झारखंड में दो नक्सलियों ने पुलिस और सुरक्षा बलों के सामने टेके घुटने
झारखंड के लातेहार जिले में प्रतिबंधित संगठन झारखंड संघर्ष जनमुक्ति मोर्चा (झासंजमुमो) के दो हार्डकोर उग्रवादियों ने पुलिस और सुरक्षा बलों के ऑफिसरों के समक्ष मंगलवार को सेरेण्डर कर दिया. सरेंडर करने वाले उग्रवादियों में चंदन साव और पप्पू साव शामिल हैं. दोनों इसी जिले के छिपादोहर थाना क्षेत्र के रहने वाले हैं और उनके विरुद्ध कई मुद्दे दर्ज है

इसके पहले सोमवार को इस उग्रवादी संगठन के सुप्रीमो राजेश सिंह खेरवार उर्फ टुला सिंह उर्फ शैतान सिंह को लातेहार जिले की पुलिस ने अरैस्ट किया था.
लातेहार के एसपी कुमार गौरव ने कहा कि सेरेण्डर करने वाले दोनों उग्रवादियों को झारखंड गवर्नमेंट की नीति के अनुसार समाज की मुख्यधारा में शामिल होने और पुनर्वास के लिए सभी प्रकार की सहायता मौजूद कराई जाएगी. उन्होंने पुष्पगुच्छ देकर दोनों का स्वागत किया.
नक्सलवाद के विरुद्ध झारखंड पुलिस और सुरक्षा बलों की ओर से लगातार चलाए जा रहे अभियान से उग्रवादियों के संगठन कमजोर पड़े हैं. दोनों उग्रवादियों के परिजनों ने छिपादोहर थाना प्रभारी धीरज कुमार और सीआरपीएफ के ऑफिसरों से संपर्क किया था और उनके सेरेण्डर की ख़्वाहिश जताई थी.
लातेहार जिले के एसपी की सहमति के बाद मंगलवार को दोनों उग्रवादियों ने सेरेण्डर किया. एसपी ने बोला कि लातेहार को पूरी तरह नक्सलमुक्त बनाने का अभियान चल रहा है. सेरेण्डर न करने वाले उग्रवादी या तो पकड़े जाएंगे या फिर उनका खात्मा होगा.
सीआरपीएफ 11 बटालियन के कमांडेंट यादराम बुनकर ने भी चेतावनी दी कि जो उग्रवादी मुख्य धारा से बाहर रहेंगे, उन्हें गंभीर परिणामों का सामना करना पड़ेगा.
झारखंड पुलिस की ओर से जारी आंकड़े के अनुसार, साल 2024 में पुलिस ने 244 उग्रवादियों को अरैस्ट किया, जबकि 24 उग्रवादियों ने सेरेण्डर कर मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया.
आत्मसमर्पण करने वाले उग्रवादियों में चार जोनल कमांडर, एक सब जोनल कमांडर और तीन एरिया कमांडर शामिल थे. इस साल पुलिस और सुरक्षा बलों के साथ एनकाउंटर में नौ उग्रवादी मारे गए. मारे गए उग्रवादियों में कांडे होनहांगा, सिंघराई मनोज, बुद्धराम मुंडा, जांगा, सूर्या, सपनी हांसदा, हरेंद्र गंझु, ईश्वरी गंझु और रादुंग बोदरा शामिल थे.
 
				
