इस शख्स ने उठाया धरती को हरा करने का जिम्मा
एक तरफ लोग वृक्षों की कटान कर पर्यावरण को प्रदूषित करने का काम कर रहे हैं. वहीं, उत्तर प्रदेश में एक शख्स ऐसे हैं, जिन्हें पर्यावरण का राजा बोला जाता है. इनकी वजह सुनकर आप भी दंग रह जाएंगे. आराम की उम्र में काम करने वाला यह शख्स अब तक एक दो नहीं बल्कि लाखों पेड़ लगा चुके हैं.
बता दें कि पेड़ लगाने तक ही इनका कारवां सीमित नहीं रहता, बल्कि यह पौधों की रक्षा के लिए भी अपने जीवन को समर्पित कर रहे हैं. आज उनके लगाए पौधे लोगों को सही हवा और हरा भरा वातावरण दे रहे हैं. कई सालों से पेड़ लगाने का काम जारी है और हर साल यह शख्स पौधारोपण कर पर्यावरण को क्लीन एंड ग्रीन बनाने का काम करते हैं.
1989 से लगा रहे हैं पौधे
हम बात कर रहे हैं अमेठी के त्रिवेणी प्रसाद सिंह के बारे में. जी हां! यही त्रिवेणी प्रसाद सिंह कभी रेलगाड़ियों की दिशा को मार्गदर्शित करते थे, लेकिन सेवानिवृत होने के बाद उन्होंने पर्यावरण को हरा भरा बनाने की ठानी. अब आराम करने के बजाय उन्होंने समाज को अपना जीवन कुर्बान करने का मन बनाया. उन्होंने 1989 से पौधारोपण का कार्य प्रारम्भ किया. तब से आज तक वह पौधों को लगाते चले आ रहे हैं.
वह गवर्नमेंट की सेवा देने के साथ-साथ यह बचे समय में पौधारोपण का काम करते थे. धीरे-धीरे इनकी पहचान बनती गई और आज इन्होंने साल 2024 तक लाखों की संख्या में पौधों को लगा चुके हैं. त्रिवेणी प्रसाद सिंह भेंटुआ ब्लाक के भीमी गांव के रहने वाले हैं. किसी एनजीओ और किसी संस्था का सहारा लेने के बजाय वह स्वयं पेड़ खरीदते हैं और उसका पौधारोपण कर फिर उसे प्रकृति के लिए तैयार करते हैं. वह प्रतिवर्ष लगभग हजारों पौधों को लगाते हैं. इसके साथ ही उन पौधों की देखभाल भी करते हैं.
सभी तरह के पौधों को लगाते हैं टीपी सिंह
त्रिवेणी प्रसाद सिंह अपने पौधारोपण की श्रृंखला में पीपल, पाकड़, बरगद, नीम आम का पौधा लगाकर उसकी रक्षा करते हैं. उसकी देखभाल के लिए वह स्वयं ही प्रयासरत रहते हैं. वह पौधों को पानी देने से लेकर उसमें खाद दवा या फिर उसकी सुरक्षा के लिए लगाए जाना वाला टी गार्ड भी वह स्वयं खरीदते हैं. यदि किसी ने योगदान कर दिया, तो ठीक नहीं तो वह सारी जिम्मेदारी स्वयं उठाते हैं.
धरती का अस्तित्व बचाने के लिए पौधारोपण जरूरी
लोकल 18 से वार्ता में उन्होंने कहा कि वह जब रेलवे में अपनी सेवा दे रहे थे, तो उन्हें डीआरएम कमलेश गुप्ता ने पौधारोपण का काम सौंपा. वह लोगों से लगाार पौधों को लगाने की अपील भी करते हैं. उन्होंने बोला कि यदि पेड़ नहीं रहेगें तो धरती का अस्तित्व नहीं बचेगा. जब धरती का अस्तित्व नहीं बचेगा तो कोई भी प्राणी जीवित नहीं रहेगा. उन्होंने कहा कि वह स्वयं से पेड़ खरीदते हैं. यदि किसी ने उन्हें योगदान कर दिया तो ठीक है, नहीं तो वह स्वयं से सभी काम अपने निजी खर्चे से करते हैं.