Prajatantra: क्या बंगाल में कमाल कर पाएगी भाजपा…
लोकसभा चुनाव अपने अंतिम चरण में पहुंच चुका है. सियासी दृष्टिकोण से देखें तो पश्चिम बंगाल बहुत ही अहम राज्य होता है. पश्चिम बंगाल में 42 लोकसभा की सीटे हैं जहां बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस पार्टी आमने-सामने है. हालांकि कुछ सीटों पर कांग्रेस पार्टी और वाम दलों का भी दबदबा देखने को मिल रहा है. लेकिन कहीं ना कहीं बीजेपी इस बार के चुनाव में पश्चिम बंगाल से काफी उम्मीदें कर रही है. यही कारण है कि बीजेपी के अनेक नेता पश्चिम बंगाल में चुनावी लड़ाई को एकतरफा बता रहे हैं और दावा कर रहे हैं की पार्टी 30 के आसपास सीटों पर जीत हासिल करेगी. आज स्वयं पीएम मोदी ने भी इस बात की पुष्टि कर दी. लेकिन बड़ा प्रश्न यही है कि आखिर बीजेपी पश्चिम बंगाल में कितना कमाल कर पाएगी?

मोदी का विश्वास
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बोला कि बंगाल चुनाव में तृण मूल काँग्रेस पार्टी अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है. पिछले विधानसभा चुनाव में हम 3 थे और बंगाल की जनता ने हमें 80 (सीटों) पर पहुंचाया, पिछले लोकसभा चुनाव में हमें भारी बहुमत मिला. इस बार हिंदुस्तान में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला राज्य पश्चिम बंगाल रहने वाला है. उन्होंने बोला कि भाजपा को सबसे अधिक कामयाबी पश्चिम बंगाल में मिल रही है. पश्चिम बंगाल का चुनाव एकतरफा है, लोग इसका नेतृत्व कर रहे हैं और उसके कारण गवर्नमेंट में बैठे लोग, तृण मूल काँग्रेस के लोग हताश हैं. उ्नहोंने बोला कि चुनाव से पहले बीजेपी कार्यकर्ताओं को जेलों में डाला जा रहा है. इन अनेक अत्याचारों के बावजूद अधिक लोग वोट कर रहे हैं और वोटों की संख्या भी बढ़ रही है.
ममता का पक्ष
मोदी को ‘कार्यवाहक प्रधानमंत्री’ बताते हुए ममता बनर्जी ने बोला कि बीजेपी तीसरी बार सत्ता में नहीं लौटेगी और इण्डिया गठबंधन केंद्र में गवर्नमेंट बनाएगी. ममता ने कहा, ‘‘मोदीजी को चुनाव प्रचार करने का पूरा अधिकार है. उन्हें यहां आने और चुनावी रैलियां करने का पूरा अधिकार है. लेकिन मैं यह देखकर आश्चर्यचकित हूं कि उन्हें उनकी पार्टी (भाजपा) के चुनावी विज्ञापनों में पीएम बोला जा रहा है.’’ तृणमूल प्रमुख ने बीजेपी पर वोट हासिल करने के लिए समुदायों के बीच दरार पैदा करने का इल्जाम लगाया और इसे एक ‘‘खतरनाक खेल’’ करार दिया. उन्होंने कहा, ‘‘मैं सभी समुदायों के लोगों से प्यार करती हूं. मैं मारवाड़ी, बिहारी और अन्य से प्यार करती हूं, जो साथ मिलकर पश्चिम बंगाल का खूबसूरत ताना-बाना बनाते हैं.’’ ममता बनर्जी ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए बोला कि लोकसभा चुनाव के बाद लोकतांत्रिक ढंग से चुनी गई तृणमूल कांग्रेस पार्टी (टीएमसी) गवर्नमेंट को उखाड़ फेंकने की उसकी (भाजपा की) आकांक्षा अधूरी रहेगी.
जीत का भरोसा क्यों?
भाजपा ने इस बार का चुनाव पश्चिम बंगाल में राज्य के अस्मिता को लेकर लड़ा है. स्त्रियों को साधने की प्रयास की है. संदेशखाली की घटना को जबरदस्त ढंग से राजनीतिक रंग भी देने की प्रयास हुई है. इसके अतिरिक्त बीजेपी को इस बात का भरोसा है कि राज्य के लोग ममता बनर्जी से अब नाराज होते दिखाई दे रहे हैं. बीजेपी का मानना है कि राज्य में गैरकानूनी घुसपैठ की वजह से यहां के क्षेत्रीय निवासी में नाराजगी है. इसके अतिरिक्त पार्टी की ओर से राज्य में ध्रुवीकरण की भी प्रयास की गई है. पार्टी की ओर से बार-बार बोला गया कि सीएए लागू कर दिया गया है जिसका लाभ बंगाल में रह रहे कई समुदायों को हो सकता है. बंगाल में बीजेपी ने अपनी पूरी ताकत भी लगाई है. 2019 के चुनाव में पश्चिम बंगाल में बीजेपी ने 18 सीटों पर जीत हासिल की थी. इस बार पार्टी का दावा है कि इन आंकड़ों में वृद्धि होगी.
 
				
