Hyderabad Wife Burning Crime Case: जिस प्रेमी के साथ बसाया था सपनों का घर, उसी ने पेट्रोल छिड़ककर सुहाग की वेदी पर दी पत्नी की बलि…
Hyderabad Wife Burning Crime Case: हैदराबाद से एक ऐसी रूह कंपा देने वाली वारदात सामने आई है, जिसने मानवीय संवेदनाओं और वैवाहिक रिश्तों की पवित्रता पर गहरे सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रेम विवाह के वादों और सात जन्मों के साथ की कसमों को एक सनकी पति ने चंद मिनटों में राख के ढेर में तब्दील कर दिया। पति-पत्नी का रिश्ता, जो पूरी जिंदगी एक-दूसरे का संबल बनने के लिए होता है, वहां (Marital Trust and Relationship) की जगह जब अंधा शक ले लेता है, तो परिणाम कितने भयावह हो सकते हैं, यह मामला उसका जीता-जागता प्रमाण है। एक शख्स ने न केवल अपनी जीवनसंगिनी को जिंदा जलाया, बल्कि अपनी ममतामयी ममता को बचाने आई मासूम बेटी को भी मौत के मुंह में धकेलने से गुरेज नहीं किया।
प्रेम विवाह से शुरू हुआ सफर और नफरत की आग
नलगोंडा जिले के हुजूरबाद के रहने वाले वेंकटेश और त्रिवेनी की कहानी किसी फिल्मी पटकथा की तरह शुरू हुई थी। दोनों ने एक-दूसरे से प्यार किया और समाज की परवाह किए बिना प्रेम विवाह कर अपना घर बसाया। उनके जीवन में एक बेटा और एक बेटी भी आए, जो उनकी खुशियों का केंद्र थे। लेकिन वेंकटेश के मन में बैठा (Extramarital Affair Suspicions) का बीज धीरे-धीरे एक विशाल वृक्ष बन गया। वह अक्सर अपनी पत्नी के चरित्र पर संदेह करने लगा, जिससे उनके घर में खुशियों की जगह रोज-रोज के झगड़ों और मानसिक प्रताड़ना ने ले ली।
धोखे से बुलाया वापस और जाल में फंसाई जिंदगी
वेंकटेश की शक की बीमारी और आए दिन होने वाली मारपीट से तंग आकर त्रिवेनी अपने बच्चों के साथ मायके चली गई थी। वह अपने माता-पिता के साये में सुकून तलाश रही थी, लेकिन वेंकटेश ने एक सोची-समझी साजिश रची। उसने त्रिवेनी से संपर्क किया और बड़े ही प्यार से उसे यह विश्वास दिलाया कि वह अब पूरी तरह सुधर चुका है। उसने कसम खाई कि वह अब कभी उस पर शक नहीं करेगा और एक (Emotional Manipulation Tactics) का सहारा लेते हुए उसे हैदराबाद चलने के लिए मना लिया। मासूम त्रिवेनी अपने बच्चों के भविष्य और पति के बदले हुए व्यवहार पर भरोसा कर उसके साथ हैदराबाद के नल्लाकुंटा इलाके में आ गई।
नल्लाकुंटा में फिर शुरू हुआ शक का वही पुराना खूनी खेल
हैदराबाद आने के कुछ दिनों तक तो सब कुछ ठीक रहा, लेकिन अपराधी की फितरत कभी नहीं बदलती। वेंकटेश ने एक बार फिर त्रिवेनी पर शक करना शुरू कर दिया। 24 दिसंबर की उस काली रात को, दोनों के बीच इसी मुद्दे पर भीषण विवाद हुआ। वेंकटेश ने अपना मानसिक संतुलन खो दिया और घर में रखा पेट्रोल त्रिवेनी पर छिड़क दिया। इससे पहले कि वह कुछ समझ पाती, उसने (Domestic Violence Statistics) की भयावहता को सच करते हुए माचिस की तीली जलाकर उसे आग के हवाले कर दिया। त्रिवेनी आग की लपटों में घिरकर तड़पने लगी।
मां को बचाने आई मासूम बेटी को भी आग में झोंका
जब त्रिवेनी आग की लपटों के बीच अपनी जान बचाने के लिए चीख रही थी, तो उसकी मासूम बेटी अपनी मां की तड़प देख नहीं पाई। वह अपनी मां को बुझाने और उसे बचाने के लिए आगे बढ़ी, लेकिन हैवान बन चुके वेंकटेश का दिल नहीं पसीजा। उसने अपनी ही (Child Endangerment Laws) की धज्जियां उड़ाते हुए बेटी को भी आग की लपटों की ओर धकेल दिया। इस क्रूरता को अंजाम देने के बाद वह कायर पति मौके से फरार हो गया, जबकि त्रिवेनी और उसकी बेटी दर्द से कराहते हुए मदद की गुहार लगा रहे थे।
स्थानीय लोगों की कोशिश और अस्पताल का दर्दनाक मंजर
महिला की रोंगटे खड़े कर देने वाली चीखें सुनकर आसपास के लोग तुरंत मौके पर जमा हो गए। लोगों ने हिम्मत दिखाते हुए आग बुझाई और गंभीर रूप से झुलसी त्रिवेनी और उसकी बेटी को पास के अस्पताल पहुँचाया। डॉक्टरों ने त्रिवेनी की जांच की, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। शरीर का अधिकांश हिस्सा जल जाने के कारण डॉक्टरों ने उसे (Emergency Medical Procedures) के बावजूद मृत घोषित कर दिया। हालांकि, राहत की बात यह रही कि उनकी बेटी इस जानलेवा हमले में बाल-बाल बच गई और उसे केवल मामूली चोटें आईं, लेकिन उसकी आंखों ने जो मंजर देखा वह उसे जीवनभर का घाव दे गया।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई और आरोपी की गिरफ्तारी
हैदराबाद की नल्लाकुंटा पुलिस ने घटना की जानकारी मिलते ही तुरंत मुकदमा दर्ज किया और तफ्तीश शुरू कर दी। पुलिस ने विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर फरार वेंकटेश की तलाश के लिए टीमें गठित कीं। तकनीकी साक्ष्यों और स्थानीय इनपुट के आधार पर पुलिस ने (Criminal Investigation Process) को तेज करते हुए आरोपी वेंकटेश को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या यह हत्या पूरी तरह सुनियोजित थी और क्या इसमें किसी और ने उसकी मदद की थी।
समाज के लिए एक चेतावनी और रिश्तों का भविष्य
यह घटना समाज के लिए एक कड़वा सबक है कि रिश्तों में अविश्वास की जगह कितनी खतरनाक हो सकती है। प्रेम विवाह के बाद भी अगर आपसी समझ की जगह शक ले ले, तो वह केवल विनाश ही लाता है। त्रिवेनी की मौत ने उसके दो मासूम बच्चों को अनाथ कर दिया है। सरकार और स्वयंसेवी संस्थाओं को (Women Safety Awareness) और घरेलू हिंसा के खिलाफ कड़े कदम उठाने की जरूरत है ताकि किसी और त्रिवेनी को शक की इस आग में अपनी जान न गंवानी पड़े। हैदराबाद के इस कांड ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि घरेलू हिंसा केवल शारीरिक नहीं, बल्कि एक गहरी मानसिक विकृति है।