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Air Quality Index India: सांसों पर छाया संकट, दिल्ली की जहरीली धुंध और मुंबई की बिगड़ती हवा ने बढ़ाई देश की फिक्र

Air Quality Index India: देश की राजधानी दिल्ली एक बार फिर गैस चैंबर में तब्दील होती नजर आ रही है, जहां सुबह की शुरुआत जहरीले धुएं की मोटी चादर के साथ हुई। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के ताजा आंकड़ों ने चिंता बढ़ा दी है, खासकर आनंद विहार इलाके में जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 491 के खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। इस स्तर को (Severe Pollution Category) की श्रेणी में रखा जाता है, जो स्वस्थ लोगों के लिए भी बेहद हानिकारक है। पूरी दिल्ली में धुंध की वजह से दृश्यता काफी कम हो गई है, जिससे आम जनजीवन और यातायात बुरी तरह प्रभावित हो रहा है।

Air Quality Index India
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धौला कुआं और कश्मीरी गेट पर प्रदूषण की मार

राजधानी के अन्य महत्वपूर्ण इलाकों की स्थिति भी कुछ खास बेहतर नहीं है। धौला कुआं क्षेत्र में एक्यूआई 266 दर्ज किया गया है, जिसे विशेषज्ञों ने ‘खराब’ श्रेणी में रखा है। वहीं, आईएसबीटी कश्मीरी गेट जैसे भीड़भाड़ वाले इलाके में हवा और भी अधिक जहरीली हो गई है, वहां (Atmospheric Smog Layer) ने दृश्यता को शून्य के करीब पहुंचा दिया है और एक्यूआई 384 तक जा पहुंचा है। यह प्रदूषण स्तर न केवल फेफड़ों के लिए घातक है, बल्कि आंखों में जलन और सांस लेने में कठिनाई जैसी गंभीर समस्याएं भी पैदा कर रहा है।

कोहरे और प्रदूषण के बीच आईजीआई एयरपोर्ट पर एलवीपी लागू

दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर घने कोहरे और प्रदूषण के कारण विमानों के संचालन में चुनौती आ रही है। गुरुवार सुबह दृश्यता का स्तर गिरने के बाद हवाई अड्डा अधिकारियों ने कम दृश्यता प्रक्रियाओं यानी एलवीपी को लागू कर दिया है। (Aviation Safety Protocol) का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि खराब विजिबिलिटी के बावजूद विमान सुरक्षित रूप से लैंड और टेक-ऑफ कर सकें। हालांकि, अभी उड़ानें सामान्य रूप से जारी हैं, लेकिन अधिकारियों ने यात्रियों को सलाह दी है कि वे अपनी फ्लाइट की स्थिति की जानकारी एयरलाइन ऑपरेटर से लेते रहें।

मुंबई की हवा में भी घुला जहर, बीकेसी में प्रदूषण बढ़ा

माया नगरी मुंबई, जिसे अक्सर अपनी समुद्री हवाओं के कारण दिल्ली से बेहतर माना जाता है, वहां भी अब प्रदूषण का असर दिखने लगा है। बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (BKC) के आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 148 तक पहुंच गया है। फिलहाल इसे (Moderate Air Quality) की श्रेणी में रखा गया है, लेकिन आने वाले दिनों में इसके और बिगड़ने की आशंका है। मुंबई के विभिन्न हिस्सों में प्रदूषण का स्तर अलग-अलग है, जो शहर के बदलते मौसम और निर्माण कार्यों के प्रभाव को दर्शाता है।

चेंबूर और घाटकोपर की स्थिति सबसे अधिक चिंताजनक

मुंबई के उपनगरों की बात करें तो चेंबूर में हवा की गुणवत्ता काफी खराब पाई गई है, जहां एक्यूआई 182 दर्ज किया गया है। इसके बाद घाटकोपर का नंबर आता है, जहां सूचकांक 161 तक पहुंच गया है। इन इलाकों में रहने वाले (Urban Air Pollution) के शिकार लोगों को मास्क पहनने और सुबह की सैर से बचने की सलाह दी जा रही है। दूसरी ओर, माजगांव और वर्ली जैसे क्षेत्रों में हवा अभी भी मध्यम स्तर पर बनी हुई है, जो कुछ हद तक राहत की बात है।

मलाड और कुर्ला में क्या है वायु गुणवत्ता की स्थिति?

मुंबई के अन्य हिस्सों जैसे चकाला-अंधेरी पूर्व में एक्यूआई 114 और कुर्ला में 126 दर्ज किया गया है। शहर में सबसे स्वच्छ हवा मलाड पश्चिम में रही, जहां सूचकांक केवल 51 था। यह (Satisfactory Pollution Levels) की श्रेणी में आता है, जो मानव स्वास्थ्य के लिए अपेक्षाकृत सुरक्षित है। प्रदूषण का यह असमान वितरण औद्योगिक गतिविधियों और स्थानीय भौगोलिक परिस्थितियों पर निर्भर करता है, जिसे प्रशासन अब गंभीरता से ट्रैक कर रहा है।

एक्यूआई का वर्गीकरण और आपके स्वास्थ्य पर असर

प्रदूषण को मापने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले एक्यूआई के मानक काफी सख्त हैं। 0-50 तक ‘अच्छा’ और 51-100 तक ‘संतोषजनक’ माना जाता है। लेकिन जैसे ही यह 101-200 के बीच पहुंचता है, इसे ‘मध्यम’ कहा जाता है। 201 से ऊपर जाते ही (Public Health Risk) बढ़ने लगता है। 400 से ऊपर का स्तर ‘गंभीर’ माना जाता है, जिसमें लंबे समय तक रहने से श्वसन संबंधी बीमारियां हो सकती हैं। उत्तर भारत में प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए इंडिगो जैसी एयरलाइंस ने भी यात्रियों को संभावित देरी के लिए पहले ही चेतावनी जारी कर दी है।

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