यूपी के इस मंदिर में स्थापित शिवलिंग दिन में तीन बार बदलता है रंग बदलता
आगरा: आगरा पौराणिक और एतिहासिक शहर है। शहर के चारों कोने और बीच में ताजमहल से भी प्राचीन शिव मंदिर है, जहां पर बाबा भोलेनाथ विराजमान हैं। सावन का पावन माह आज से प्रारम्भ हो गया है। सावन के पहले सोमवार को आगरा में राजेश्वर महादेव मंदिर में विशाल मेला लगता है। शमसाबाद रोड पर लगभग 900 वर्ष से अधिक प्राचीन राजेश्वर महादेव मंदिर है। इससे लोगों की आस्था के साथ कई रहस्य भी जुड़े हैं।  इस मंदिर में स्थापित शिवलिंग दिन में तीन बार रंग बदलता है। मान्यता है कि राजेश्वर महादेव मंदिर में उपस्थित शिवलिंग स्वयं स्थापित है। यहां महादेव हर श्रद्धालु की मुराद पूरी करते हैं। आइए जानते हैं मंदिर की मान्यता, इतिहास और श्रद्धालुओं की आस्था की कहानी।
दिन में तीन पहर शिवलिंग बदलता है रंग
राजेश्वर मंदिर में चमत्कारी शिवलिंग स्थापित है, जो दिन में तीन बार अपना रंग बदल लेता है। सुबह की मंगला आरती पर सफेद ,दोपहर को हल्का नीला और शाम की आरती के समय गुलाबी रंग का हो जाता है। यह मंदिर 900 वर्ष पुराना है।
मंदिर कमेटी के उप सचिव पप्पू ठाकुर बताते हैं कि सदियों से एक कहानी प्रचलित है। कहा जाता है कि यहां से लगभग 50 किलोमीटर दूर राजस्थान के राजाखेड़ा से एक सेठ नर्मदा नदी से शिवलिंग लेकर आ रहे थे ।रात्रि आराम के लिए जिस स्थान पर मंदिर है, वहां रुके थे। सेठ को रात में सपना आया कि वह शिवलिंग यही स्थापित होना चाहता है। इसके बाद बैल गाड़ी से शिवलिंग अपने आप झटक कर यही पर स्थापित हो गया। तब से लेकर आज तक इस मंदिर का नाम राजेश्वर पड़ गया। मंदिर में स्थापित शिवलिंग को अचलेश्वर महादेव के नाम से भी जाना जाता है।
सावन के पहले सोमवार को लगाया जाता है मेला
राजेश्वर मंदिर में सावन के पहले सोमवार को मेला लगता है। उसके बाद फिर भिन्न-भिन्न सोमवार को आगरा के चारों महादेव के मंदिरों पर मेलों का आयोजन होता है। सावन के पहले सोमवार को राजेश्वर मंदिर में मेला लगता है। हजारों की संख्या में भक्त मेले में शिरकत करते हैं। इस दौरान मंदिर में मानो पैर रखने तक की स्थान नहीं होती है। विदेशों तक से पूजा करने के लिए भक्त आते हैं। मंदिर के महंत रूपेश उपाध्याय बताते हैं कि सात सोमवार मन से यदि भगवान शिव की कोई उपासना करे और राजेश्वर मंदिर में अभिषेक करे तो उसकी इच्छा पूरी हो जाती है।
 
				
