उत्तर प्रदेश

दहेज हत्या में 4 लोगों को 14 साल की कैद, हाथरस में 6 साल पहले गर्भवती महिला की हुई थी हत्या

हाथरस में कोर्ट ने दहेज की मांग पूरी न होने पर एक विवाहिता की मर्डर के मुद्दे में उसके पति सहित चार आरोपियों को गुनेहगार माना और उन्हें 14-14 वर्ष की कैद और अर्थदंड की सजा सुनाई है. अर्थदंड न देने पर अतिरिक्त जेल भुगतना होगा.

अभियोजन पक्ष के मुताबिक नरेंद्र सिंह निवासी बहोता थाना गंजडुंडवारा जिला कासगंज ने अपनी बेटी अंशू की विवाह 20 जून 2018 को लोकेंद्र प्रताप सिंह पुत्र महावीर सिंह निवासी राजनगर थाना सादाबाद के साथ की थी. विवाह में नरेंद्र ने अपनी क्षमता के मुताबिक दान दहेज भी दिया था. विवाह के बाद से ही ससुरालीजनों ने दहेज की मांग को लेकर अंशू को प्रताड़ित करना प्रारम्भ कर दिया.

अंशू ने अपने पिता और अन्य मायके पक्ष के लोगों को इसकी जानकारी दी थी. 1 सितंबर 2020 को अज्ञात आदमी ने सुबह 4:45 बजे अंशु के पिता नरेंद्र को यह जानकारी दी कि ससुरालीजनों ने उनकी बेटी की मर्डर कर दी है. इस पर नरेंद्र जब सादाबाद पहुंचे तो अंशू का मृतशरीर सादाबाद के हॉस्पिटल में रखा था. उन्होंने इल्जाम लगाया कि उनके दामाद लोकेंद्र, लोकेंद्र के भाई नागेंद्र, जेठानी प्रीति और सास आदि ने उनकी बेटी की मर्डर कर दी है. उसे समय अंशू आठ माह की गर्भवती थी.

पुलिस ने दाखिल किया था इल्जाम पत्र
उन्होंने इस मुद्दे में सादाबाद कोतवाली में केस दर्ज कराया. पुलिस ने मृतशरीर का पोस्टमार्टम कराया और उसके बाद जांच की. पुलिस ने कोर्ट में इल्जाम पत्र दाखिल किया. इस मुद्दे की सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश न्यायालय संख्या तीन हर्ष अग्रवाल के कोर्ट में हुई.

एडीजीसी शिवेंद्र चौहान ने की पैरवी
दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने इस मुद्दे में मृतका के पति लोकेंद्र, जेठ नागेंद्र, जेठानी प्रीति और सास गोरा देवी को गुनेहगार मानते हुए सभी को 14-14 वर्ष की कैद और अर्थदंड की सजा सुनाई है. अर्थदंड न देने पर इनको अतिरिक्त जेल भुगतना होगा. अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी एडीजीसी शिवेंद्र चौहान ने की.

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