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जेपी नड्डा : झूठ + हिंदू से नफरत = संसद में राहुल गांधी जी

विपक्ष के नेता राहुल गांधी के विवादास्पद बयान के बाद बीजेपी (भाजपा) ने सोमवार को संसद के अंदर और बाहर दोनों स्थान विरोध किया है. लोकसभा में बोलते हुए, गांधी ने सत्तारूढ़ बीजेपी के सदस्यों पर सच्चे हिंदू नहीं होने का इल्जाम लगाया और दावा किया कि वे विभाजन और अत्याचार को बढ़ावा देते हैं. इसी को लेकर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने राहुल गांधी पर पलटवार किया है. जेपी नड्डा ने बोला कि पहला दिन, सबसे खराब प्रदर्शन! असत्य + हिंदू से नफरत = संसद में राहुल गांधी जी.

नड्डा ने बोला कि तीसरी बार असफल एलओपी के पास उत्तेजित, त्रुटिपूर्ण तर्क करने की क्षमता है. उनके आज के भाषण से पता चला है कि न तो उन्हें 2024 का जनादेश (उनकी लगातार तीसरी हार) समझ में आया है और न ही उनमें कोई विनम्रता है. उन्होंने बोला कि राहुल गांधी जी सभी हिंदुओं को हिंसक बताने के लिए तुरंत माफी मांगनी चाहिए. ये वही शख्स है जो विदेशी राजनयिकों को बता रहा था कि हिंदू आतंकी हैं हिंदुओं के प्रति यह आंतरिक नफरत बंद होनी चाहिए.‘ उन्होंने बोला कि विपक्ष के नेता अब 5 बार के सांसद हैं लेकिन उन्होंने संसदीय मर्यादाएं नहीं सीखीं और न ही उन्हें सभ्यता की समझ है.

भाजपा अध्यक्ष ने बोला कि वह बार-बार वार्ता के स्तर को कम कर देता है. आज सभापति के प्रति उनके वक्तव्य बहुत ख़राब थे. उनकी सत्यनिष्ठा और चरित्र पर अप्रमाणित आक्षेप लगाने के लिए वह सभापति से माफी मांगते हैं. उन्होंने बोला कि विपक्ष के नेता ने हमारे मेहनती किसानों और बहादुर सशस्त्र बलों से संबंधित मामलों सहित कई मामलों में साफ रूप से असत्य बोला. एमएसपी और अग्निवीर पर झूठे दावों के लिए केंद्रीय मंत्रियों द्वारा उनकी वकायदा तथ्य-जांच की गई. अपनी घटिया राजनीति के लिए वह हमारे किसानों और सुरक्षा बलों को भी नहीं बख्शेंगे.

उन्होंने बोला कि राष्ट्रपति के भाषण पर चर्चा स्वस्थ बहस के बारे में है. विपक्ष, अपनी ग़लत विजयी छवि के बावजूद, रचनात्मक नहीं, बल्कि विध्वंसक बना हुआ है. पिछले 60 सालों में कभी भी किसी विपक्ष को लगातार 3 बार ख़ारिज नहीं किया गया. वे जिस तरह से चल रहे हैं, आने वाले समय में वे अपने ही रिकॉर्ड को तोड़ देंगे. भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने बोला कि वह (राहुल गांधी) पहली बार विपक्ष के नेता बने हैं, उन्हें सम्मानपूर्वक कहना चाहिए लेकिन उन्होंने क्या कहा. क्या वह सदन में किसी अन्य धर्म की आस्था के बारे में ऐसे बयान दे सकते हैं?

बीजेपी सांसद नवीन जिंदल ने बोला कि मेरा मानना ​​है कि जब भी हम कोई टिप्पणी करें तो हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि हम अपने शब्दों का इस्तेमाल कैसे करते हैं, अपनी भाषा का इस्तेमाल कैसे करते हैं, इसलिए उन्होंने जो बोला वह निश्चित रूप से आपत्तिजनक था…बीजेपी सभी को साथ लेकर चलने में विश्वास करती है. भाजपा सांसद रवि किशन ने बोला कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण था… वह अपनी मेज पर और ऊपर से शिव जी की छवि फेंक रहा था और उठा रहा था. यह दुर्भाग्यपूर्ण था कि वह अपनी बहस में ईश्वर का इस्तेमाल कर रहे थे. उनके भाषण में अपरिपक्वता झलक रही थी और ऐसा लग रहा था जैसे वह सदन में केवल उकसाने के लिए आये हों… इस इमारत में सम्मान के साथ बोलने वाले सभ्य नेताओं की मेजबानी का इतिहास रहा है, लेकिन आज उस सब से समझौता कर लिया गया.

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