उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश पुलिस प्रशासन में 44 ASP अधिकारियों के हुए तबादले

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संभल यूपी पुलिस प्रशासन में बड़े फेरबदल के अनुसार 44 एडिशनल सुपरिंटेंडेंट ऑफ पुलिस (ASP) अधिकारियों के तबादले किए गए हैं इनमें सबसे अधिक चर्चा संभल के चर्चित ASP अनुज चौधरी के ट्रांसफर की हो रही है चंदौसी ASP के पद से हटाए गए अनुज चौधरी को फिरोजाबाद के ASP ग्रामीण के रूप में नयी जिम्मेदारी सौंपी गई है इस निर्णय पर संभल के सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने खुशी जाहिर की है उन्होंने बोला कि अनुज चौधरी के जाने से अब संभल के सभी लोगों को बड़ी राहत मिलेगी

योगी गवर्नमेंट ने बुधवार को एक जरूरी स्थानांतरण आदेश जारी किया, जिसमें 44 पीपीएस ऑफिसरों को नयी पोस्टिंग दी गई इन तबादलों का उद्देश्य प्रशासनिक दक्षता बढ़ाना और कुछ संवेदनशील क्षेत्रों में परिवर्तन लाना कहा जा रहा है अनुज चौधरी, जो खेल कोटे से 2012 में पीपीएस के रूप में भर्ती हुए थे, प्रदेश के पहले ऐसे अधिकारी हैं जो इस कोटे से ASP के पद तक पहुंचे 

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फिरोजाबाद हुआ ट्रांसफर

नई पोस्टिंग के अनुसार अनुज चौधरी फिरोजाबाद ग्रामीण क्षेत्र के क्राइम नियंत्रण और कानून-व्यवस्था की कमान संभालेंगे पुलिस मुख्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह ट्रांसफर सामान्य प्रशासनिक प्रक्रिया का हिस्सा है, लेकिन क्षेत्रीय स्तर पर इसका सियासी महत्व जुड़ गया है संभल में उनकी स्थान कुलदीप सिंह की तैनाती की गई है

अनुज चौधरी का संभल से पुराना नाता

अनुज चौधरी संभल में अपनी कठोरता के लिए ‘सिंघम’ और ‘पहलवान’ जैसे नामों से प्रसिद्ध हुए 2024 में संभल में हुई सांप्रदायिक अत्याचार के दौरान उन्होंने जरूरी किरदार निभाई, जहां एक सर्वे के दौरान झड़पें हुईं और कई लोग घायल हुए अत्याचार में वे स्वयं भी पैर में गोली लगने से चोटिल हो गए थे इसके अलावा, होली और जुमे की नमाज को लेकर उनके दिए बयानों ने टकराव खड़ा किया था उन्होंने एक शांति समिति बैठक में बोला था कि होली वर्ष में एक बार आती है, जबकि जुमे की नमाज 52 बार होती है, जिसकी विपक्ष ने कड़ी आलोचना की थी हालांकि, स्वयं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अनुज चौधरी की प्रशंसा की थी और उन्हें पहलवान बुलाया था 

सपा सांसद बर्क की प्रतिक्रिया

संभल से समाजवादी पार्टी सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने अनुज चौधरी के ट्रांसफर पर तुरंत प्रतिक्रिया दी उन्होंने सोशल मीडिया और मीडिया बयानों में कहा, “अब संभल के सभी लोगों को राहत मिलेगी मैं समझता हूं कि उनके विरुद्ध पहले से ही कठोर कार्रवाई होनी चाहिए थी, जिस ढंग से संभल में हालात खराब किए गए थे” बर्क ने इसे जिले के लिए सकारात्मक कदम बताते हुए बोला कि इससे कानून-व्यवस्था सुधरेगी और लोगों का भरोसा बढ़ेगा बर्क स्वयं संभल से जुड़े विवादों में रहे हैं 2024 की अत्याचार में पुलिस ने उन्हें मुख्य आरोपी बनाया था, इल्जाम लगाया गया कि उन्होंने भीड़ को भड़काया हालांकि, समाजवादी पार्टी ने इसे सियासी षड्यंत्र करार दिया बर्क के इस बयान से राजनीतिक बहस तेज हो गई है, जहां समाजवादी पार्टी इसे अपनी जीत बता रही है, वहीं भाजपा समर्थक इसे सामान्य स्थानांतरण कह रहे हैं

 

 

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