रामगढ़ताल में देश की पहली सेलिंग प्रीमियर लीग का होगा आयोजन
गोरखपुर का रामगढ़ताल एक और इतिहास बनाने जा रहा है. यहां रोइंग के बाद अब सेलिंग का भी रोमांच देखने को मिलेगा. राष्ट्र में पहली बार सेलिंग प्रीमियर लीग का आयोजन होने जा रहा है. रोइंग की तरह सेलिंग प्रीमियर लीग की मेजबानी भी गोरखपुर को मिली है.
प्रतियोगिता का आयोजन भारतीय सेना, मुख्यालय मध्य कमान और यूपी गवर्नमेंट के तत्वाधान में होगा. इसे लेकर गोरखपुर कमिश्नर बैठक भवन में बैठक भी आयोजित हुई. इसमें प्रतियोगिता की डेट पर चर्चा हुई. प्रतियोगिता के लिए कमिश्नर अनिल ढींगरा को नोडल अधिकारी नामित किया गया है. यह प्रतियोगिता दर्शकों के लिए भी रोमांचक होगी.
विजेताओं को दिए जाएंगे नगद पुरस्कार
वहीं, प्रतियोगिता ओपन केटेगरी में होगी और विजेताओं को नगद पुरस्कार भी दिए जाएंगे. इसमें पुरुष और स्त्री दोनों वर्ग के खिलाड़ी प्रतिभाग कर सकेंगे. आयोजकों की प्रयास है कि इसमें कुछ ओलंपिक में प्रतिभाग कर चुके खिलाड़ी भी इसमें शामिल हों.
खेल को मिलेगा बढ़ावा
गोरखपुर में इसके आयोजन से इस खेल को बढ़ावा मिलेगा. साथ ही यहां के युवाओं के लिए भी इसमें अपना भविष्य बनाने का मौका मिलेगा. बैठक के दौरान मध्य कमान मुख्यालय के मुख्य अभियंता मेजर जनरल सी जयचंद्रन, लेफ्टिनेंट कर्नल आलोक यादव, लेफ्टिनेंट कर्नल कीर्ति, सेना से सब एस चतुर्वेदी, उत्तर प्रदेश रोइंग संघ के सचिव सुधीर शर्मा, आरएसओ आले हैदर और रोइंग कोच गणेश निषाद उपस्थित रहे.
क्या होती है सेलिंग प्रतियोगिता?
सेलिंग मुख्य रूप से समुद्र और लहरों के बीच में खेला जाने वाला खेल है, जिसमें बोट के ऊपर एक पर्दे नुमा कपड़ा होता है. जिसको लहरों पर उठती हवाओं के माध्यम से कंट्रोल किया जाता है और उसी के हिसाब से आगे बढ़ते हुए खिलाड़ी जीत हासिल करता है. रामगढ़ताल का पानी और यहां की हवा इसके लिए अनुकूल है, इसीलिए प्रतियोगिता के लिए इसका चयन किया गया है. इसे साथ ही बगल में वॉअर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स भी इसके लिए मददगार है.
जल्द प्रारम्भ होगी ट्रेनिंग
सेलिंग एक ओलंपिक खेल है लेकिन हिंदुस्तान और खास तौर से उत्तर प्रदेश में यह उतना लोकप्रिय नहीं है. प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने के लिए यूपी की एक टीम बनाई जाएगी. साथ ही गोरखपुर में ही इसके लिए प्रशिक्षण भी होगा ताकि प्रतियोगिता से पहले यहां के खिलाड़ियों की अच्छी तैयारी हो सके. आयोजन का उद्देश्य नौकायन के खेल को व्यापक आधार देना और राज्य में खेल पर्यटन की अवधारणा को बढ़ावा देना है.