Water Resources: किस लापरवाही की बलि चढ़े जगदीश बांध, सिंचाई विभाग भी रही नाकाम…
सरगुजा जिले में खेती-किसानी के लिए मशहूर एक बांध की हालत इन दिनों बहुत खराब है। लगभग 1970 में सिंचाई के लिए बनाए गए इस बांध का नाम चमपरवा गांव के गौटया के नाम पर ‘जगदीश बांध’ रखा गया था। जगदीश साव अब इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनके नाम को लोग आज भी याद करते हैं। हालांकि, उनके नाम पर बने इस बांध की बदहाली के लिए सिंचाई विभाग उत्तरदायी है।

 इन दिनों बहुत खराब स्थिति जगदीश बांध
स्थानीय किसानों के अनुसार, जगदीश बांध इन दिनों बहुत खराब स्थिति में है। बांध का गेट टूटा हुआ है और चारों तरफ पानी का लीकेज हो रहा है। फोटोज़ देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस बांध से किसानों को कोई फायदा नहीं हो रहा है। यह बांध इंदिरा गांधी के जमाने में बना था, लेकिन अब इसकी हालत बहुत खराब है। बांध के चारों तरफ पत्थर ही पत्थर दिखाई दे रहे हैं और यह बांध अब सूखने के कगार पर है। ग्रामीणों का बोलना है कि अब सिंचाई तो दूर, पानी को संरक्षित भी नहीं रखा जा सकता है।
इस ओर ध्यान नहीं दे रहा सिंचाई विभाग
सरकार की तरफ से बांध के रखरखाव और मरम्मत के लिए फंड भी आता है, लेकिन सिंचाई विभाग इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। इसका खामियाजा अब क्षेत्रीय किसानों को भुगतना पड़ रहा है। यदि आने वाले समय में बांध की देखरेख नहीं की गई, तो यह जगदीश बांध खत्म हो जाएगा।
सूखने की कगार पर जगदीश बांध
बरसात के समय में भी जगदीश बांध की नहर और गेट ठीक नहीं रहते, जिससे किसान परेशान रहते हैं।  अब गर्मी में यह बांध सूखने की कगार पर है। किसान सोचते थे कि इस बांध के जरिए वे अच्छी फसल लगाकर अच्छी कमाई करेंगे, लेकिन सिंचाई विभाग ने इस बांध को केवल कागजों में जीवित रखा है।
 
				
