उत्तर प्रदेश

Sambhal violence: जानें, कहां तक पहुंचा सत्यव्रत पुलिस चौकी का निर्माण कार्य…

संभल के जामा मस्जिद के निकट बन रही सत्यव्रत पुलिस चौकी का निर्माण तेजी से पूरा कराया जा रहा है. बाउंड्री से लेकर लिंटर का काम पूरा हो गया है. अब कक्ष का काम तेजी से पूरा कराया जा रहा है. पुलिस चौकी के भवन में प्लास्टर और फिनिशिंग का कार्य किया जाना बाकी है.

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गणतंत्र दिवस तक इस पुलिस चौकी में स्टाफ तैनात किए जाने की आशा थी लेकिन कार्य काफी अधूरा होने के चलते गणतंत्र तक इस पुलिस चौकी का लोकार्पण होना कठिन है. 24 नवंबर 2024 को जामा मस्जिद सर्वे के दौरान बवाल हो गया था. इस दौरान पुलिस की घेराबंदी कर ली थी.

भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज करने के साथ आंसू गैस के गोले और रबर बुलेट का इस्तेमाल किया था. इस बवाल के बाद ही पुलिस प्रशासन के ऑफिसरों ने सुरक्षा प्रबंध बढ़ाने के लिए पुलिस चौकी का निर्माण कराने का फैसला लिया था. यह पुलिस चौकी पालिका की जमीन पर बनी है.

संभल दंगे की जांच एनआईए से कराए जाने की मांग

संभल में 1978 में हुए दंगे की एनआईए से जांच कराए जाने के लिए पीएम को संबोधित ज्ञापन डीएम को दिया गया. बृहस्पतिवार को दोपहर कलक्ट्रेट पर दिए गए ज्ञापन में हिंदू शक्ति दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सिमरन गुप्ता ने कहा कि जिला संभल में मार्च 1978 में हुए दंगे के दौरान सरकारी आंकडों के अनुसार 184 हिंदुओं की मर्डर कर दी गई थी

हजारों की संख्या में हिंदुओं का पलायन हुआ था. उनकी संपत्ति पर क्षेत्रीय दूसरे समाज के लोगों ने कब्जा कर लिया था. दंगे की जांच रिपोर्ट के आधार पर तत्कालीन गवर्नमेंट की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई थी. साथ ही पलायन किए हुए लोगों की संपत्ति भी वापस नहीं की गई.

इससे हिंदुओं की जनसंख्या कम होती गई और दूसरे समाज के लोग उनकी संपत्तियों पर गैरकानूनी कब्जा करते रहे. इसका खुलासा बीते दिनों दंगे की जांच में सामने आया. तत्कालीन गवर्नमेंट ने दंगे से जुड़े मुकदमों को वापस लेकर न्यायहित को हानि पहुंचाया है. इसके चलते मार्च 1978 में संभल में हुए दंगे की जांच एनआईए से कराई जाए.

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