कम मार्जिन से जीते भाजपा प्रत्याशी अरुण सागर, कहा…
शाहजहांपुर में एक बार फिर से बीजेपी प्रत्याशी ने इण्डिया गठबंधन प्रत्याशी को हराकर जीत हासिल कर ली है. बीजेपी प्रत्याशी को 592718 वोट मिले हैं. जबकि इण्डिया गठबंधन प्रत्याशी को 537339 वोट ही मिल पाए. इण्डिया गठबंधन प्रत्याशी को 55379 वोट से हार का सामना करना पड़ा.
भाजपा प्रत्याशी ने अपनी जीत के मार्जिन कम होने का कारण विपक्ष द्वारा झूठी अफवाह फैलाकर जनता को गुमराह करना कहा है. वहीं समाजवादी पार्टी के लिए हार का कारण सबसे बड़ा ये बताया जा रहा है कि इण्डिया गठबंधन का टिकट काटने के बाद दूसरे प्रत्याशी को मैदान में उतारा गया. प्रत्याशियों को बदलने के इश्यू को बीजेपी ने मामला बना लिया. जिस इण्डिया गठबंधन प्रत्याशी को हार का सामना करना. उनको महज 12 दिन का ही जनता के बीच वोट मांगने का समय मिल पाया था.
शाहजहांपुर में बीजेपी ने लोकसभा सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखा है. इस सीट पर तीन तीन मंत्रियों की साख दांव पर लगी थी. कई महीने से इस सीट को बचाने के लिए मंत्रियों ने पसीना बनाना प्रारम्भ कर दिया था. सबसे पहले बात करते है कि बीजेपी प्रत्याशी की जीत का मार्जिन पिछली बार से घटकर कम क्यों रहे गया. बीजेपी प्रत्याशी की पिछले लोकसभा चुनाव में दो लाख 70 हजार से अधिक वोट से जीत हुई थी. अब चुनाव करीब आया तो बीजेपी प्रत्याशी ने मेहनत करना प्रारम्भ की.
भाजपा को लगभग दो लाख 15 हजार वोट का हानि उठाना पड़ा
जनता के बीच वोट मांगने के लिए जाना प्रारम्भ कर दिया. उनके उपर इल्जाम लगने लगे कि बीजेपी प्रत्याशी अरुण सागर पिछले चुनाव में जीतने के बाद जनता के बीच नही गए. इसको इण्डिया गठबंधन प्रत्याशी ने मामला बना लिया. पिछले चुनाव के मुकाबले इस चुनाव में बीजेपी को लगभग दो लाख 15 हजार वोट का हानि उठाना पड़ा. लेकिन सच ये है कि बीजेपी प्रत्याशी ने सीट जीतने के बाद तीन मंत्रियों की साख बच गई.
भाजपा प्रत्याशी ने कहा- सर्व समाज ने समर्थन दिया
भाजपा प्रत्याशी अरुण सागर ने जीत के बाद सबसे पहले दैनिक भास्कर से बात करते हुए बोला कि जनता ने जो भरोसा दिखाया है. इसको कभी टूटने नही देंगे. जनता के हर सुख दुख में शामिल होना मेरी जिम्मेदारी है. जिले के विकास के लिए हर समय तैयार रहेंगे. पिछले पांच वर्ष के दौरान अनेक योजनाओं को शाहजहांपुर लाए और यहां की जनता को उसका फायदा दिलाया, नेशनल हाइवे को पूरा कराकर यातायात सुगम बनाया, रेलवे स्टेशन को बहुत जल्द दिल्ली और लखनऊ जैसे स्टेशनों की तरह देखेंगे.
इसके अतिरिक्त अनेक ऐसे कार्ये हैं. जिसको करवाए गए और उसका फायदा जनता को मिल रहा है. साथ ही उन्होंने जीत के मार्जिन कम होने पर उन्होंने बोला कि विपक्ष ने कुछ राष्ट्रीय स्तर के मामले और कुछ लोकल मुद्दो को लेकर झूठी अफवाहों को फैलाया गया. अफवाह फैला दी गई कि संविधान बदल जाएगा. लेकिन ये सब अफवाह थी. लेकिन हमे सर्व समाज ने समर्थन दिया साथ ही दलित समाज ने भी हमे बहुत अधिक समर्थन किया है.
राजेश कश्यप का टिकट काटकर ज्योत्सना गौड़ को टिकट दिया
वहीं समाजवादी पार्टी ने सबसे पहले शाहजहांपुर लोकसभा सीट पर राजेश कश्यप को टिकट दिया था. यहां समाजवादी पार्टी नेताओं ने राजेश कश्यप के साथ खूब जनता के पास जाकर वोट मांगे थे. लेकिन तब कुछ समाजवादी पार्टी नेता से लेकर कांग्रेस पार्टी के नेता राजेश कश्यप से खुश नहीं दिख रहे थे. जिस दिन इण्डिया गठबंधन प्रत्याशी राजेश कश्यप ने अपना नामांकन कराया था. ठीक उसके एक दिन बाद समाजवादी पार्टी ने राजेश कश्यप का टिकट काटकर ज्योत्सना गौड़ को टिकट दे दिया था. नामांकन के बाद कुछ ही दिन इण्डिया गठबंधन प्रत्याशी ज्योत्सना गौड़ को जनता के बीच जाने के लिए मिल पाए.
हालांकि ज्योत्सना गौड़ को चुनाव लड़ाने के लिए समाजवादी पार्टी नेताओ से लेकर कांग्रेस पार्टी और आप नेताओं ने पूरा बल लगा दिया. एक तरफ ज्योत्सना गौड़ जनता के बीच जाकर अपने अधिकार में वोट मांग रही थीं. तो दूसरी तरफ जिस प्रत्याशी को सबसे पहले उतारा गया था. उसने बीजेपी का दामन थामने के बाद जमकर समाजवादी पार्टी प्रत्याशी और उनके नेताओं के विरुद्ध प्रचार किया. स्वयं के टिकट को काटने का कश्यप समाज का घाम पहुंचाने का कहा.
सपा और सहयोगी पार्टी के नेताओं ने खूब साथ दिया- इण्डिया गठबंधन प्रत्याशी ज्योत्सना गौड़
कुल मिलकर बताया जा रहा है कि इण्डिया गठबंधन प्रत्याशी ज्योत्सना गौड़ ने 12 दिन में इतनी मेहनत कर अच्छी स्थान बनाई. लेकिन 55 हजार वोट से हारना उनके लिए कहां पर चूक हूई, इस पर उन्होंने बोला कि इस पर मंथन करने की आवश्यकता है. इण्डिया गठबंधन प्रत्याशी ज्योत्सना गौड़ ने बोला कि समाजवादी पार्टी और सहयोगी पार्टी के नेताओं ने खूब साथ दिया है. जीतना तो केवल एक को होता है. मेरी हार कहां पर हुई, कहां पर चूक हुई है. अब हम सब बैठकर इस पर चर्चा करेंगे.