राष्ट्रीय

केंद्र केवल दर्शक नहीं बना रह सकता : शरद पवार

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार ने गुरुवार को एक बार फिर केंद्र पर धावा बोला. उन्होंने बोला कि केंद्र सिर्फ़ दर्शक नहीं बना रह सकता. उसे मराठा समुदाय और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) द्वारा आरक्षण की मांग से संबंधित मामलों को हल करने के लिए पहल करनी चाहिए.

मुद्दे को सुलझाने के लिए करें पहल

महाराष्ट्र में आरक्षण के मामले पर बढ़ते मराठा-ओबीसी संघर्ष के बारे में पूछे जाने पर पवार ने बोला कि इसका एक ही निवारण है कि केंद्र को इसे सुलझाने के लिए पहल करनी चाहिए. इसके लिए कानून तथा राज्य एवं केंद्र की नीतियों में संशोधन की आवश्यकता है. बता दें, पूर्व केंद्रीय मंत्री महाराष्ट्र के पुणे जिले के बारामती में संवाददाताओं से बात कर रहे थे.

यह है मांग

इस वर्ष फरवरी में महाराष्ट्र विधानसभा ने सर्वसम्मति से मराठा समुदाय को एक अलग श्रेणी के अनुसार शिक्षा और नौकरियों में अलग से 10 फीसदी आरक्षण देने वाला विधेयक पारित किया था. हालांकि, समुदाय ओबीसी समूह के अनुसार आरक्षण की मांग कर रहा है.

जरांगे कर रहे विरोध-प्रदर्शन

कार्यकर्ता मनोज जरांगे मराठाओं को कुनबी समाज में शामिल कराने मांग कर रहे हैं, जो अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) की श्रेणी में आती है. वे चाहते हैं कि मराठाओं के सभी रक्त संबंधियों का कुनबी जाति में पंजीकरण किया जाए. महाराष्ट्र में कुनबी खेती-बाड़ी से जुड़ा समुदाय है, जिसे ओबीसी में शामिल किया गया है. इन लोगों को सरकारी नौकरियों से लेकर शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण मिलता है. अब जरांगे मांग कर रहे हैं कि सभी मराठाओं को कुनबी प्रमाण पत्र जारी किए जाएं, इस प्रकार वे सरकारी नौकरियों और शिक्षा में कोटा के लिए पात्र हो जाएं.

मराठा आरक्षण की मांग के बीच दो ओबीसी कार्यकर्ता जालना जिले में भूख स्ट्राइक पर बैठे हैं और गवर्नमेंट से यह आश्वासन मांग रहे हैं कि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के मौजूदा आरक्षण में परिवर्तन नहीं किया जाएगा.

सरकारों को नीति में परिवर्तन करना होगा

पवार ने बोला कि राज्य और केंद्र सरकारों को नीति में परिवर्तन करना होगा. उन्होंने कहा, ‘सरकारों, विशेष रूप से केंद्र को दोनों समुदायों की मांगों का निवारण करने में प्रतिनिधित्व करनी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आंदोलन सीमा पार न कर पाए और सामाजिक तनाव उत्पन्न न हो. सरकारें इस मामले पर सिर्फ़ दर्शक बनकर नहीं रह सकतीं.

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