Gorakhpur: में सुहागरात के अगले दिन दुल्हन ने ठोंक दी तलाक की अर्जी, वजह जानकर रह जाएंगे दंग
Gorakhpur: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में एक ऐसा मामला सामने आया है जो पूरे इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है। शादी की रस्में पूरी होने के महज कुछ घंटे बाद ही नवविवाहिता ने अपने पति पर गंभीर आरोप लगा दिया। दुल्हन का कहना है कि उसका पति शारीरिक रूप से पूरी तरह सक्षम नहीं है, इसलिए यह रिश्ता उसके साथ धोखा है। शादी के अगले दिन ही उसने साफ-साफ तलाक की मांग कर दी और अपने पिता के साथ थाने पहुंच गई।

शिकायत दर्ज होने के बाद पुलिस की भूमिका
मामला सहजनवा थाना क्षेत्र का है। दुल्हन के पिता ने लिखित तहरीर दी कि उनकी बेटी की शादी बेलीपार क्षेत्र के एक युवक से बड़े धूमधाम से हुई थी। लड़का बीटेक पासआउट है और निजी कंपनी में अच्छी नौकरी करता है। सब कुछ ठीक चल रहा था, लेकिन सुहागरात के बाद बेटी ने फोन पर रोते हुए सारी बात बताई। इसके बाद परिवार ने थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने दोनों पक्षों को बुलाकर लगातार दो दिन पंचायत कराई, मगर कोई हल नहीं निकला।
मेडिकल जांच भी हुई, फिर भी नहीं माना दुल्हन पक्ष
दोनों परिवारों की आपसी सहमति से दूल्हे का मेडिकल टेस्ट कराया गया। जांच के लिए उसे जिला अस्पताल भेजा गया। रिपोर्ट आने के बाद भी दुल्हन पक्ष के लोग मानने को तैयार नहीं हुए। उनका कहना है कि यह शादी धोखे से हुई है और वे किसी भी कीमत पर इस रिश्ते को नहीं निभाएंगे। अब उन्होंने तलाक की मांग को और तेज कर दिया है। दूसरी तरफ दूल्हा पक्ष इसे अपनी बेइज्जती मान रहा है और कह रहा है कि सब कुछ सामान्य है।
थाना प्रभारी ने क्या कहा?
सहजनवा थाने के प्रभारी महेश सिंह चौबे ने बताया कि शिकायत मिली है और दोनों पक्षों से बातचीत चल रही है। मेडिकल रिपोर्ट की भी जांच कराई जा रही है कि वह सही है या नहीं। अगर दोनों पक्ष आपस में सुलह कर लेते हैं तो ठीक, वरना कानूनी कार्रवाई की जाएगी। अभी तक कानून-व्यवस्था की कोई समस्या नहीं हुई है। दोनों परिवार सम्मानित हैं, इसलिए पुलिस पूरी संवेदनशीलता से मामले को सुलझाने की कोशिश कर रही है।
समाज में बढ़ती ऐसी शिकायतों का कारण
आजकल शादी से पहले लड़के-लड़की की पूरी जांच-पड़ताल होने के बावजूद सुहागरात के बाद इस तरह के विवाद सामने आ रहे हैं। कभी दुल्हन पक्ष तो कभी दूल्हा पक्ष ऐसे आरोप लगाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि आज के समय में युवा जल्दबाजी में फैसले लेते हैं और बात छोटी होते होते तलाक तक पहुंच जाती है। कई बार मानसिक दबाव, पारिवारिक कलह या फिर सोशल मीडिया का असर भी इस तरह के कदम उठाने के लिए मजबूर करता है।
ऐसे मामलों में कानूनी स्थिति क्या कहती है?
भारतीय कानून में अगर शादी के समय कोई गंभीर शारीरिक कमी छिपाई गई हो तो उसे धोखाधड़ी माना जाता है और तलाक का आधार बन सकता है। लेकिन इसके लिए ठोस मेडिकल प्रमाण और कोर्ट की प्रक्रिया जरूरी होती है। ज्यादातर मामलों में पंचायत या काउंसलिंग से बात सुलझ जाती है, लेकिन जब बात मान-सम्मान से जुड़ जाती है तो लोग कोर्ट तक चले जाते हैं। गोरखपुर जैसे शहरों में भी अब इस तरह के केस बढ़ रहे हैं जहां नवविवाहित जोड़े बिना समय गवांए अलग होने की बात करने लगते हैं।
यह पूरा वाकया एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर करता है कि शादी जैसे पवित्र रिश्ते में विश्वास और धैर्य कितना जरूरी है। दोनों परिवार अभी भी बातचीत के दौर में हैं, उम्मीद है जल्द ही कोई सकारात्मक हल निकल आए।



