Ashes 2025-26 Boxing Day Test: मेलबर्न के मैदान पर इतिहास रचेंगे स्टोक्स, फिरेगा इंग्लैंड की किस्मत का पहिया…
Ashes 2025-26 Boxing Day Test: क्रिकेट की दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित जंग ‘एशेज 2025-26’ अब अपने सबसे निर्णायक और रोमांचक मोड़ पर पहुँच चुकी है। 26 दिसंबर से मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (MCG) पर चौथा मुकाबला शुरू होने जा रहा है, जिसे दुनिया भर में ‘बॉक्सिंग डे टेस्ट’ के नाम से जाना जाता है। इंग्लैंड की टीम के लिए अब तक का यह ऑस्ट्रेलियाई दौरा किसी बुरे सपने से कम नहीं रहा है, जहाँ उन्हें लगातार हार का सामना करना पड़ा है। टीम के शर्मनाक प्रदर्शन की सबसे बड़ी वजह उनके बल्लेबाजों की नाकामी रही है, जो कंगारू गेंदबाजों के सामने पूरी तरह पस्त नजर आए हैं। अब बेन स्टोक्स की सेना के पास अपने खोए हुए सम्मान को पाने के लिए सीरीज के बचे हुए दो मैचों में जीत दर्ज करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है।
एंड्रयू स्ट्रॉस के साम्राज्य को चुनौती देंगे बेन स्टोक्स
इंग्लैंड के टेस्ट कप्तान बेन स्टोक्स भले ही इस सीरीज में अब तक अपने बल्ले का जादू नहीं दिखा पाए हैं, लेकिन मेलबर्न का यह मैदान उनके लिए एक व्यक्तिगत उपलब्धि का द्वार खोल सकता है। स्टोक्स के पास इंग्लैंड के पूर्व कप्तान एंड्रयू स्ट्रॉस को पछाड़कर एक (International Cricket Records) बनाने का सुनहरा मौका है। वर्तमान में स्ट्रॉस इंग्लैंड की ओर से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाजों की सूची में 10वें स्थान पर काबिज हैं। स्टोक्स को उन्हें पीछे छोड़ने के लिए बॉक्सिंग डे टेस्ट में मात्र 70 रनों की दरकार है। यदि वे ऐसा करने में सफल रहते हैं, तो वे इंग्लैंड के क्रिकेट इतिहास के टॉप-10 रन बनाने वाले महान खिलाड़ियों की श्रेणी में शामिल हो जाएंगे।
रिकॉर्ड बुक में स्ट्रॉस बनाम स्टोक्स का आंकड़ा
एंड्रयू स्ट्रॉस ने इंग्लैंड के लिए 231 अंतरराष्ट्रीय मैचों में कुल 11,315 रन बनाए हैं, जो उनकी बेहतरीन तकनीक और निरंतरता का प्रमाण है। दूसरी ओर, बेन स्टोक्स अब तक 11,245 रन बना चुके हैं और वे अपने पूर्व कप्तान से केवल 70 रन पीछे हैं। एशेज 2025-26 के अब तक के तीन मैचों में (Test Match Batting Performance) को देखें तो स्टोक्स ने 37.50 की औसत से 165 रन बनाए हैं, जिसमें दो अर्धशतक शामिल हैं। भले ही ये आंकड़े स्टोक्स के कद के हिसाब से कम लग रहे हों, लेकिन मेलबर्न में एक बड़ी पारी न केवल टीम को मजबूती देगी, बल्कि उन्हें महानतम बल्लेबाजों की सूची में ऊपर भी ले जाएगी।
फ्लॉप बल्लेबाजी बनी इंग्लैंड की सबसे बड़ी कमजोरी
इस एशेज सीरीज में इंग्लैंड की हार का सबसे प्रमुख कारण उनकी बल्लेबाजी इकाई का ताश के पत्तों की तरह बिखरना रहा है। कप्तान बेन स्टोक्स समेत मध्यक्रम के किसी भी बल्लेबाज ने अब तक कोई ऐसी पारी नहीं खेली है जो मैच का रुख पलट सके। (Top Order Collapse Issues) ने इंग्लैंड की रणनीति को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया है। बॉक्सिंग डे टेस्ट जैसे हाई-वोल्टेज मैच में दबाव को झेलना इंग्लैंड के लिए बड़ी चुनौती होगी। जो रूट और स्टोक्स जैसे अनुभवी खिलाड़ियों को अब जिम्मेदारी उठानी होगी ताकि टीम ऑस्ट्रेलिया के घातक गेंदबाजी आक्रमण का डटकर सामना कर सके और मेलबर्न के ऐतिहासिक मैदान पर अपनी साख बचा सके।
