धनबाद में लगी राष्ट्रीय लोक अदालत, 85 हजार 803 वादों का हुआ निबटारा
नालसा के निर्देश पर साल 2024 की पहली राष्ट्रीय लोक न्यायालय का उद्घाटन शनिवार को धनबाद के प्रधान जिला और सत्र न्यायाधीश सह डालसा के चेयरमैन राम शर्मा ने किया। इस दौरान 85 हजार 803 वादों का निबटारा किया गया। वहीं कुल एक अरब 10 करोड़ 31 लाख 53 हजार 405 रुपए की रिकॉर्ड रिकवरी की गयी है। श्री शर्मा ने बोला कि नेशनल लोक न्यायालय संविधान की परिकल्पना को पूरी करने के दिशा में एक कदम है। नवंबर 2013 से पूरे राष्ट्र में नेशनल लोक न्यायालय का आयोजन हर तीन माह पर किया जा रहा है। हमारा संविधान हर लोगों को सामाजिक, आर्थिक और सस्ता सुलभ इन्साफ की गारंटी देता है।
आम लोगों के भलाई के लिए राष्ट्रीय लोक न्यायालय का आयोजन
जिला और सत्र न्यायाधीश कुलदीप ने बोला कि राष्ट्रीय लोक न्यायालय आम आदमी के भलाई के लिये लगाये जाते हैं। बिना प्रशासनिक योगदान के हम समाज तक इन्साफ नहीं पहुंचा सकते। मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी आरती माला ने बोला कि लोक न्यायालय में महीनों न्यायालय का चक्कर लगाने और पैसे की बर्बादी से बचा जा सकता है। इससे लोगों को मानसिक शांति भी मिलती है। साथ ही प्रेम और सौहार्द आपस में फिर से बन जाता है। लोगों में प्रेम, शाति, समृद्धि और समरसता बनी रहे, यही इस लोक न्यायालय का मुख्य उद्देश्य है।
इससे होती है समय और पैसे की बचत
अवर न्यायाधीश सह सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार निताशा बारला ने बोला कि लोक न्यायालय के माध्यम से व्यापक पैमाने पर मुकदमों का निष्पादन किया जा रहा है। इसमें समय की बचत के साथ-साथ लोगों को कानूनी पचड़ों से मुक्ति भी मिल रही है। मुकदमों के निबटारे के लिए प्रधान जिला और सत्र न्यायाधीश के आदेश पर 15 बेंच का गठन किया गया था है। अवर न्यायाधीश सह सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार निताशा बारला और मुख्य न्यायाधीश दंडाधिकारी आरती माला ने कहा कि नेशनल लोक न्यायालय में शुरूआत के सिर्फ़ दो घंटे में ही 19 हजार 960 विवादों का निबटारा कर दिया गया था। बैंक लोन रिकवरी के 416, मोटरयान हादसा के 34, बिजली एक्ट से संबंधित 474 ,एन आई एक्ट से संबंधित 220, दीवानी मुकदमों से संबंधित 62, आपराधिक मुकदमे 389 और अन्य विभिन्न तरह के 80 हजार 753 विवादों का निबटारा किया गया।
ये न्यायाधीश थे मौजूद
न्यायिक पदाधिकारियों में प्रधान न्यायाधीश कुटुंब कोर्ट टी हसन, अतिरिक्त कुटुंब कोर्ट के न्यायाधीश एसएन मिश्रा, लेबर न्यायधीश प्रेमलता त्रिपाठी, जिला और सत्र न्यायाधीश सुजीत कुमार सिंह, आरके मिश्रा, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी आरती माला, अपर मुख्य दंडाधिकारी राजीव त्रिपाठी, सिविल न्यायधीश राकेश रोशन, अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी पूनम कुमारी, रेलवे न्यायिक दंडाधिकारी अंकित कुमार सिंह, प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी प्रगेश निगम, प्रतिमा उरांव, स्थायी लोक न्यायालय के अध्यक्ष पीयूष कुमार, सर्टिफिकेट ऑफिसर फागुनी राम, दिनेश सिंह, कंज्यूमर फोरम की सदस्य शिप्रा समेत डालसा के पैनल अधिवक्ता जया कुमारी, संदीप कुमार, पंचानन सिंह, रंजन कुमार सिंह, चरणजीत प्रमाणिक, अभिजीत कुमार साधु, नीरज कुमार सिंह, तारकनाथ चौबे, अरविंद कुमार सिंह, जमशेद काजी, महेंद्र गोप, बैंक के पदाधिकारी सीनियर मैनेजर नीरज प्रकाश ,अभिषेक कुमार, गौतम, रविकांत, प्रणव कुमार मिश्रा, इंश्योरेंस कंपनी के अधिकारी और विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे।