MP: विधानसभा के मानसून सत्र में पहले दिन कांग्रेस ने उछाला ये मुद्दा
भोपाल। मध्य प्रदेश में आज यानी 1 जुलाई से विधानसभा का मानसून सत्र प्रारम्भ हुआ। पहले ही दिन विधानसभा की कार्यवाही हंगामेदार रही। विपक्ष ने सदन में नर्सिंग घोटाले को लेकर जमकर बवाल किया। विपक्ष ने इस दौरान स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा की मांग की। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सदन में यह मुद्दा उठाया। इस पर संसदीय कार्यमंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने तर्क दिया कि जो मुद्दा कोर्ट में चल रहा है उसकी सदन में चर्चा की आवश्यकता नहीं है। इसके बाद स्थगन को लेकर सदन में पक्ष-विपक्ष के नोंकझोंक हुई और विधानसभा की कार्यवाही एक बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। बता दें, कांग्रेस पार्टी से भाजपा में शामिल दोनों रामनिवास रावत, निर्मला सप्रे विधानसभा नहीं आए थे। दोनों लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा में शामिल हुए थे।
इस बीच पूर्व सीएम कमलनाथ ने बोला कि आज सदन की आरंभ है। यह बहुत जरूरी है। जो घोटाले हुए है उन सबका भंडाफोड़ होना है। इतने घोटाले हैं कि गिनना कठिन है। कौन सा भ्रष्टाचार नहीं हुआ। हर तरफ भ्रष्टाचार ही भ्रष्टाचार है। विधायक देवेंद्र कुमार जैन ने सहकारी बैंक में घोटाले का इल्जाम लगाया। उन्होंने जानकारी मांगी कि शिवपुरी सहकारी बैंक में कौन-कौन अधिकारी घोटाले में लिप्त हैं, ये कहा जाए। इस पर मंत्री विश्वास सांरग ने बोला कि इसकी जांच चल रही है। दोषियों के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
हमारी गवर्नमेंट डरने वाली नहीं है- मुख्यमंत्री यादव
दूसरी ओर, स्थगन प्रस्ताव को लेकर सीएम मोहन यादव ने बोला कि गवर्नमेंट सभी विषयों पर चर्चा के लिए तैयार है। लेकिन, सदन की कुछ परंपराएं हैं। स्थगन के बजाय ध्यान आकर्षण लाएं, गवर्नमेंट चर्चा के लिए तैयार है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बोला कि हमारी गवर्नमेंट डरने वाली नहीं है। कोई उत्तेजना से बात करेगा तो सुनने की आदत हमारी भी नहीं है। इसके बाद ध्यानाकर्षण में दिनेश गुर्जर ने मुरैना में हाई टेंशन लाइट का मामला उठाया। उन्होंने बोला कि मुरैना की आवासीय घरों के ऊपर हाई टेंशन की लाइन गुजर रही है। करीब दर्जन घर से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, इसकी वजह से जनता के बीच आक्रोश पैदा हो रहा है।
भवन गलत बनाए गए हैं- ऊर्जा मंत्री
इस पर ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर ने बोला कि नियमों के अनुसार ही विद्युत लाइन बिछाई गई है। नियमों के अनुसार भवनों का निर्माण नहीं किया गया है। अधिक निर्माण होने की वजह से हाई टेंशन लाइन के पास भवन आ गए हैं। भवन मालिकों ने विद्युत नियमों को उल्लंघन किया है। लाइनों को घर से हटाने के लिए लोगों को स्वयं ही आवेदन करना होगा। इसके लिए विद्युत नियम के अनुसार फीस का भी भुगतान करना होगा।