Vaibhav Suryavanshi Bal Puraskar: बल्ले से उगली आग और अब मिला राष्ट्रपति से सम्मान, बिहार के इस लाल ने रचा इतिहास…
Vaibhav Suryavanshi Bal Puraskar: क्रिकेट के मैदान पर जब कोई नन्हा खिलाड़ी अपनी बल्लेबाजी से दिग्गजों को दांतों तले उंगली दबाने पर मजबूर कर देता है, तो वह केवल एक खिलाड़ी नहीं बल्कि देश की उम्मीद बन जाता है। बिहार के वैभव सूर्यवंशी ने (Cricket Prodigy Achievement) पिछले कुछ समय में अपने बल्ले से ऐसी चमक बिखेरी है जिसकी मिसाल मिलना मुश्किल है। उनकी इसी असाधारण प्रतिभा और खेल के प्रति अटूट समर्पण को देखते हुए महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें ‘प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार’ से सम्मानित किया है। यह सम्मान न केवल वैभव के लिए बल्कि पूरे बिहार और भारतीय क्रिकेट जगत के लिए गौरव का क्षण है।
विजय हजारे ट्रॉफी में मचाया रनों का कोहराम
वैभव की काबिलियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने घरेलू क्रिकेट में बड़े-बड़े गेंदबाजों की बखिया उधेड़ दी है। विजय हजारे ट्रॉफी में बिहार की तरफ से खेलते हुए वैभव ने (Domestic Cricket Records) अरुणाचल प्रदेश के खिलाफ एक ऐसी पारी खेली जिसे सदियों तक याद रखा जाएगा। उन्होंने मात्र 84 गेंदों का सामना करते हुए 190 रनों की तूफानी पारी खेली, जिसमें 16 चौके और 15 गगनचुंबी छक्के शामिल थे। उनकी इसी ताबड़तोड़ बल्लेबाजी के कारण उन्हें भारतीय क्रिकेट का उभरता हुआ सितारा माना जा रहा है।
क्यों नहीं खेले मणिपुर के खिलाफ महत्वपूर्ण मुकाबला
विजय हजारे ट्रॉफी के दौरान जब प्रशंसक वैभव को मणिपुर के खिलाफ फिर से मैदान पर देखने को बेताब थे, तब वे टीम का हिस्सा नहीं बन सके। दरअसल, वैभव को दिल्ली में आयोजित (National Bal Puraskar Ceremony) गौरवशाली सम्मान समारोह में हिस्सा लेना था। एक खिलाड़ी के लिए अपने राज्य की टीम के मैच से अनुपस्थित रहना कठिन होता है, लेकिन जब देश का सर्वोच्च सम्मान पुकार रहा हो, तो प्राथमिकता बदल जाती है। यही कारण था कि वे विजय हजारे ट्रॉफी के मुकाबले को छोड़कर राष्ट्रपति के हाथों पुरस्कृत होने के लिए रवाना हुए।
आईपीएल की चमक और राजस्थान रॉयल्स का भरोसा
वैभव सूर्यवंशी केवल घरेलू मैदानों तक सीमित नहीं रहे हैं, बल्कि उन्होंने दुनिया की सबसे बड़ी क्रिकेट लीग आईपीएल में भी अपनी धमक दिखाई है। राजस्थान रॉयल्स की टीम ने वैभव की (IPL Youngest Talents) प्रतिभा को पहचानते हुए उन पर बड़ा दांव लगाया और उन्हें रिटेन भी किया। आईपीएल 2025 के सत्र में उन्होंने 7 मैचों में 252 रन बनाकर यह साबित कर दिया कि वे दबाव भरे मुकाबलों में भी शांत रहकर रन बनाना जानते हैं। उनकी बल्लेबाजी शैली में जो परिपक्वता दिखती है, वह अक्सर अनुभवी खिलाड़ियों में भी नजर नहीं आती।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने थपथपाई बच्चों की पीठ
सम्मान समारोह के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बच्चों की प्रतिभा की जमकर सराहना की और उन्हें देश का भविष्य बताया। उन्होंने कहा कि वीरता, कला, संस्कृति, और खेल जैसे क्षेत्रों में वैभव और (Excellence in Sports Award) उनके जैसे अन्य बच्चों ने जो असाधारण कार्य किए हैं, वे प्रेरणादायक हैं। राष्ट्रपति ने इस बात पर जोर दिया कि समय की कमी के कारण वे भले ही सभी बच्चों के नाम न ले पा रही हों, लेकिन प्रत्येक बच्चा समाज के लिए आदरणीय है। उन्होंने वैभव की खेल उपलब्धियों को युवा पीढ़ी के लिए एक मानक के तौर पर प्रस्तुत किया।
वीर बाल दिवस और साहिबजादों का महान बलिदान
यह पुरस्कार समारोह उस विशेष अवसर पर आयोजित किया गया जब पूरा देश ‘वीर बाल दिवस’ मना रहा था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दिन के महत्व को रेखांकित करते हुए (Veer Baal Diwas History) गुरु गोबिंद सिंह के पुत्रों के अदम्य साहस और शहादत को याद किया। साहिबजादे बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह के बलिदान की स्मृति में ही 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। वैभव जैसे युवा प्रतिभाओं को इस पावन अवसर पर सम्मानित करना यह संदेश देता है कि देश अपने वीर बालकों और प्रतिभाशाली युवाओं का ऋणी है।
भारतीय अंडर-19 और भविष्य की मजबूत दीवार
वैभव सूर्यवंशी ने न केवल आईपीएल बल्कि भारतीय-ए और भारतीय अंडर-19 टीमों के लिए भी शानदार प्रदर्शन किया है। उन्हें जब भी देश की जर्सी (Indian Under-19 Cricket Prospects) पहनने का मौका मिला, उन्होंने उसे दोनों हाथों से लपका और अपनी बल्लेबाजी से चयनकर्ताओं का दिल जीत लिया। उनकी तकनीक और गेंद को हिट करने की क्षमता उन्हें अन्य खिलाड़ियों से अलग बनाती है। क्रिकेट विशेषज्ञों का मानना है कि यदि वे इसी निरंतरता के साथ खेलते रहे, तो जल्द ही सीनियर नेशनल टीम में उनकी जगह पक्की हो सकती है।
बिहार के छोटे से गांव से वैश्विक मंच तक की यात्रा
वैभव की सफलता उन लाखों बच्चों के लिए एक मशाल की तरह है जो संसाधनों के अभाव में बड़े सपने देखते हैं। बिहार के मैदानों से शुरू हुआ उनका सफर (Inspirational Youth Journey) अब अंतरराष्ट्रीय सुर्खियों का हिस्सा बन चुका है। अपनी उम्र से कहीं बढ़कर प्रदर्शन करने वाले वैभव ने यह साबित कर दिया है कि यदि आपके इरादे फौलादी हों, तो उम्र महज एक संख्या रह जाती है। आज पूरा देश उनकी इस उपलब्धि पर खुश है और उनकी आगामी पारियों का बेसब्री से इंतजार कर रहा है ताकि वे भारतीय क्रिकेट के फलक पर और बड़े सितारे बनकर उभरें।