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Arvind Kejriwal Birthday : जानें इनका जीवन परिचय

अरविंद केजरीवाल (अंग्रेज़ी: Arvind Kejriwal, जन्म: 6 जून, 1968) दिल्ली के वर्तमान सीएम हैं. वह एक भारतीय सामाजिक कार्यकर्ता रहे हैं. खड़गपुर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान से स्नातक केजरीवाल को आरटीआई (सूचना का अधिकार) कार्यकर्ता के रूप में जाना जाता है. इन्हें 2006 में ‘आकस्मिक नेतृत्व (इमरजिंग लीडरशिप)’ के लिए रमन मैगसेसे पुरस्कार से सम्मानित किया गया. अरविंद केजरीवाल ने 26 नवंबर, 2012 को एक नये सियासी दल आम आदमी पार्टी का गठन किया और दिसम्बर, 2013 में हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में तत्कालीन सीएम शीला दीक्षित को हराकर राजनीति में धमाकेदार प्रवेश किया और 28 दिसम्बर, 2013 को दिल्ली के सीएम पद की शपथ ली. तब उनकी गवर्नमेंट केवल 49 दिन ही चल सकी. विधानसभा में जनलोकपाल बिल पेश करने में असफल रहने के बाद उन्होंने अपना त्याग-पत्र 14 फ़रवरी, 2014 को उपराज्यपाल नजीब जंग को सौंप दिया था. इसके ठीक एक वर्ष बाद अरविंद केजरीवाल ने विधानसभा चुनाव 2015 में ऐतिहासिक जीत दर्ज करते हुए 14 फ़रवरी, 2015 को दुबारा सीएम पद की शपथ ली. अब वह तीसरी बार 16 फ़रवरी, 2020 से सीएम पद पर आसीन हैं.

जीवन परिचय

अरविंद केजरीवाल का जन्म 6 जून, 1968 में हरियाणा के हिसार में हुआ और उन्होंने 1989 में आईआईटी खड़गपुर से मैकेनिकल (यांत्रिक) इंजीयरिंग में स्नातक (बीटेक) की उपाधि प्राप्त की. पिता गोविंदराम केजरीवाल जिंदल स्टील में इंजीनियर थे. टाटा स्टील कंपनी के साथ अपनी जॉब छोड़ने के बाद, वह मिशनरीज ऑफ चैरिटी और पूर्वी और पूर्वोत्तर हिंदुस्तान में रामकृष्ण मिशन के साथ काम करते रहे. बाद में, 1992 में वे भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस/सिविल सर्विसेस, भारतीय सिविल सेवा का एक हिस्सा) में आ गए, और पहली पोस्टिंग में उन्हें दिल्ली में इनकम टैक्स विभाग में इनकम टैक्स आयुक्त (कमिश्नर) नियुक्त किया गया. उन्होंने कुछ विदेशी कंपनियों के काले कारनामे पकड़े कि किस तरह वे भारतीय इनकम टैक्स क़ानून को तोड़ती हैं. उन्हें धमकियां मिलीं और फिर स्थानांतरण भी हो गया, जिसके बाद उनका सरकारी सेवा से मोहभंग हो गया.

भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ जंग

जनवरी 2000 में, उन्होंने काम से आराम ले लिया और दिल्ली आधारित एक नागरिक आन्दोलन ‘परिवर्तन’ नामक संस्था की स्थापना की, जो एक पारदर्शी और जवाबदेह प्रशासन को सुनिश्चित करने के लिए काम करता है. इसके बाद, फ़रवरी 2006 में, उन्होंने जॉब से त्याग-पत्र दे दिया, और पूरे समय के लिए केवल ‘परिवर्तन’ में ही काम करने लगे.

सूचना अधिकार अधिनियम के लिए अभियान

राजस्थान कैडर की आईएएस अधिकारी अरुणा रॉय और कई अन्य लोगों के साथ मिलकर, उन्होंने सूचना अधिकार अधिनियम के लिए अभियान प्रारम्भ किया, जो शीघ्र ही एक मूक सामाजिक आन्दोलन बन गया. दिल्ली में सूचना अधिकार अधिनियम को 2001 में पारित किया गया और अंत में राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय संसद ने 2005 में सूचना अधिकार अधिनियम (आरटीआई) को पारित कर दिया. इसके बाद, जुलाई 2006 में, उन्होंने पूरे हिंदुस्तान में आरटीआई के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए एक अभियान प्रारम्भ किया.

