India Afghanistan Crisis: बच्चों-महिलाओं के हत्यारे पर सीधा वार, अफगानिस्तान हिंसा पर UN में भारत ने पाकिस्तान की लगाई क्लास
India Afghanistan Crisis: बुधवार को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक के दौरान भारत ने अफगानिस्तान में चल रहे संकट को लेकर पाकिस्तान पर कड़ा हमला बोला। भारत के स्थायी प्रतिनिधि हरीश पर्वतनेनी ने अफगानिस्तान पर पाकिस्तान द्वारा किए गए हवाई हमलों की जमकर आलोचना की, जिसे अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने भी गंभीरता से लिया (Geopolitics)। उन्होंने कहा कि ऐसे हमले पहले से ही अस्थिर देश को और अधिक नुकसान पहुंचाते हैं।

बेगुनाहों की हत्या पर भारत ने जताई चिंता
भारत ने मीटिंग के दौरान अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन की चिंता को दोहराते हुए कहा कि महिलाओं, बच्चों और खिलाड़ियों की बढ़ती हत्याएं बेहद दुखद हैं (Human Rights)। भारत का मानना है कि इस तरह की हिंसा न केवल मानवीय संकट को गहरा करती है, बल्कि क्षेत्रीय शांति को भी गंभीर खतरा पैदा करती है।
पाकिस्तान को मिली कड़ी चेतावनी
हरीश पर्वतनेनी ने पाकिस्तान पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि हमें इस बात पर गहरी चिंता है कि व्यापार और पारगमन को आतंकवाद का साधन बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान के लोग इस अवैध गतिविधि के सबसे बड़े शिकार हैं (Terrorism)। भारत ने यह स्पष्ट किया कि ऐसे किसी भी व्यवहार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
WTO नियमों के उल्लंघन का मुद्दा भी उठाया
भारत के प्रतिनिधि ने कहा कि पाकिस्तान द्वारा किए जा रहे कदम विश्व व्यापार संगठन यानी डब्ल्यूटीओ के नियमों का खुला उल्लंघन हैं। उन्होंने कहा कि एक कमजोर और मुश्किल हालात से उभरने की कोशिश कर रहे देश के खिलाफ खुलेआम धमकी देना और सैन्य कदम उठाना यूएन चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का गंभीर उल्लंघन है (International Law)। भारत ने इस तरह की हरकतों की कड़ी निंदा की।
अफगानिस्तान की संप्रभुता के समर्थन में भारत
पर्वतनेनी ने जोर देकर कहा कि भारत अफगानिस्तान की क्षेत्रीय अखंडता, संप्रभुता और स्वतंत्रता का पूरी मजबूती से समर्थन करता है। भारत का मानना है कि किसी भी देश को आत्मनिर्भर और शांतिपूर्ण वातावरण में आगे बढ़ने का अधिकार है (Sovereignty)। इसलिए बाहरी दखलंदाजी को किसी भी रूप में स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए।
सीमा तनाव के बीच आई भारत की प्रतिक्रिया
भारत की यह टिप्पणी ऐसे समय में सामने आई है जब हाल के वर्षों में पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच सीमा विवाद और झड़पें बढ़ चुकी हैं। 2021 में अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आने के बाद हालात और तनावपूर्ण हो गए हैं (Border Conflict)। पाकिस्तान का आरोप है कि अफगानिस्तान उसकी सुरक्षा में बाधा डाल रहा है, जबकि अफगानिस्तान इसे सिरे से खारिज कर चुका है।
तालिबान के बाद बढ़ा क्षेत्रीय तनाव
तालिबान के सत्ता में आने के बाद पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच कई बार हिंसक भिड़ंतें हुई हैं। हालांकि अफगानिस्तान ने स्पष्ट किया है कि पाकिस्तान की सुरक्षा उसके जिम्मे नहीं है और वह अपनी सीमाओं के अंदर के मसलों पर ही ध्यान दे सकता है (Regional Tensions)। इस बयान के बाद दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंध और बिगड़ गए हैं।
अफगानिस्तान में शांति के समर्थन में भारत की भूमिका
सोमवार को यूएनएससी की बैठक में हरीश पर्वतनेनी ने कहा कि भारत पिछले कई वर्षों से अफगानिस्तान में शांति और स्थिरता का मजबूत समर्थक रहा है (Peace Efforts)। भारत का मानना है कि स्थायी समाधान तभी मिलेगा, जब सभी संबंधित पक्ष एक साथ मिलकर सामूहिक प्रयास करें।
क्षेत्रीय सहयोग को बताया सबसे महत्वपूर्ण रास्ता
भारत ने कहा कि अफगानिस्तान से जुड़े मुद्दों पर समन्वित क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय सहयोग बेहद जरूरी है। पर्वतनेनी ने बताया कि शांति, स्थिरता और विकास के लिए सभी पार्टियों को मजबूती से शामिल करना आवश्यक है (Regional Cooperation)। उन्होंने यह भी कहा कि भारत वहां की सुरक्षा स्थिति पर लगातार नज़र बनाए हुए है।
भारत की नजर में अफगानिस्तान का भविष्य
भारत का मत है कि अफगानिस्तान के भविष्य को सुरक्षित और स्थिर बनाने के लिए कूटनीति, मानवीय सहयोग और सख्त क्षेत्रीय निगरानी की जरूरत है। भारत ने यह भी दोहराया कि वह अफगानिस्तान की प्रगति में साझेदार बने रहने के लिए प्रतिबद्ध है (Diplomacy)। आने वाले दिनों में यूएन में इस मुद्दे पर और चर्चाएं तेज होने की संभावना है।



