंपर भर्ती और पदोन्नति

युवाओं को रोजगार देने के संकल्प के साथ सरकार ने पीएसी में अब तक 41,893 आरक्षियों और 698 प्लाटून कमांडरों की भर्ती पूरी की है। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि (Recruitment Drive) के अंतर्गत वर्तमान में भी हजारों पदों पर भर्ती प्रक्रिया तेजी से चल रही है। इसके अतिरिक्त, विभाग में समय पर पदोन्नति सुनिश्चित करने के लिए सशस्त्र पुलिस में निरीक्षक और उपनिरीक्षक के पदों में भारी वृद्धि की गई है। सरकार ने सेवा के दौरान शहीद या दिवंगत हुए जवानों के आश्रितों को भी सेवायोजन देकर उनके परिवार को संबल प्रदान किया है।

खेलों के प्रति समर्पण और बजट में भारी बढ़ोतरी

उत्तर प्रदेश पुलिस न केवल सुरक्षा में, बल्कि खेल के मैदान में भी झंडे गाड़ रही है। मुख्यमंत्री ने पुलिस स्मृति दिवस पर खेल बजट को 70 लाख से बढ़ाकर सीधे 10 करोड़ रुपये कर दिया। (Athletic Achievements) का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि वर्ष 2025 में प्रदेश पुलिस के खिलाड़ियों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 14 स्वर्ण पदक जीतकर राज्य का मान बढ़ाया है। कुशल खिलाड़ियों की भर्ती के लिए सरकार ने दो प्रतिशत पद आरक्षित किए हैं, जिससे खेलों के प्रति विभाग में एक नया उत्साह देखा जा रहा है।

फॉरेंसिक ईकोसिस्टम और आधुनिक पुलिसिंग

यूपी में जीरो टॉलरेंस की नीति को प्रभावी बनाने के लिए फॉरेंसिक साइंस पर विशेष जोर दिया जा रहा है। लखनऊ में स्थापित ‘यूपी फॉरेंसिक इंस्टीट्यूट’ आज देश के प्रमुख (Forensic Science Education) केंद्र के रूप में उभरा है। प्रदेश में 12 अत्याधुनिक एफएसएल लैब बनकर तैयार हो चुकी हैं और 6 अन्य पर कार्य चल रहा है। साइबर थानों और साइबर सेल की स्थापना ने उत्तर प्रदेश पुलिस को हाई-टेक अपराधों से लड़ने की शक्ति प्रदान की है, जिससे अपराधियों में खौफ और आमजन में सुरक्षा का भाव पैदा हुआ है।

‘मिशन शक्ति’ और महिला पीएसी वाहिनी का गठन

नारी सुरक्षा और सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए उत्तर प्रदेश में पहली बार तीन अतिरिक्त महिला पीएसी वाहिनी का गठन किया गया है। लखनऊ, गोरखपुर और बदायूं में वीरांगनाओं के नाम पर स्थापित इन वाहिनियों के बाद अब (Women Empowerment Initiatives) के तहत जालौन, मीरजापुर और बलरामपुर में भी महिला वाहिनियों की स्थापना की प्रक्रिया चल रही है। प्रदेश पुलिस बल में 44 हजार से अधिक महिला कार्मिकों की उपस्थिति और मिशन शक्ति 5.0 का सफल संचालन महिला सुरक्षा के प्रति सरकार की गंभीरता को दर्शाता है।

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