उत्तर प्रदेश

यूपी के इस शहर में 1 महीने में 120 सर्पदंश के मामले, तीन लोगों की हुई मौत

 

प्रयागराज में एक जुलाई से अब तब स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल में सर्पदंश के 120 से अधिक मुद्दे आ चुके हैं. इनमें से 60 मुद्दे कोबरा और करैत जैसे विषैले सर्प के कांटने के निकले. गंभीर स्थिति में हॉस्पिटल पहुंचने के बाद तीन पीड़ितों की तो मृत्यु हो गई जबकि उपचार के दौरान तीस रोगियों की हालत इतनी बिगड़ गई कि उन्हें वेंटीलेटर पर ले जाना पड़ा. जिंदगी-मौत के बीच संघर्ष चला और बड़ी कठिन से इनकी जान बच पाई.

देखा जाए तो जुलाई में औसतन हर रोज सर्पदंश के चार मुद्दे हॉस्पिटल में आए, यह स्थिति तब है जबकि बारिश औसत से काफी कम हुई है. सर्पदंश की ज्यादातर घटनाएं बारिश होने के बाद ही होती हैं. एसआरएन हॉस्पिटल पहुंचे सर्पदंश के 120 मामलों में 90 फीसदी से अधिक ग्रामीण इलाकों के रहे. प्रयागराज के साथ ही प्रतापगढ़, कौशाम्बी के भी कई गंभीर रोगियों को यहां इलाज के लिए लाया गया. कोबरा और कैरत के काटने के जो 30 गंभीर मुद्दे थे उनमें से कई मामलों में परिजनों की ढिलाई भी देखने को मिली. डॉक्टरों ने पूछताछ की तो पता चला कि सर्पदंश के बाद लोगों ने झाड़फूंक और देसी उपचार में काफी समय बर्बाद कर दिया, जिससे मुद्दा गंभीर हुआ और रोगी को लेकर लोग हॉस्पिटल पहुंचे.

जिन तीन लोगों की मृत्यु हुई, उसमें हॉस्पिटल पहुंचने में हुई देरी बड़ा कारण रही. एसआरएन हॉस्पिटल में मेडिसिन विभाग के प्रो सुजीत कुमार वर्मा ने कहा कि हॉस्पिटल पहुंचे सर्पदंश के कई मामलों में विषैले सर्प के काटने के बाद परिजन झाड़फूंक के चक्कर में घंटों इधर-उधर भटकते रहे. पीड़ित के गंभीर होने पर उसे लेकर हॉस्पिटल आए. इस स्थिति में जहरीले सांप के हमले के शिकार लोगों को बचा पाना कठिन हो जाता है. हालत अधिक बिगड़ने पर ऐसे रोगियों को वेंटिलेटर पर भी शिफ्ट करना पड़ता है.

बच्चे की गई जान
फाफामऊ के गोहरी में शुक्रवार की रात दस वर्षीय बच्चे को सांप ने डस लिया. घरवाले उसे तेजबहादुर सप्रू हॉस्पिटल ले गए, जहां चिकित्सक ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया. शाहजहांपुर के कुंवर सिंह गोहरी में रहते हैं. सोते समय उनके पुत्र सुधांशु को सांप ने डसा था.

यह बरतें सावधानी
– जमीन पर सोने से बचें.
– झाड़ी और खर पतवार के आसपास न जाएं. नंगे पांव न टहलें.
– पुराने घरों में रहते हैं तो सावधान रहें.
– खेतों में काम करते समय सतर्कता बरतें.
– सांप के काटने पर पीड़ित को तुरंत डॉक्टर के पास ले जाएं.

एसआरएन हॉस्पिटल के मेडिसिन विभाग के डॉ सुजीत वर्मा ने बोला कि सर्पदंश के मुद्दे में झाड़फूंक के चक्कर में ना पड़ें वरना पीड़ित का जान बचाना कठिन हो जाएगा. समय रहते रोगी को हॉस्पिटल पहुंचाने से जान बचाई जा सकती है.

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