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निर्मला सीतारमण द्वारा केंद्रीय बजट पेश किए जाने पर कांग्रेस ने किया तीखा हमला

नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी ने 23 जुलाई को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा केंद्रीय बजट पेश किए जाने से ठीक पहले शुक्रवार को केंद्र गवर्नमेंट पर तीखा धावा किया. पार्टी ने बेरोजगारी, मुद्रास्फीति, आर्थिक असमानता, खपत, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) और व्यापार असंतुलन सहित कई मोर्चों पर गवर्नमेंट की आलोचना की.Download 11zon 2024 07 19t184243. 638 1

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कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने बजट को ‘बर्बाद आर्थिक परिदृश्य’ का अगुवाई करने वाला कहा और बीजेपी (भाजपा) पर ‘असली भारत’ की वास्तविकताओं से अलग होने का इल्जाम लगाया. उन्होंने तर्क दिया कि बजट इस अलगाव को दर्शाएगा, जिससे सिर्फ़ कुछ चुनिंदा लोगों को ही फायदा होगा. पीएम मोदी को संबोधित एक्स पर एक पोस्ट में, कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने गवर्नमेंट पर रोजगार के मुद्दों पर जनता को गुमराह करने का इल्जाम लगाया. उन्होंने आरबीआई (RBI) और तरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) के बीच डेटा में विसंगतियों पर प्रश्न उठाते हुए कहा, “नौकरियों पर एक के बाद एक असत्य बोलकर, आप युवाओं के घावों पर नमक छिड़क रहे हैं!”

श्रीनेत ने हिंदुस्तान में आर्थिक असमानता के बिगड़ने पर प्रकाश डाला और दावा किया कि यह ब्रिटिश शासन के दौरान की तुलना में अधिक गंभीर है. उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान की शीर्ष 1% जनसंख्या के पास अब राष्ट्र की 40.10% संपत्ति है, जबकि निचले 50% के पास सिर्फ़ 6.40% संपत्ति है. उन्होंने बढ़ती महंगाई और घटती आय के स्तर को लेकर भी गवर्नमेंट पर निशाना साधा. श्रीनेत ने कहा, “मुद्रास्फीति बढ़ रही है, साथ ही आय के स्तर में भी गिरावट आ रही है. इस राष्ट्र में लगभग 48% परिवार घटती आय और बढ़ती कीमतों से पीड़ित हैं, जिससे जीवित रहने के लिए बचत पर निर्भरता बढ़ रही है.

श्रीनेत के अनुसार, खाद्य मुद्रास्फीति लगातार 9% से ऊपर बनी हुई है. उन्होंने कहा, “उच्च कीमतों और बढ़ती मुद्रास्फीति ने गरीब और मध्यम वर्ग को बुरी तरह प्रभावित किया है. आज की वास्तविकता यह है कि लोगों को भोजन, कपड़े और परिवहन के लिए अधिक भुगतान करना पड़ता है.” बेरोजगारी के मामले को संबोधित करते हुए, श्रीनेत ने इस साल के बजट में इसे सर्वोच्च अहमियत देने की जरूरत पर बल दिया. उन्होंने विमुद्रीकरण, GST और Covid-19 के प्रभावों का हवाला दिया, जिसके परिणामस्वरूप अनौपचारिक क्षेत्र में 10.6 मिलियन नौकरियां और 270,000 केंद्रीय पीएसयू नौकरियां चली गईं. उन्होंने 2013 में 13% से 2022 में 43% तक अनुबंध मजदूरों की वृद्धि का भी उल्लेख किया.

श्रीनेत ने एफएमसीजी क्षेत्र में कीमतों में कटौती के बावजूद राष्ट्र में खपत में कमी पर चिंता व्यक्त की. उन्होंने ऑटोमोबाइल क्षेत्र में खपत में गिरावट को भी उजागर किया, जिसमें लगभग 60,000 करोड़ रुपये की अनबिकी कारें हैं. एफडीआई और व्यापार मुद्दों पर चर्चा करते हुए, श्रीनेत ने एफडीआई के ‘सुस्त’ स्तरों और बढ़ते व्यापार असंतुलन के लिए गवर्नमेंट की आलोचना की. उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान को अपने शीर्ष दस व्यापारिक भागीदारों में से नौ के साथ व्यापार घाटा है. विशेष रूप से, उन्होंने चीन के साथ 118 बिलियन $ के द्विपक्षीय व्यापार का उल्लेख किया, जिसमें से 80 बिलियन $ का व्यापार घाटा है. उन्होंने कहा, “हम अपने राष्ट्र में घुसपैठ करने के लिए चीनी सेना को वित्त पोषित कर रहे हैं और उन्हें अमीर बना रहे हैं.

श्रीनेत ने $ के मुकाबले रुपये की गिरती मूल्य को लेकर भी मोदी गवर्नमेंट की आलोचना की. उन्होंने कहा, “पीएम मोदी ने एक बार बोला था कि उनकी गरिमा रुपये की मूल्य से जुड़ी है. उन्हें यह 58 रुपये प्रति $ के हिसाब से विरासत में मिला था, और अब यह 84 रुपये प्रति $ है.” उन्होंने आगे गवर्नमेंट पर कृषि, शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्रों में निवेश कम करने का इल्जाम लगाया. श्रीनेत ने इल्जाम लगाते हुए बोला कि बीजेपी ने स्टील और सीमेंट से लेकर टेलीकॉम और एविएशन तक कई क्षेत्रों में एकाधिकार स्थापित कर लिया है.

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