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इन 9 राज्यों में आने वाली है राज्यपाल की वेकेंसी

BJP Potential Governors List: लोकसभा चुनाव के बाद अब नेताओं की निगाहें गवर्नर की गद्दी पर टिकी हैं राष्ट्र के 9 राज्यपालों का पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा हो रहा है ऐसे में अटकलें तेज हैं कि बीजेपी ने जिन वरिष्ठ नेताओं को लोकसभा में मैदान में नहीं उतारा उन्हें गवर्नर का पद सौंप सकती है इस रेस में कई नेताओं के नाम की चर्चा हो रही है लेकिन लोकसभा के नतीजों के घोषणा के साथ ही बीजेपी के लिए गवर्नर की नियुक्ति भी टेढ़ी खीर बन चुकी है क्योंकि सहयोगी दलों को साथ लिए बिना बीजेपी इसपर निर्णय नहीं ले सकती गवर्नमेंट का संतुलन बनाए रखने के लिए गवर्नर के कुछ पद बीजेपी को एनडीए के सहयोगी दलों को भी देने होंगे

9 राज्यों को मिल सकते हैं नए राज्यपाल

पहले आपको बताते हैं किन राज्यों में गवर्नर की वैकेंसी आने वाली है…! राष्ट्र के 9 राज्य ऐसे हैं जहां के राज्यपालों का कार्यकाल जुलाई से सितंबर के मध्य में खत्म होने वाला है यूपी में आनंदी बेन पटेल, राजस्थान में कलराज मिश्र, गुजरात में आचार्य देवव्रत, केरल में आरिफ मोहम्मद खान, हरियाणा में बंडारू दत्तात्रेय, महाराष्ट्र में रमेश बैस, मणिपुर में अनुसुइया उइके, मेघालय में फागू चौहान और पंजाब में बनवारी लाल पुरोहित का गवर्नर के पद पर कार्यकाल समाप्त होने वाला है

पशुपति कुमार पारस का गवर्नर बनना तय?

अब बात करते हैं उन नेताओं की जिन्हें इन राज्यों का गवर्नर बनाया जा सकता है इनमें सबसे पहला नाम चिराग पासवान के चाचा पशुपति कुमार पारस का है लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने चिराग के समर्थन के लिए पशुपति पारस के साथ कई बैठक की थी पहले तो वे चिराग का साथ देने के लिए राजी नहीं हुए थे लेकिन बाद में उन्होंने चिराग का पूरा साथ दिया और इसका नतीजा भी अच्छा रहा चिराग और उनके उम्मीदवारों में पांच लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज की ऐसे में यह तय बताया जा रहा है कि बीजेपी पशुपति पारस को गवर्नर बना सकती है

भाजपा के इन वरिष्ठ नेताओं को मिल सकता है मौका

भाजपा के अन्य नेताओं की बात करें तो बीजेपी ने बिहार में अश्विनी चौबे को लोकसभा टिकट नहीं दिया था, यूपी में वीके सिंह ने लोकसभा चुनाव का उम्मीदवा घोषित होने से पहले ही चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा कर दी थी, ऐसे ही दिल्ली में डाक्टर हर्षवर्धन सिंह को बीजेपी ने चुनावी मैदान में नहीं उतारा था इन नेताओं के साथ बीजेपी लोकसभा चुनाव में हारे उम्मीदवारों को भी गवर्नर का पद सौंप सकती है

लोकसभा में हारे उम्मीदवारों की चर्चा

हारे हुए उम्मीदवारों की बात करें तो इसमें महेंद्र नाथ पांडेय और मेनका गांधी के नाम की चर्चा भी हो रही है इन दोनों ही नेताओं ने केंद्र में जरूरी विभागों की जिम्मेदारी संभाली है वहीं, भाजपा जेडीयू और टीडीप के वरिष्ठ नेताओं को भी 1-2 राज्यों में गवर्नर का पद सौंप सकती है

भारत में गवर्नर की नियुक्ति की प्रक्रिया क्या है?

भारत के राष्ट्रपति राज्यपालों की नियुक्ति करते हैं गवर्नर राष्ट्रपति को सम्बोधित अपने हस्ताक्षर सहित लेख द्वारा अपना पद त्याग सकते हैं गवर्नर पद के लिए योग्यताओं की बात करें तो इसके लिए भारतीय नागरिक होना जरूरी है 40 साल से कम उम्र का नहीं होना चाहिए किसी भी राज्य के विधानमंडल का सदस्य या संसद का सदस्य नहीं होना चाहिए पद धारण करने के समय फायदा का कोई अन्य पद नहीं धारण करना चाहिए

राष्ट्रपति करता है नियुक्ति

राष्ट्रपति अपने विवेकानुसार किसी भी आदमी को गवर्नर नियुक्त कर सकते हैं नियुक्ति के लिए आमतौर पर उस राज्य के सीएम और केंद्र गवर्नमेंट के संबंधित मंत्रालय से विचार-विमर्श किया जाता है राष्ट्रपति अपनी मुहर और हस्ताक्षर सहित एक अधिपत्र जारी करके गवर्नर की नियुक्ति करते हैं गवर्नर का पद कानूनी पद है गवर्नर राज्य का प्रमुख होता है, लेकिन वह कार्यपालिका का असली मुखिया नहीं होता है गवर्नर मंत्रिपरिषद की राय पर कार्य करता है

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