नासिक में सात पीर बाबा दरगाह को किया गया ध्वस्त
नासिक नगर निगम ने आज सुबह नासिक में सात पीर बाबा दरगाह को ध्वस्त कर दिया. बॉम्बे उच्च न्यायालय ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए दरगाह को अनधिकृत पाते हुए इसे हटाने के आदेश जारी किए थे. पुलिस का बोलना है कि निवासियों और ट्रस्टियों ने स्वयं ही दरगाह को हटाने का निर्णय किया था और कल देर रात वे इसके लिए एकत्र हुए थे, तभी भीड़ ने उन पर धावा कर दिया. हमले के दौरान पथराव में 21 पुलिसकर्मी घायल हो गए. पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसूगैस के गोले दागे. अत्याचार के सिलसिले में अब तक 22 संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है.
नासिक नगर निगम द्वारा यह तोड़फोड़ अभियान चलाया गया. 40 कर्मियों वाली नगर निगम टीम के साथ चार जेसीबी, आठ डंपर और सात वाहन थे. पुलिस उपायुक्त किरण चव्हाण के अनुसार, “अवैध संरचना को हटाने के लिए एक टीम पहुंची थी. हालांकि, भीड़ ने विरोध करना प्रारम्भ कर दिया. हालांकि दरगाह के ट्रस्टी और एक प्रमुख नागरिक ने उन्हें शांत करने की प्रयास की, लेकिन भीड़ ने उनकी अपील को नजरअंदाज कर दिया और पुलिस और नागरिक पर पथराव करना प्रारम्भ कर दिया.”
पथराव में प्रारम्भ में तीन पुलिसवालों के घायल होने की समाचार थी, जो बाद में बढ़कर 21 हो गई. हमले में कई पुलिस वाहन क्षतिग्रस्त हो गए. भीड़ को तितर-बितर करने और स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया. पुलिस ने पुष्टि की है कि संदिग्धों की 57 मोटरसाइकिलें बरामद की गई हैं. नागरिक ऑफिसरों के अनुसार, बुधवार सुबह दरगाह पर कब्ज़ा विरोधी अभियान में नासिक नगर निगम (एनएमसी) के लगभग 50 कर्मचारी लगे हुए थे. इस वर्ष फरवरी में नागरिक निकाय की कब्ज़ा विरोधी टीम ने दरगाह के पास कई अनधिकृत संरचनाओं को हटा दिया था.
 
				
