अमृतसर स्वर्ण मंदिर में इन कामों के करने की है मनाही
अमृतसर का स्वर्ण मंदिर पिछले कई वर्षों में लगातार चर्चा में है। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (SGPC) के नियमों को न मानने की वजह से वहां जाकर कई लोग मुश्किलों में फंस चुके हैं। ताजा टकराव गुजरात की दलित एक्टिविस्ट अर्चना मकवाना के ध्यान योग पर हुआ है। विश्व योग दिवस पर अर्चना मकवाना स्वर्ण मंदिर के दर्शन करने पहुंचीं थीं और फिर दर्शनों के बाद पवित्र तालाब के पास बैठकर ध्यान योग और शीर्षासन योग किया। इस पर SGPC बिफर गई और उनके विरुद्ध पुलिस में मुकदमा दर्ज करवा दिया। इसके बाद अर्चना ने सोशल मीडिया पर अपना माफीनामा भी जारी किया लेकिन कट्टरपंथी अब भी उन्हें जान से मारने की धमकी दे रहे हैं।
नामी शख़्सियतों पर नरमी क्यों?
इन विवादों के बीच SGPC पर लगातार इस बात के लिए प्रश्न उठ रहे हैं कि वह श्रद्धालुओं को परिसर में फोटो और वीडियो रिकॉर्डिंग से रोकने के लिए अपने 4 वर्ष पुराने आदेश को अब तक लागू नहीं करवा पाई है। अर्चना मकवाना ने जहां अपने योग के फोटो डाले, जिस पर SGPC बिफर गई थी। लेकिन इसके बाद पंजाबी फिल्मों के सिंगर- अभिनेता दिलजीत दोसांझ ने स्वर्ण मंदिर में दर्शन कर वहां धार्मिक क्रियाकलापों में भाग लिया और इसके फोटो सोशल मीडिया पर डाले। इसी तरह पंजाबी अदाकारा नीरू बाजवा ने भी स्वर्ण मंदिर की यात्रा का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया लेकिन उन पर कोई हल्ला नहीं मचा।
पहले भी उठ चुका है मुद्दा
वर्ष 2020 में अकाल तख्त के तत्कालीन कार्यवाहक जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने एसजीपीसी से इस मामले पर विचार करने के लिए बोला था। उनका बोलना था कि कई श्रद्धालुओं ने आपत्तिजनक बैकग्राउंड म्यूजिक के साथ स्वर्ण मंदिर की यात्रा के फोटो और वीडियो अपलोड किए थे। जत्थेदार ने यह बयान तीन लड़कियों के स्वर्ण मंदिर दर्शन करने और फिर उन फोटोज को पंजाबी गानों के बैकग्राउंड के साथ सोशल मीडिया पर शेयर करने पर आया था। उस मुद्दे में एसजीपीसी ने पुलिस में रिपोर्ट भी दर्ज करवाई थी। हालांकि अपनी भूल का अहसास होने पर तीनों लड़कियों ने माफी भी मांगी थी लेकिन एसजीपीसी पर कोई फर्क नहीं पड़ा।
स्वर्ण मंदिर में क्या करें, क्या न करें
- परिक्रमा करते समय पैरों को मोड़कर बैठना चाहिए।
- पवित्र कुंड पवित्र है, कृपया इसे प्रदूषित न करें।
- फोटोग्राफी/वीडियोग्राफी कठोर वर्जित है।
- सिर को कपड़े से ढककर स्वर्ण मंदिर में प्रवेश करें।
- गुरुद्वारा परिसर में छोटे कपड़े पहनने से बचें
- अपने जूते, मोज़े उतारें और उन्हें निर्दिष्ट ‘जोधा घर’ में जमा करें।
- अंदर जाने से पहले अपने हाथ-पैर धो लें।
- अपने आप को मोबाइल टेलीफोन का इस्तेमाल करने से रोकें क्योंकि इससे शांति भंग होती है।
- यदि जरूरी हो तो टेलीफोन को साइलेंट मोड पर रखें।
- परिसर के अंदर ले जाए जाने वाले हैंडबैग में प्रतिबंधित वस्तुएं न रखें।
- तम्बाकू, सिगरेट/बीड़ी, शराब या कोई भी अन्य मादक पदार्थ कठोर वर्जित है।
स्वर्ण मंदिर में लगाए गए हैं नोटिस बोर्ड
एसजीपीसी के प्रवक्ता हरभजन सिंह का बोलना है कि स्वर्ण मंदिर के अंदर विशाल स्क्रीन और नोटिस बोर्ड लगाए गए हैं, जिसमें श्रद्धालुओं से ऐसी फोटोग्राफी या वीडियोग्राफी करने से परहेज करने का निवेदन किया गया है, जो इस जगह की पवित्रता को धूमिल कर सकती है। उन्होंने बोला कि श्रद्धालुओं को इस गुरुद्वारे की पवित्रता को ध्यान में रखते हुए नैतिकता दिखानी चाहिए। उन्हें सोशल मीडिया पर सुर्खियां बटोरने के लिए किसी भी नापाक गतिविधि में शामिल होने से बचना चाहिए।‘
उन्होंने बोला कि श्रद्धालुओं के लिए स्वर्ण मंदिर के मुख्य द्वार पर क्या करें और क्या न करें दिखाने वाली एक डिजिटल स्क्रीन लगाई गई है। यह स्क्रीन पवित्र जगह पर पालन की जाने वाली आचार संहिता के बारे में पंजाबी, हिंदी और अंग्रेजी भाषाओं में जानकारी प्रदान करती है।
‘कड़े कदम उठाने को हो सकते हैं मजबूर’
एसजीपीसी के सचिव प्रताप सिंह कहते हैं कि आगंतुक स्मृति के प्रतीक के रूप में फोटोज़ खींच सकते हैं, लेकिन जिस तरह से कुछ लोग सोशल मीडिया पर इसका दुरुपयोग करते हैं, वह चिंता का कारण है। उन्होंने बोला कि अभी तक हमने गुरुद्वारे में मोबाइल और कैमरे ले जाने पर कड़ी शर्तें लगाने से परहेज किया है, लेकिन ऐसे ही चलता रहा तो हम कड़े कदम उठा सकते हैं। इसके लिए परिक्रमा मार्ग पर ड्यूटी में तैनात अपने कर्मचारियों को सावधान रहने का निर्देश जारी कर दिया गया है।