जोफ्रा आर्चर की चोट और गेंदबाजी आक्रमण में संकट
चौथे टेस्ट मैच की शुरुआत से पहले इंग्लैंड को एक बड़ा झटका तेज गेंदबाज जोफ्रा आर्चर के रूप में लगा है। आर्चर, जो इस दौरे पर अब तक इंग्लैंड के सबसे प्रभावी और खतरनाक गेंदबाज साबित हो रहे थे, चोट के कारण सीरीज के बाकी बचे दोनों मैचों से बाहर हो गए हैं। उनकी अनुपस्थिति (Fast Bowling Attack Challenges) को इंग्लैंड के लिए और अधिक जटिल बना देगी। आर्चर की रफ्तार और बाउंसर ने ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को काफी परेशान किया था, लेकिन अब बेन स्टोक्स को अपने अन्य गेंदबाजों से चमत्कारिक प्रदर्शन की उम्मीद करनी होगी ताकि वे मेजबान टीम के मजबूत बल्लेबाजी क्रम को जल्द समेट सकें।
जैकब बेथेल की एंट्री और प्लेइंग इलेवन में बड़े बदलाव
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चौथे टेस्ट के लिए इंग्लैंड ने अपनी अंतिम एकादश (प्लेइंग-11) का ऐलान काफी पहले ही कर दिया था, जिसमें दो महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। खराब फॉर्म से जूझ रहे ओली पोप को टीम से बाहर का रास्ता दिखाया गया है और उनकी जगह युवा प्रतिभा जैकब बेथेल को मौका दिया गया है। बेथेल का टीम में आना (Team Selection Strategy Updates) को एक नई दिशा देने की कोशिश माना जा रहा है। जैकब न केवल बल्लेबाजी में गहराई लाएंगे बल्कि अपनी स्पिन गेंदबाजी से भी टीम के लिए विकल्प प्रदान करेंगे। इंग्लैंड को उम्मीद है कि ये बदलाव टीम के प्रदर्शन में आवश्यक संतुलन और ऊर्जा पैदा करेंगे।
बॉक्सिंग डे टेस्ट का ऐतिहासिक और मनोवैज्ञानिक महत्व
मेलबर्न में होने वाला बॉक्सिंग डे टेस्ट केवल एक मैच नहीं बल्कि क्रिकेट का एक उत्सव है। यहाँ की पिच और माहौल हमेशा से गेंदबाजों और बल्लेबाजों के बीच एक कड़ी परीक्षा लेते हैं। इंग्लैंड के लिए इस मैच में जीत (Psychological Advantage in Sports) हासिल करने के लिए बहुत जरूरी है। अगर इंग्लैंड यहाँ जीतता है, तो वह न केवल सीरीज का अंतर कम करेगा बल्कि सिडनी में होने वाले अंतिम टेस्ट के लिए अपना मनोबल भी बढ़ाएगा। ऑस्ट्रेलिया की टीम इस समय जीत के रथ पर सवार है, ऐसे में उन्हें रोकना स्टोक्स के करियर की सबसे कठिन चुनौतियों में से एक होने वाली है।
क्या पलट पाएगा इंग्लैंड की हार का सिलसिला?
पूरी दुनिया के क्रिकेट प्रेमी अब टकटकी लगाए मेलबर्न की ओर देख रहे हैं। क्या बेन स्टोक्स 70 रन बनाकर इतिहास रचेंगे? क्या जैकब बेथेल का डेब्यू इंग्लैंड की किस्मत बदल देगा? या फिर पैट कमिंस की कप्तानी वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम एक बार फिर इंग्लैंड के जख्मों पर नमक छिड़केगी? एशेज का यह (Cricket Rivalry History) गवाह रहा है कि यहाँ कभी भी बाजी पलट सकती है। इंग्लैंड के पास खोने के लिए अब कुछ नहीं है, और यही बात उन्हें मेलबर्न में एक निडर और आक्रामक टीम के रूप में खड़ा कर सकती है।