आम आदमी पार्टी का गठन

मुख्य लेख : आम आदमी पार्टी
2 अक्तूबर 2012 को महात्मा गाँधी और लालबहादुर शास्त्री के चित्रों से सजी पृष्ठभूमि वाले मंच से अरविंद केजरीवाल ने अपने सियासी यात्रा की औपचारिक आरंभ कर दी. उन्होंने बाकायदा गांधी टोपी, जो अब “अण्णा टोपी” भी कहलाने लगी है, पहनी थी. वो शायद वही नारा लिखना पसंद करते जो पूरे “अन्ना आंदोलन” के दौरान टोपियों पर दिखाई देता रहा, “मैं अन्ना हजारे हूं.” लेकिन उन्हें अन्ना के नाम और तस्वीर के इस्तेमाल की इजाज़त नहीं है. इसलिए उन्होंने लिखवाया, “मैं आम आदमी हूं.” उन्होंने 2 अक्टूबर 2012 को ही अपने भावी सियासी दल का दृष्टिकोण पत्र भी जारी किया. आम आदमी पार्टी के गठन की आधिकारिक घोषणा अरविंद केजरीवाल एवं लोकपाल आंदोलन के बहुत से सहयोगियों द्वारा 26 नवम्बर 2012, भारतीय संविधान अधिनियम की 63 वीं वर्षगांठ के अवसर पर दिल्ली स्थित क्षेत्रीय जंतर मंतर पर की गई.

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2013

2013 के दिल्ली विधानसभा चुनावों में अरविंद केजरीवाल ने नयी दिल्ली सीट से चुनाव लड़ा जहां उनकी सीधी भिड़न्त लगातार 15 वर्ष से दिल्ली की सीएम शीला दीक्षित से थी. उन्होंने नयी दिल्ली विधानसभा सीट से तीन बार की सीएम शीला दीक्षित को 22 हज़ार मतों से हराया. नौकरशाह से सामाजिक कार्यकर्ता और सामाजिक कार्यकर्ता से राजनीतिज्ञ बने अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने दिल्ली की राजनीति में धमाकेदार प्रवेश किया. आम आदमी पार्टी ने 70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा चुनाव में 28 सीटें जीतकर प्रदेश की राजनीति में हड़कंप मचा दी. इस चुनाव में आम आदमी पार्टी बीजेपी के बाद दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी. सत्तारूढ़ काँग्रेस पार्टी केवल 10 सीटें लेकर तीसरे जगह पर खिसक गयी.

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2015

दिल्ली विधान सभा चुनाव 2015, 7 फ़रवरी 2015 को आयोजित किया गया और रिज़ल्ट 10 फ़रवरी 2015 को घोषित किया गया. यह चुनाव दिल्ली के 70 विधानसभा सीटों पर लड़ा गया. अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी ने 70 में से रिकॉर्ड 67 सीटें जीत कर भारी बहुमत हासिल किया. 14 फ़रवरी 2015 को वे दोबारा दिल्ली के सीएम पद पर आसीन हुए. इस चुनाव में बीजेपी सिर्फ़ 3 सीट जीत पाई और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी का खाता भी नहीं खुला.

सम्मान और पुरस्कार

  • 2004: अशोक फैलो, सिविक अंगेजमेंट
  • 2005: ‘सत्येन्द्र दुबे मेमोरियल अवार्ड’, आईआईटी कानपुर, गवर्नमेंट पारदर्शिता में लाने के लिए उनके अभियान हेतु
  • 2006: उत्कृष्ट नेतृत्व के लिए रेमन मैग्सेसे पुरस्कार
  • 2006: लोक सेवा में सीएनएन आईबीएन, ‘इन्डियन ऑफ़ द इयर’
  • 2009: विशिष्ट पूर्व विद्यार्थी पुरस्कार, उत्कृष्ट नेतृत्व के लिए आईआईटी खड़गपुर.

पुस्तकें

सूचना का अधिकार: व्यावहारिक मार्गदर्शिका- सह लेखक – विष्णु राजगडिया, राजकमल प्रकाशन, नयी दिल्ली द्वारा साल 2007 में प्रकाशित.

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