यूपी के इस जिले के लोगों को मिलने वाली है एयरपोर्ट की सौगात
उत्तर प्रदेश के एक और जिले के लोगों को एयरपोर्ट की सौगात मिलने वाली है। यहां के लोगों को हवाई उड़ान का तोहफा इसी वर्ष में मिल सकता है। एयरपोर्ट अथारिटी ऑफ इण्डिया ने सभी मुख्य प्वाइंट पर अब तक की प्रगति रिपोर्ट बना कर डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) को भेज दी है। इसके बाद दीवाली से पहले लाइसेंस जारी होने की आशा है। एयरपोर्ट पर सुरक्षा में तैनात सभी विंग को दक्ष किया जा रहा है। उन्हें लगातार टिप्स दिए जा रहे हैं। हम बात कर रहे हैं मुरादाबाद के नए हवाई अड्डे की।
मुरादाबाद में हवाई अड्डे का निर्माण पूरा हो चुका है। इस हवाई अड्डे से उड़ान प्रारम्भ होने के लिए लाइसेंस की आश्यकता है। डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन की टीम ने अगस्त माह में तीन दिन तक हवाई अड्डे का निरीक्षण कर कुछ प्वाइंट पर एयरपोर्ट अथारिटी ऑफ इण्डिया से रिपोर्ट मांगी थी। यह रिपोर्ट भेज दी गई है। भदासना स्थित हवाई अड्डे से अब उड़ान में अधिक समय नहीं है ऐसा बताया जा रहा है। हवाई अड्डे पर पुलिस के 69 जवानों की तैनाती है जो सुरक्षा का जिम्मा संभाल रहे हैं। यह सभी अपने अपने जोन में मुस्तैद हैं।
इसके अतिरिक्त फायर स्टेशन पर तैनात सुरक्षा प्रहरियों को लगातार ट्रेनिंग देकर दक्ष किया जा रहा है क्योंकि आग से बचाव सबसे अहम कड़ी है। एयरपोर्ट पर लगातार जानकार ट्रेनिंग दे रहे हैं। बुधवार को भी सुरक्षा के प्रहरियों को जानकारों ने बारीकियों से अवगत करवाया।
एयरपोर्ट अथारिटी की ओर से तैनात परियोजना निदेशक संदीप कुमार ने कहा कि दीपावली के पहले लाइसेंस जारी हो जाएगा। इससे पहले भी हो सकता है क्योंकि हमारी ओर से सभी बिंदुओं पर रिपोर्ट बना कर भेज दी गई है। रिपोर्ट में बोला गया है कि यहां कोई कमी नहीं रह गई है।
जिला प्रशासन की ओर से भेजा गया पेड़ों की छंटनी का पत्र
जिला प्रशासन ने हवाई अड्डे के आसपास पेड़ों की छंटाई संबंधी कार्य पूरा करवा कर अपनी रिपोर्ट भेज दी गई है। करीब 24 स्थानों पर पेड़ की टहनियों की छंटाई करवाई गई है। एयरपोर्ट के नोडल अधिकारी गुलाब चंद्र ने इस संबध में कार्य पूरे होने का पत्र भेज दिया है।
मई में हस्तांतरित हो चुका हवाई अड्डा
हवाई अड्डा मई माह में एयरपोर्ट अथारिटी को हस्तांतरित हो चुका है। इसमें करीब 2419 लाख रुपये की लागत आई है। जिला प्रशासन की ओर से कोई कार्य यहां शेष नहीं है। एयरपोर्ट अथारिटी की ओर से ही इसकी देख-रेख की जाती है।