पश्चिम बंगाल के लोकसभा चुनाव में दिलीप घोष का बदला निर्वाचन क्षेत्र
कोलकाता: लोकसभा चुनाव 2024 की जंग में 370 सीटों का टार्गेट लेकर चल रही बीजेपी के लिए पश्चिम बंगाल एक सबसे अहम राज्य है। यहां लोकसभा की 42 सीटें हैं। यहां मुख्य मुकाबला सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस पार्टी और बीजेपी के बीच है। बीते लोकसभा चुनाव में इस राज्य में बीजेपी का प्रदर्शन बहुत बढ़िया रहा था। उसे 18 सीटों पर जीत मिली थी। उस समय राज्य में बीजेपी की कमान दिलीप घोष के हाथों में थी।
अब दिलीप घोष के बारे में ही कई खबरें आ रही हैं। पहली समाचार यह है कि इस लोकसभा चुनाव में दिलीप घोष का निर्वाचन क्षेत्र बदल दिया गया है। उन्हें उनकी परिचित सीट मेदिनीपुर से टिकट नहीं मिला है। उन्हें यहां से हटाकर बर्दवान-दुर्गापुर निर्वाचन क्षेत्र में भेजा गया है। रविवार रात को बीजेपी उम्मीदवारों की एक और सूची आई। दिलीप घोष अब मेदिनीपुर से उम्मीदवार नहीं हैं। उनकी स्थान अग्निमित्रा को मेदिनीपुर से उम्मीदवार बनाया गया है। इस सूची में बंगाल के 18 अन्य क्षेत्रों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा की गई। लेकिन, दिलीप घोष की सीट बदलने की चर्चा सबसे अधिक है।
यहां से चुनाव लड़ेंगे दिलीप घोष
वैसे ऐसी अटकलें थीं कि दिलीप घोष को मेदिनीपुर से हटाया जा सकता है। बंगाल के पूर्व बीजेपी अध्यक्ष को अब एक मुश्किल क्षेत्र में भेजा गया है। वहां उनके प्रतिद्वंद्वी पूर्व विश्व कप विजेता क्रिकेटर और बीजेपी के टिकट पर दो बार सांसद रहे कीर्ति आजाद हैं। इस बार कीर्ति आजाद बर्दवान-दुर्गापुर सीट से तृणमूल के टिकट पर मैदान में हैं।
दरअसल, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष पद से हटने के बाद से ही दिलीप घोष की सक्रियता लगातार कम होती गई। नरेंद्र मोदी की राज्य की पिछली कुछ यात्राओं में दिलीप को नहीं देखा गया था। इस महीने की आरंभ में आरामबाग और कृष्णानगर में मोदी की बैठकों में दिलीप घोष उपस्थित नहीं थे। इसके साथ ही बीजेपी की पहले चरण की 20 सीटों की सूची में दिलीप घोष का नाम नहीं था।
लेकिन, दिलीप घोष को मेदिनीपुर से बर्दवान-दुर्गापुर क्यों भेजा गया? एक अंदरूनी सूत्र के अनुसार बीजेपी शीर्ष नेतृत्व मेदिनीपुर में तृणमूल उम्मीदवार के विरुद्ध एक स्त्री चेहरे को मैदान में उतारना चाहता था। इसलिए अग्निमित्रा को चुना गया। फिर दिलीप को बर्दवान-दुर्गापुर भेजने के पीछे तर्क यह है कि दिलीप ने आरएसएस प्रचारक रहते हुए बर्दवान-दुर्गापुर क्षेत्र में लंबे समय तक काम किया है। वह पूरे क्षेत्र को जानते हैं।